तिब्बत के दौरे पर पहुंचे चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग, सेना से बोले- युद्ध के लिए रखें मजबूत तैयारी
बीजिंग, 24 जुलाई: पिछले एक साल से भारत और चीन के बीच लद्दाख में सीमा विवाद चल रहा है, लेकिन अब स्थिति थोड़ी चिंतजनक लग रही है। शनिवार देर शाम खबर आई कि भारतीय सेना ने काउंटर टेरेरिज्म डिविजन के 15 हजार जवानों को लद्दाख भेजा है। जिस वजह से चीन बौखलाया हुआ है। वहीं दूसरी ओर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी तिब्बत के ल्हासा में शीर्ष सैन्य अधिकारियों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने सेना से युद्ध के लिए तैयार रहने को कहा है।
गोपनीय था दौरा
दरअसल दो दिन पहले ये खबर आई थी कि जिनपिंग ने न्यिंगची सहित कई सामरिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों का अघोषित दौरा किया। इसके बाद शनिवार को चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने बताया कि राष्ट्रपति ने ल्हासा में उच्च सैन्य अधिकारियों से मुलाकात की है। इस दौरान तिब्बत में दीर्घकालिक स्थिरता और विकास पर चर्चा हुई। इसके अलावा जिनपिंग ने युद्ध तैयारी को पूरी तरह मजबूत करने का आह्वान किया। इस दौरे पर इस वजह से भी सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि चीन ने इसे बहुत ही गोपनीय रखा है।
ब्रह्मपुत्र बांध का निरीक्षण
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक बुधवार को जिनपिंग न्यिंगची एयरपोर्ट पहुंचे। इसके बाद उन्होंने ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदी की घाटी का निरीक्षण किया। चीन ब्रह्मपुत्र नदी पर 60 गीगावाट का महाकाय बांध बनाने की योजना तैयार कर रहा है। जिसे तिब्बत में यारलुंग त्सांग्पो नाम से जाना जाता है। विशेषज्ञों के मुताबिक चीन ने ब्रह्मपुत्र घाटी में एक अहम हाईवे का निर्माण किया है, जो मुश्किल हालात में उसके लिए काफी अहम होगा।
भारत भी है तैयार
वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के तेवरों को देखते हुए भारत ने बड़ा कदम उठाया है। जिसके तहत सेना ने इस्टर्न लद्दाख में काउंटर टेरेरिज्म डिविजन की यूनिट तैनात की है। जिसमें 15 हजार जवान शामिल हैं। ये यूनिट लेह स्थित 14 कोर मुख्यालय की सहायता करेगी। इसके अलावा भारतीय सेना की 17 माउंटेन स्ट्राइक कोर को भी भारत-चीन सीमा पर अपने कार्यों को करने के लिए 10,000 अतिरिक्त सैनिक दिए गए हैं।
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