कोरोना वैक्सीन बनाने के लिए चीन ने की भारत, BRICS देशों के साथ सहयोग की पेशकश
नई दिल्ली। पांच बड़े देशों के व्यापारिक संगठन ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) की वर्चुअल शिखर बैठक में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए वैक्सिन विकसित करने के लिए मंगलवार को भारत और अन्य ब्रिक्स देशों के साथ सहयोग की पेशकश की। इतना ही नहीं इस संबंध में परंपरागत चिकित्सा पर ब्रिक्स के सदस्य देशों की एक संगोष्ठी की जरूरत बताई।
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शी जिनपिंग ने ब्रिक्स देशों के 12वें सम्मेलन को वीडियो लिंक से संबोधित करते हुए कहा कि चीनी कंपनियां टीकों के तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण के लिए अपने रूसी और ब्राजीली साझेदारों के साथ काम कर रही हैं। हम दक्षिण अफ्रीका और भारत के साथ भी सहयोग के लिए तैयार हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मेजबानी में आयोजित डिजिटल सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो और दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति साइरियल रामाफोसा ने शिरकत की। जिनपिंग ने कहा, चीन कोरोना संबंधी वैश्विक कोवेक्स प्रणाली में शामिल हुआ है और जरूरत पड़ने पर ब्रिक्स देशों को टीके मुहैया कराने पर सक्रियता से विचार करेगा।
क्या कहा पीएम मोदी ने
आतंकवाद को दुनिया के सामने सबसे बड़ी समस्या बताते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है कि आतंकवादियों को सहायता व समर्थन देने वाले देशों को दोषी ठहराया जाए। ब्रिक्स देशों के शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने अपने भाषण में पाकिस्तान का नाम सीधे तौर पर तो नहीं लिया लेकिन उनका इशारा पड़ोसी देश ही था।
उन्होंने यह भी संकेत दे दिया कि अब जबकि एक वर्ष के लिए भारत ब्रिक्स की अध्यक्षता करेगा तो उसके लिए आतंकवाद एक बड़ा मुद्दा होगा। मंगलवार को हुई बैठक में पीएम ने अपनी तरफ से आतंकवाद के खिलाफ ब्रिक्स देशों की एक संयुक्त कार्ययोजना बनाने के लिए सदस्य देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (एनएसए) की एक समिति भी गठित करने का प्रस्ताव किया है।
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