चीन ने ‘सोना’ बताकर पाकिस्तान को बेचा ‘कूड़ा’, फाइटर जेट JF-17 बना सिरदर्द, IAF से मुकाबले में उखड़ी थी सांसें
पाकिस्तान को चीन ने फाइटर जेट JF-17 को लेकर से बेवकूफ बनाया है। ना इस फाइटर जेट का इंजन सही है और ना ही इसका रडार सिस्टम काम करता है।
इस्लामाबाद: चीन की गोदी में बैठा पाकिस्तान उसके हाथों बार बार बेवकूफ बनता है लेकिन पाकिस्तान अपनी बेवकुफाना हरकत छोड़ने को तैयार नहीं है। इस बार पाकिस्तान को चीन ने फाइटर जेट JF-17 को लेकर से बेवकूफ बनाया है। चीन ने इस फाइटर जेट के बारे में पाकिस्तान से कहा कि उसका मेंटिनेंस खर्च बेहद कम है लेकिन जेएफ-17 पाकिस्तान के लिए हाथी बन गया है। मतलब, इस वार एयरक्राफ्ट का खर्च इतना है जिसका वहन करना पाकिस्तान के लिए सिरदर्द साबित हो रहा है।
पाकिस्तान के लिए सिरदर्द बना जेएफ-17
जेएफ-17 के बारे में चीन ने पाकिस्तान से कहा था कि ये एक लो कॉस्ट, बेहद कम वजनी और हर मौसम में मार करने वाला मल्टी रोल वारक्राफ्ट है। लेकिन, जेएफ-17 को लेकर चीन ने पाकिस्तान से जो कुछ भी कहा, जेएफ-17 में वो कुछ नहीं है। जेएफ-17 का ऑपरेशन एंड मेंटिनेंस खर्च इतना ज्यादा है, जिसे वहन करना पाकिस्तान एयरफोर्स के लिए नामुमकिन हो गया है।
1999 में पाकिस्तान और चीन के बीच जेएफ-17 थंडर फाइटर जेट बनाने को लेकर करार हुआ था। दोनों देशों के बीच जेएफ-17 बनाने में आने वाला खर्च शेयर करने को लेकर भी करार किया गया था। पाकिस्तान मानता था कि जेएफ-17 में SU-30 MKI, MIG-29 और मिराज-2000 जैसे खासियत होंगे, जिसमें वेस्टर्न हथियार लगें होंगे लेकिन असलियत में जेएफ-17 में ऐसा कुछ नहीं है। पेंटापोस्टगामा की रिपोर्ट के मुताबिक, जेएफ-17 को बनाने और मेंटिनेंस में जितना खर्च आ रहा है, उसके मुताबिक इस फाइटर जेट में एक भी क्वालिटी नहीं है और ये पाकिस्तान की उम्मीदों को पूरा करने में पूरी तरह से नाकामयाब साबित हो रहा है।
भारत के खिलाफ ऑपरेशन में फेल
27 फरवरी 2019 को जब इंडियन एयरफोर्स ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों को मारा था उस वक्त इंडियन एयरफोर्स को रोकने के लिए पाकिस्तान एयरफोर्स ने जेएफ-17 का ही इस्तेमाल किया था जो नाकाम रहा। पाकिस्तानी रिपोर्ट के मुताबिक चीनी जेएफ-17 भारतीय एयरक्राफ्ट के सामने बुरी तरह से नाकाम रहा। जेएफ-17 ना डेटा भेज पा रहा था और ना ही भारतीय एयरक्राफ्ट का पीछा ही कर पा रहा था। जेएफ-17 टार्गेट का ना तो पीछा कर पा रहा था और ना ही टार्गेट को भेद पाने में कामयाब हो पाया। इंडियन एयरफोर्स ने मिराज-2000 औप SU-30 का इस्तेमाल किया था और इन वारक्राफ्ट के आगे पाकिस्तानी जेएफ-17 की नाकामी पाकिस्तानियों के लिए गले ही हड्डी बन चुका है। चीन ने पाकिस्तान से कहा था कि जेएफ-17 पाकिस्तान के लिए सबसे बेस्ट और खतरनाक फाइटर जेट साबित होगा मगर हकीकत ये है जेएफ-17 पाकिस्तान एयरफोर्स के हर पैमाने पर नाकामयाब साबित हुआ है लेकिन दिक्कत ये है कि वो अपने आका चीन से इसकी शिकायत भी कैसे करे और इस बोझ का मेंटिनेंस खर्च भी कैसे उठाए।
हर पैमाने पर फेल जेएफ-17
पाकिस्तानी फाइटर जेट जेएफ-17 विमान में KLJ-7 अल रडार और वीपन मिशन मैनेजमेंट सिस्टम लगा हुआ है, लेकिन इन दोनों में कई सारी दिक्कतें हैं, जो ठीक नहीं हो पा रहा है। केएलजे-7 रडार का डिग्रेटेड विहेवियर शो करता है इसके साथ ही इस रडार में कई सारी और भी कमियां हैं। इसके साथ ही इसके मेटिंनेंस में भी काफी दिक्कतें आ रही है। वहीं, वीपन मिशन मैनेजमेंट सिस्टम भी लिमिटेड कैपिसिटी और हाइ रेट की वजह से पूरी तरह फेल साबित हुआ है। इसका मेन कम्प्यूटर मॉडल भी खराब साबित हो रहा है है। रिपोर्ट्स के मुताबिक जेएफ-17 के फेल होने के पीछे इस एयरक्राफ्ट में सिंगल रसियन RD-93 इंजन लगा हुआ है जो अपनी खराब क्षमता की वजह से कुख्यात रहा है। मगर चीन ने जेएफ-17 में यही इंजन लगाकर पाकिस्तान को बेवकूफ बना दिया।
अब माना जा रहा है कि पाकिस्तान फिर से चीन के साथ एयरक्राफ्ट करार करने जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक इस बार पाकिस्तान चीन से J-10 फाइटर जेट कम कीमत पर खरीदने की सोच रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन पाकिस्तान को ये फाइटर जेट 2018 की कीमत पर बेचने के लिए तैयार हो गया और 25 मिलियन डॉलर प्रति फाइटर जेट के हिसाब से इलका सौदा किया गया है। लेकिन, पाकिस्तानी रुपये की वैल्यू और ज्यादा गिरने की वजह से पाकिस्तानके लिए J-10 फाइटर जेट और ज्यादा महंगा हो गया है लिहाजा अभी तक दोनों देशों के बीच ये डील अटका पड़ा है। सवाल ये भी क्या जे-10 फाइटर जेट को लेकर तो चीन पाकिस्तान को बेवकूफ नहीं बनाएगा।