चीन का सिल्क रोड प्रोजेक्ट क्यों पड़ रहा है खतरे में? पाकिस्तान समेत कई देशों ने जताई आपत्ति
बीजिंग। एशिया और यूरोप को जोड़ने वाला चीन का अत्याधुनिक सिल्क रोड प्रोजेक्ट की राह अब मुश्किल दिखाई दे रही है। रेलवे, बंदरगाह और अन्य सुविधाओं वाले इस प्रोजेक्ट के सामने वित्तीय अड़चनों के साथ राजनीतिक समस्याएं भी दिख रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग के महत्वाकांक्षी वन बेल्ट वन रोड इनिशिएटिव के तहत कुछ प्रॉजेक्ट्स रद्द हो रहे हैं या उन पर नए सिरे से बातचीत हो रही है। जबकि, कुछ प्रॉजेक्ट्स में लागत को लेकर विवाद की वजह से देरी हो रही है। पाकिस्तान समेत कई देशों ने इस पर आपत्ति व्यक्त की है।
चीन के खास दोस्त पाक को अपना हाइड्रोपॉवर खोने का डर
प्रॉजेक्ट्स को पाकिस्तान से लेकर तंजानिया और हंगरी तक कई तरह की मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। इन देशों का आरोप है कि चीन के इस प्रोजेक्ट से उनको बहुत कम हासिल हो रहा है। चीन का पाकिस्तान बहुत ही खास दोस्त है, लेकिन पाक का आरोप है कि उनके हाइड्रोपॉवर प्रोजेक्ट पर चीन अपना मालिकाना हक जमाना चाहता है, जो बिल्कुल संभव नहीं है।
राजनीतिक अड़चनें
वहीं, अगर इस प्रोजेक्ट में राजनीतिक अड़चनों की बात की जाए तो पाकिस्तान को एशिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी के वर्चस्व के सामने झुकना पड़ सकता है। हांगकांग की रिसर्च फर्म इकोनॉमिस्ट कॉरपोरेट नेटवर्क के एनालिस्ट रॉबर्ट कोएप ने कहा कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है, जो चीन की जेब रहता है। पाकिस्तान का ऐसा कहना है कि हम इस तरह से काम नहीं करेंगे, ये दिखाता है कि उनके लिए उतना फायदा नहीं है। उनके अनुसार, यह चीन के लिए बहुत ही अच्छी स्थिति दिखाई दे रही है।
इन बड़े देशों के है आपत्ति
वहीं दूसरी ओर नेपाल ने भी चीन के 2.5 बिलियन डॉलर वाले डैम प्रोजक्ट को नियमों का उल्लंघन करने के कारण रद्द कर दिया है। इसके अलावा चीन की एक ऑयल कंपनी जो 3 बिलियन डॉलर वाले रिफायनरी प्रोजेक्ट को वित्तीय संकटों की वजहों से रद्द कर दिया है। थाइलैंड ने भी चीन के साथ 15 बिलियन डॉलर वाली हाई-स्पीड रेलवे प्रोजेक्ट को यह कहकर रोक दिया कि इससे थाई कंपनियों को हिस्सेदारी बहुत कम दिखाई दे रही है। वहीं, तंजानिया ने भी चीन को अपने 11 बिलियन डॉलर वाले पोर्ट (बागामोयो) प्रोजेक्ट पर फिर से विचार करने को कहा है। तंजानिया सरकार जानना चाहती है कि इस प्रोजेक्ट में अपनी हिस्सेदारी कितनी है?
तो क्या रुकेगा चीन का सिल्क रोड प्रोजेक्ट
अभी यह तय नहीं पाया है, लेकिन बहुत सारे देशों को चीन के प्रोजेक्ट पर उनके रवैये पर आपत्ति है। व्यापार बढ़ाने के लिए सिल्क रोड का जाल बिछा रहा चीन के प्रोजेक्ट से कई देशों को राजनितिक, वित्तीय और अपने शेयर की हिस्सेदारी को लेकर दिक्कतें आ रही है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि चीन का यह बहुत ही महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट है, इसलिए वो कूटनीतिक दांव खेलकर इसे फेल होते नहीं देखना चाहेगा।
क्या है चीन का सिल्क रोड प्रोजेक्ट
चीन अपने वन बेल्ट वन रोड (OBOR) प्रोजेक्ट के तहत मॉडर्न सिल्क रोड का निर्माण करने जा रहा है। चीन व्यापक स्तर पर अफ्रीका, मध्य पूर्व और दक्षिण एशिया में रेल और सड़क नेटवर्कों का निर्माण कर रहा है। इस परियोजना का प्रमुख उद्देश्य चीन को अफ्रीका, मध्य एशिया और रूस से होते हुए यूरोप से जोड़ना है। इस प्रोजेक्ट तैयार होने के बाद समुद्री रास्तों से होने वाले व्यापार का नक्शा ही बदल जाएगा।