44 पुलों के उद्घाटन से चिढ़ा चीन, कहा-बॉर्डर के इलाकों में भारत का निर्माण कार्य बर्दाश्त नहीं
बीजिंग। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन की तरफ से तैयार 44 ऐसे पुलों को उद्घाटन किया जो भारतीय सेनाओं के लिए मददगार साबित होने वाले हैं। अब चीन की तरफ से इस पर प्रतिक्रिया दी गई है। चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से एक बयान जारी किया गया है। इस बयान में चीन ने भारत की तरफ से होने वाले निर्माण कार्यों का विरोध किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ ने सोमवार को पुलों उद्घाटन पर कहा था कि चीन एक मिशन के तहत भारत के खिलाफ तनाव की शुरुआत कर चुका है।
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टेंशन के बीच भारत बनवा रहा पुल
चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि भारत की तरफ से बॉर्डर पर जारी टेंशन के बीच ही नए निर्माण कार्य किए जा रहे हैं। यह एक चिंता का विषय है। सोमवार को चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि किसी भी पक्ष को बॉर्डर के इलाकों पर ऐसे एक्शन लेने से बचना चाहिए जिनसे स्थिति जटिल हो। इसके साथ ही चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि चीन, लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के करीब मिलिट्री को नजर रखने और नियंत्रण के मकसद से होने वाले किसी भी निर्माण कार्य का विरोध करता है। बीआरओ की तरफ से तैयार पुलों के उद्घाटन के बाद भारत सरकार ने कहा है कि यह बीआरओ की रिकॉर्ड तोड़ परफॉर्मेस है। ये सभी पुल उन 120 ब्रिज प्रोजेक्ट्स का हिस्सा हैं जो बीआरओ के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। ये तमाम ब्रिज सेना के भारी युद्धक टैंक्स जैसे टी-90 तक का बोझ उठा सकते हैं। रक्षा मंत्री ने इस उद्घाटन के मौके पर कहा, हमारी उत्तरी और पूर्वी सीमा पर पैदा की गयी स्थितियों से भी आप भली-भांति अवगत हैं। पहले पाकिस्तान, और अब चीन के द्वारा भी, मानो एक मिशन के तहत सीमा पर विवाद पैदा किया जा रहा है। इन देशों के साथ हमारी लगभग 7,000 किलोमीटर की सीमा मिलती है, जहां आए दिन तनाव बना रहता है।'
गुजर सकता है 70 टन वाला अर्जुन टैंक भी
एक अधिकारी की तरफ से बताया गया है कि 44 में से 30 ब्रिज ऐसे हैं जो लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर पड़ते हैं। ये सभी क्लास 70 ब्रिज हैं यानी उस तकनीक से बनाए गए हैं जो 70 टन के वाहन का बोझ भी झेल सकते हैं। इंडियन आर्मी के पास सबसे भारी टैंक अर्जुन है जिसका वजन 60 टन है। इसके अलावा टी-90 भीष्म टैंक्स का वजन भी करीब 45 टन है। भीष्म टैंक्स को इस समय लद्दाख में एलएसी पर चीन को जवाब देने के लिए तैनात किया गया है। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर जारी टकराव के बीच निश्चित तौर पर यह एक बड़ा घटनाक्रम है। केंद्र सरकार की तरफ से बीआरओ के वार्षिक बजट में भी इजाफा किया गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ ने चीन बॉर्डर के करीब अरुणाचल प्रदेश के तवांग के लिए निचिफू टनल की आधारशिला भी रखी है। जिन पुलों का उद्घाटन रक्षा मंत्री ने किया है वे सभी चीन और पाकिस्तान बॉर्डर के बीच संपर्क बढ़ाने का काम करने वाले हैं।