चीन ने बनाए हाई-टेक उपकरण, बॉर्डर पर हर मौसम में आसमान से रख सकेगा नजर
बीजिंग। चीन की सेना ने सीमा पर चौकसी बढ़ाते हुए नए और हाइटेक्नोलॉजी उपकरण का इस्तेमाल कर रही है। इन नए उपकरणों में सैटेलाइट सिस्टम से पूर्व चेतावनी सिस्टम का प्रयोग किया जाएगा, जिससे की सीमा पर कड़ी निगरानी की जा सकेगी। एशिया के 14 देशों से घिरे चीन ने अपने सीमा पर कैमरे का इस्तेमाल कर निगरानी का दायरा बढ़ाएगा, हालांकि, चीन ने यह नहीं बताया है कि सभी सीमांत क्षेत्रों के लिए है या चुनिंदा क्षेत्रों के लिए। 3,488 किमी वाली लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) सीमा पर अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत बताकर अपना हिस्सा बताता आया है।
किसी भी जोखिम से निपटने में मिलेगी मदद
चीनी न्यूजपेपर ग्लोबल टाइम्स से बात करते हुए मिलिट्री एक्सपर्ट सॉन्ग झोंगपिंग ने कहा कि सीमा पर नए उपकरणों से किसी भी जोखिम को पहले से ही भांपने में पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी की मदद मिलेगी। सॉन्ग ने कहा कि बॉर्डर एरिया को कंट्रोल और मॉनिटरिंग में लाने के लिए ड्रोन और ट्रैकिंग वाहनों का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे कि पेट्रोलिंग करने और निगरानी में मदद मिलेगी।
भारत से टकराव वाले क्षेत्रों में बढ़ाई गश्ती
ग्लोबल
टाइम्स
ने
की
मानें
तो
चीन
ने
उन
क्षेत्रों
में
अपनी
गश्ती
बढ़ा
दी
है,
जहां
भारत
के
साथ
अक्सर
तनाव
रहता
है।
इस
रिपोर्ट
के
अनुसार,
लद्दाख
की
पैंगोंग
झील
में
पीएलए
ने
वहां
नई
गश्ती
नौका
तैनात
की
है
जो
गैर-धातु
सामग्री
से
बनी
है।
इस
क्षेत्र
में
भारत
और
चीन
सैनिकों
के
बीच
ताजा
धक्का-मुक्की
पिछले
साल
ही
हुई
थी।
बर्फ
के
टकरावों
का
सामना
करती
हुई
यह
नई
नौका
17
सशस्त्र
सैनिकों
को
लेकर
40
किमी
प्रति
घंटे
की
रफ्तार
से
चलती
है।
चीन की सेना 20 से ज्यादा नए उपकरणों का टेस्ट कर चुकी है
हालांकि, चीन ने फिलहाल एलएसी पर अपने नए उपकरणों का इस्तेमाल नहीं किया है, लेकिन उइगर मुस्लिम क्षेत्र झिंझियांग के कोक्टोकाय में 20 से ज्यादा नए उपकरणों का टेस्ट किया है। सॉन्ग ने कहा कि यह बदलाव चीनी सेना को मिलिट्री टेक्नॉलोजी की बढ़ती क्षमता में मदद करेगी।