भारत-चीन सीमा विवाद पर अमेरिका का बड़ा बयान, कहा- आक्रामकता चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का असली चेहरा
वॉशिंगटन। अमेरिका ने बुधवार को भारत के साथ जारी चीन की आक्रामकता पर चीनी सरकार को फटकारा है। अमेरिका ने चीन की तरफ से लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर जारी पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के जमावड़े पर अब तक का सबसे बड़ा बयान दिया है। ट्रंप प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि भारत-चीन बॉर्डर पर चीनी आक्रामकता कई दशकों से चला आ रहा पैटर्न ही है।
Recommended Video
यह भी पढ़ें- बैन के बाद टिकटॉक को लगी इतने बिलियन डॉलर की चपत
राष्ट्रपति ट्रंप ने की टिप्पणी
व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी केलाइघ मैकेनी ने कहा, 'राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-चीन सीमा पर जारी चीन की आक्रामकता और दूसरे हिस्से में उसकी तरफ से जारी इसी तरह की कार्रवाई को एक लंबा पैटर्न करार दिया है। इस तरह के एक्शन ही चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी का असली चेहरा है।' माना जा रहा है कि यह अमेरिका की तरफ से आया अब तक का सबसे बड़ा बयान है। हालांकि भारत-अमेरिका के मामलों पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों की मानें तो बयान से ऐसा लगता है कि अमेरिका अभी तक तटस्थ भूमिका में है। व्हाइट हाउस की तरफ से कहा गया है कि अमेरिका लगातार मामले पर नजर रख रहा है। प्रेस सेक्रेटरी केलाइघ ने 15 जून को गलवान घाटी में हुए हिंसक टकराव का भी जिक्र किया और भारतीय शहीद सैनिकों के प्रति अपनी संवेदनाए प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि अमेरिका को उम्मीद है कि इस हालात का एक शांतिपूर्ण तरीका निकलेगा।
पोंपेयो ने बताया था 'बदमाश' पार्टी
इससे पहले 20 जून को अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपेयो ने एलएसी पर तनाव बढ़ाने के लिए पीएलए की आलोचना की थी। साथ ही सत्ताधारी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को एक 'बदमाश तत्व' करार दे डाला था। पोंपेयो के शब्दों में, 'पीएलए ने भारत के साथ सीमा विवाद को बढ़ा दिया है जो दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाला लोकतंत्र है। वह साउथ चाइना सी का भी सैन्यीकरण करने में लगा है और गैर-कानूनी तरीकों से इसके और ज्यादा क्षेत्रों पर दावा जता रहा है जिसने इसके अहम इलाकों को संवेदनशील बना दिया है।' भारत की तरफ से चीनी एप्स पर बैन लगने पर भी पोंपेयो ने कदम की सराहना की है। पोंपेयो के अलावा भारतीय मूल की अमेरिकी कांग्रेस सदस्य निकी हेले ने कहा है कि भारत की तरफ से 59 चीनी एप्स पर बैन लगने का फैसला काफी अच्छा है। भारत ने साफ कर दिया है कि अब वह चीन की आक्रामकता से डरने वाला नहीं है।