India-China:चीन बोला सीमा पर स्थिर हैं हालात, बातचीत से ही निकालेंगे विवाद का हल
Indi-China:चीन बोला सीमा पर स्थिर हैं हालात, बातचीत से ही निकालेंगे विवाद का हल
नई दिल्ली। चीन ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर पिछले कुछ हफ्तों से आक्रामक रुख अपनाया हुआ था, इस मुद्दे पर कई बार बातचीत हुई थी लेकिन रिजल्ट सिफर ही रहा था। लेकिन 6 जून को शनिवार को भारत और चीन के कोर कमांडर्स के बीच मोल्डो में लंबी बैठक हुई , भारतीय दल का नेतृत्व 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया तो वहीं चीन की तरफ से मेजर जनरल लियू लिन बैठक में शामिल हुए, मीडिया सूत्रों के मुताबिक बैठक में भारत ने चीन से अप्रैल 2020 में जो स्थिति सीमा पर थी, उसको वापस बरकरार करने को कहा है। इसी बीच अब चीन की ओर से भी बयान आया है।
ये बयान चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चुनयिंग ने भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद को लेकर दिया है उन्होंने कहा कि सीमा क्षेत्रों पर स्थितियां फिलहाल स्थिर हैं और नियंत्रण में हैं। भारत में चीन के राजदूत सुन वेईडॉन्ग ने बताया कि चुनयिंग ने कहा है कि भारत और चीन के पास ऐसे मसलों को बातचीत और परामर्श के जरिए सुलझाने की क्षमता है और वह ऐसा चाहते हैं कि दोनों के बीच विवाद बातचीत करके सुलझ जाएं।
प्रवक्ता चुनयिंग ने कहा कि सीमा क्षेत्रों की स्थितियों पर चीनी और भारतीय सैन्य अधिकारियों के बीच छह जून को हुई बैठक में विस्तार से चर्चा की गई थी। चीन और भारत ने राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से सीमा मुद्दों को हल करने पर निकट संचार बनाए रखा है। चीनी राजदूत के मुताबिक चुनयिंग ने इस बात पर जोर दिया कि चीन और भारत नेताओं की महत्वपूर्ण सहमति को लागू करने पर सहमत हुए हैं। ऐसा विवादों में मतभेदों को मोड़ने के लिए नहीं दोनों देशों के बीच विवादों को सुलझाने के लिए हैं। हम चाहते हैं कि दोनों देश सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के लिए एक साथ काम करें।
Border areas situation were discussed during the meeting b/t Chinese & Indian military officials on Jun 6. China & India have maintained close communication on resolving border issues through diplomatic & military channels: China's Ambassador to India quoting Chinese FM Spox pic.twitter.com/skiBKYOzZT
— ANI (@ANI) June 8, 2020
बता दें चीन ने लद्दाख में एक बार फिर हिमाकत तो की है लेकिन इस बार भी उसे करारा जवाब मिला है। उसके पास पीछे हटने के सिवाय कोई रास्ता नहीं बचा हैं। मोदी सरकार ने चीन को दो टूक पहले ही कह दिया कि वो आंख न दिखाए क्योंकि आज का भारत 1962 वाला भारत नहीं है। भारतीय सेना भी चीन को पीछे धकेलने को मजबूर कर दिया। दरअसल एक महीने से इंडिया और चाइना के बीच लद्दाख में दोनों सेनाओं को लेकर तनातनी चल रही है, पैंगोंग लेक के फिंगर 4 और फिंगर 8 को लेकर है विवाद गहराया हुआ है, अप्रैल से पहले सेना फिंगर 8 तक पेट्रोलिंग करने जाती थी लेकिन अब चीनी सेना भारतीय सेना को फिंगर 4 से आगे बढ़ने नही दे रही है, चीनी सेना की आपत्ति है भारत बॉर्डर पर सड़क क्यों बना रहा है जबकि भारत का कहना है सड़क वाली जगह बॉर्डर से दूर और उसका इलाका है।
वहीं देश के रक्षा मंत्री ने राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमा मुद्दों को हल करने पर नजदीकी संचार बनाए रखा है। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ये भी कहा कि छह जून को हुई बैठक के परिणाम बहुत सकारात्मक रहे हैं। सिंह ने सोमवार को कहा कि चीन के साथ भारत की सैन्य और राजनयिक स्तर की वार्ता सकारात्मक रही है और आगे भी जारी रहेगी। वीडियो लिंक के माध्यम से भाजपा की महाराष्ट्र जन-सम्मान रैली को संबोधित करते हुए, मंत्री ने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि जहां तक भारत-चीन सीमा पर स्थिति का संबंध है, भारत का गौरव प्रभावित नहीं हो। सिंह ने कहा कि "भारत और चीन के बीच सीमा विवाद लंबे समय से चल रहा है। हम इसे जल्द से जल्द हल करना चाहते हैं।
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