हिंद महासागर में चीन ने स्थापित किए 10 सिसमोमीटर
बीजिंग। चीन ने हिंद महासागर में 10 सिसमोमीटर स्थापित किए हैं, जिससे भूकंप, ज्वालामुखी और धमाकों पता लगाया जा सकेगा। ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, चीन के 49वें महासागर अभियान टीम ने रविवार को महासागर के बिल्कुल मध्य में सिसमोमीटर स्थापित किए हैं और आने वाले वक्त में 5 और स्थापित करने की योजना बन रही है। हिंद महासागर के मध्य में 15 सिसमोमीटर लगने के बाद भूकंप का तुरंत पता लगाना आसान हो जाएगा।
सिसमोमीटर का इस्तेमाल जमीन पर भूकंप, ज्वालामुखी और प्राकृतिक धमाकों का पता लगाने के लिए किया जाता है। चीन के अर्थ फिजिक्स डिपार्टमेंट के हेड ने कहा कि यह पहली बार है, जब हमने हिंद महासागर के दक्षिण पश्चिम में जुन्हुई हाइड्रोथर्मल फिल्ड पर सिसमोमीटर्स को स्थापित किया है।
इन नए सिसमोमीटर्स की बैटरी की क्षमता बहुत ज्यादा बताई जा रही है, जो कम से कम एक साल से ज्यादा वक्त तक ओपरेट करने की क्षमता रखती है। भूकंप के निष्कर्ष के वक्त विशेष रूप से छोटे भूकंप का निरीक्षण करना मुश्किल है, लेकिन अब यह पॉलिमेटेलिक सल्फाइड की खोज के लिए कीमती डाटा प्रदान करेगा और शोधकर्ताओं को इस क्षेत्र की संरचना को समझने में मदद मिलेगी।
कुछ विदेशी मीडिया ने इसे गलत ढंग से पेश किया है, लेकिन चीन ने कहा कि प्रत्येक संप्रभु राष्ट्र को अंतर्राष्ट्रीय जल में वैज्ञानिक अनुसंधान करने का अधिकार है, इसलिए यह तर्क नहीं है कि आपने उस जगह जाकर ही साइंटिफिक रिसर्च क्यों की।