चीनी कंपनियों के बैन पर तिलमिलाया 'ड्रैगन', कहा- उम्मीद करते हैं भारत में भेदभाव जल्द खत्म होगा
नई दिल्ली। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की हरकतों को देखते हुए भारत ने शी जिनपिंग सरकार को आर्थिक मोर्चे पर एक के बाद एक बड़े झटके दे रहा है। गत सोमवार 59 चीनी ऐप्स को बैन करने के बाद अब भारत सरकार ने चीनी कंपनियों को भारत में सड़क परियोजनाओं और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (MSME) से दूर करने की भी तैयारी कर ली है। मोदी सरकार के इस फैसले के बाद चीन की कॉमर्स मिनिस्ट्री का बयान सामने आया है। मंत्रालय ने भारत में चीनी कंपनियों के खिलाफ चलाए गए अभियान को भेदभावपूर्ण बताया है।
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गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में चीन सेना के साथ हुए हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। इस घटना के बाद पूरे देश का गुस्सा चीन के खिलाफ सड़कों पर उतरा और लोगों ने चीनी उत्पादों के बहिष्कार की मांग की। इस बीच मोदी सरकार ने भी चीन को सबक सिखाते हुए 59 चीनी ऐप्स को भारत में बैन कर दिया। इतना ही नहीं अब केंद्र सरकार सड़क परियोजनाओं और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों से भी चीन की बड़ी कंपनियों को दूर करने की तैयारी कर ली है।
We hope India to correct its discriminatory actions against Chinese companies immediately, reports Reuters quoting China Commerce Ministry
— ANI (@ANI) July 2, 2020
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि भारत सरकार चीनी कंपनियों को राजमार्ग परियोजनाओं का हिस्सा बनने की अनुमति नहीं देगी। उन्होंने कहा सरकार यह भी सुनिश्चित करेगी की सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) जैसे विभिन्न क्षेत्रों चीन की कंपनियां निवेश ना कर सकें। भारत में चीन के बहिष्कार पर गुरुवार को चीन की कॉमर्स मिनिस्ट्री ने कहा है कि हम उम्मीद करते हैं कि भारत चीनी कंपनियों के खिलाफ अपने भेदभावपूर्ण कार्यों को जल्द ही ठीक करेगा और संबंधों में सुधार लाएगा।
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