अरुणाचल प्रदेश पहुंचे गृहमंत्री अमित शाह तो भड़का चीन, बोला- यह आपसी भरोसे की हत्या
नई दिल्ली। गृह मंत्री अमित शाह अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर हैं और चीन को उनके इस दौरे से खासी आपत्ति है। गृह मंत्री ने अरुणाचल के 'राज्य दिवस' में शामिल होने का फैसला किया था। गुरुवार को वह यहां पर पहुंचे हैं। चीन, अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा मानता है। चीन की तरफ से कहा गया है कि उसे गृह मंत्री के इस दौरे से सख्त एतराज है क्योंकि यह उसकी संप्रभुता का उल्लंघन है। साथ ही गृह मंत्री के दौरे से क्षेत्रीय संप्रभुता और आपसी राजनीतिक भरोसे को भी नुकसान होगा।
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अरुणाचल दौरे पर अक्सर लगती है मिर्ची
शाह, राज्य 34वें राज्य दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रमों में शामिल होने के मकसद से वहां गए हैं। इस मौके पर वह कई इंडस्ट्री और रोड से जुड़े प्रोजेक्ट्स को भी लॉन्च करेंगे। यह पहला मौका नहीं है जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर गए किसी राजनेता के दौरे का ऐसा विरोध किया है। इससे पहले भी वह अक्सर भारतीय राजनेताओं और कुछ राजनयिकों के दौरे को लेकर अपना विरोध दर्ज करा चुका है। चीन हमेशा अरुणाचल प्रदेश पर अपना हक जताता आया है। चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से बयान जारी शाह के दौरे का विरोध किया गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने एक सवाल के जवाब में कहा, 'चीन-भारत सीमा के पूर्वी हिस्से के बारे में या चीन के तिब्बत क्षेत्र के दक्षिणी हिस्से के बारे में चीन की राय बिल्कुल स्पष्ट और अपरिवर्तित है।'
भारत-चीन के बीच 22 दौर की वार्ता
शुआंग के मुताबिक चीन की सरकार ने अरुणाचल प्रदेश को कभी मान्यता नहीं दी और वह चीन के तिब्बती क्षेत्र के दक्षिणी हिस्से में भारतीय नेता की यात्रा का विरोध करता है। यहां पर होने वाली नेताओं की यात्राएं चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन हैं। ऐसा करके भारत ने सीमावर्ती क्षेत्रों की स्थिरता को कमजोर किया है। यह आपसी राजनीतिक भरोसे पर हमला है और साथ ही द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन है। शुआंग ने कहा कि चीन, भारत से सीमा के मुद्दे को और जटिल बनाने वाली ऐसी किसी प्रकार की कार्रवाई को रोकने और सीमाई क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए ठोस कार्रवाई करने की अपील करता है। गौरतलब है कि 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा तक भारत-चीन सीमा विवाद है। चीन का दावा है कि अरुणाचल प्रदेश दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा है और दोनों देशों के बीच सीमा विवाद के हल के लिए विशेष प्रतिनिधियों की बातचीत के 22 दौर हो चुके हैं।