भारत के दौरे पर चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग कश्मीर पर नहीं करेंगे कोई बात
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बीजिंग। अगले माह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात होने वाली है। इस मुलाकात से पहले चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से बयान दिया गया है कि दोनों नेताओं की मीटिंग में कश्मीर मुद्दे का जिक्र नहीं होगा। मंगलवार को चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से आए इस बयान को भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक विजय करार दिया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो जिनपिंग 11 अक्टूबर को भारत आएंगे। यहां पर वह, पीएम मोदी के साथ दूसरे अनौपचारिक सम्मेलन में शिरकत करेंगे।
कश्मीर कोई बड़ा मुद्दा नहीं
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि दोनों नेता मुलाकात में रणनीतिक सोच और संबंधों की एक विस्तृत तस्वीर के बारे में चर्चा करेंगे। हुआ वीन के विदेश मंत्रालय में इनफॉर्मेशन डिपार्टमेंट की डायरेक्टर जनरल भी हैं। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि कश्मीर जैसी बातें मुलाकात में कोई बड़ा मुद्दा होंगी। लेकिन हां, दोनों नेताओं को जो सही लगेगा, उस पर बातचीत की जाएगी।' हुआ ने यह बात उन साउथ एशियन जर्नलिस्ट्स को बताई जो सरकार की ओर से चलाए जा रहे फेलोशिप प्रोग्राम के लिए बीजिंग पहुंचे थे। हुआ की ओर से इस बात की कोई जानकारी नहीं दी गई कि दोनों नेताओं के बीच हो रहे इस दूसरे अनौपचारिक सम्मेलन की तारीख और इसकी जगह क्या तय हुई है। मोदी और जिनपिंग के बीच पहली अनौपचारिक मुलाकात अप्रैल 2018 में चीन के वुहान में हुई थी।
समर्थन हासिल करने की कोशिशों में पाकिस्तान
हुआ का बयान ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान जम्मू कश्मीर के मसले पर दुनिया भर का समर्थन हासिल करने की कोशिशों में लगा हुआ है। पांच अगस्त को भारत ने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटा दिया है और राज्य को मिला विशेष दर्जा भी खत्म कर दिया है। पिछले हफ्ते हालांकि भारत और चीन के बीच लद्दाख में तनाव की स्थिति उस समय पैदा हो गई जब चीनी सैनिक सीमा के अंदर तक दाखिल हो गए। चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच झड़प की खबरें भी आई थीं। हुआ ने यह भी बताया कि पीएम मोदी और जिनपिंग रणनीति सोच पर चर्चा के लिए भी कुछ समय निकालेंगे। जब उनसे भारत पाकिस्तान के संबंधों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि दोनों देशों के यूएन चार्टर और प्रस्तावों के तहत अपने मतभेदों को दूर करने की कोशिशें करनी चाहिए।