वन चाइल्ड पॉलिसी वाला चीन अब आबादी में कमी होने से क्यों है परेशान?
बीजिंग। दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाले मुल्क चीन की जनसंख्या में पिछले साल कमी आई है और ऐसा 70 सालों में पहली बार हुआ है। चीन में पिछले कई दशकों से जनसंख्या नियंत्रण करने के लिए वहां की सरकार अलग-अलग योजनाएं बना रही है। चीन की जनता सरकार के आदेश के बाद एक स्थिर जनसंख्या के लिए वन चाइल्ड पॉलिसी को अपनाते हुए आ रही है, लेकिन बीच में एकदम से बच्चों की ज्यादा कमी होने के वजह से जनसंख्या का संतुलन बिगड़ गया था। जिसके बाद सरकार ने कपल्स को दो बच्चे पैदा करने की अनुमति दे दी थी। यी फुक्सियान की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2018 में 20 लाख पचास हजार बच्चों की कमी हुई है। हालांकि, आबादी कम होने की वजह से चीन ने चिंता व्यक्त की है।
आबादी के लिए पिछला साल रहा टर्निंग पॉइंट
चीन में पिछले साल आयी जनसंख्या में कमी के बाद विशेषज्ञों का मानना है कि चीन की धीमी पड़ी अर्थव्यवस्था के लिए यह जनसांख्यिकी संकट एक चेतावनी की तरह है। जनसंख्या में चीन के रूरल और अर्बन एरिया में आबादी पर स्टड़ी करने वाले वाले यी ने कहा कि पिछले साल चीन की आबादी के लिए एक ऐतिहासिक टर्निंग पॉइंट रहा। यी ने आगाह किया कि घटती आबादी के इस ट्रेंड को अब शायद बदला ना जा सके। ऐसा इसलिए कि यहां बच्चा पैदा करने के लिए उपयुक्त उम्र की महिलाओं की संख्या में कमी आई है। दूसरी तरफ, शिक्षा, स्वास्थ्य और घर पर बढ़ते खर्च की वजह से कपल्स ज्यादा बच्चे नहीं पैदा करना चाहते हैं।
कुल आबादी में 10 लाख 27 की कमी आई
यी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि पिछले साल चीन में 1 करोड़ 10 लाख लोगों की मौत हुई हैं और कुल आबादी में 10 लाख 27 की कमी आई। यी ने न्यूज एजेंसी एएफपी ने कहा कि 1949 में चीन की स्थापना के बाद से पहली बार किसी वर्ष में आबादी में कमी देखने को मिली है। उन्होंने कहा कि इससे लोगों के बीच उम्र में असतुंलन और आर्थिक जीनवक्षमता को कमजोर करने का काम किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की सबसे ज्यादा आबादी वाले किंगदाओ प्रांत में 21 फीसदी आबादी में कमी आई है।
आबादी कम होने से चीन क्यों हो रहा परेशान?
यी शुरू से ही सरकार की वन चाइल्ड पॉलिसी के सख्त खिलाफ रहे हैं और दो साल पहले स्वयं चीनी सरकार अपने इस कदम को वापस ले लेते हुए 'टू चाइल्ड पॉलिसी' लागू कर दी थी। आबादी को कम करने के लिए जनता पर चीन ने 1980 के दशक में 'वन चाइल्ड पॉलिसी' थोपी थी, जिसके मुताबिक पेरेंट्स एक से ज्यादा बच्चा नही पैदा कर सकता है। इस पॉलिसी का धीरे-धीरे जब प्रभाव देखने को मिला तो अचानक जनसंख्या में असंतुलन देखने को मिला। यी ने कहा कि लोगों को अपने बेडरूम से बाहर आकर टू चाइल्ड पॉलिसी को खत्म कर देना चाहिए। यी का मानना है कि अगर सरकार इसमें दखल नहीं देती है तो हालात जापान से भी बदतर हो सकते हैं। इससे देश में बुजुर्गों की आबादी ज्यादा और युवाओं की आबादी देखने को मिलेगी।