क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

CPEC पर मिलिट्री बेस बनाने का कोई इरादा नहीं, कोई गलतफहमी ना पाले भारत: चीन

Google Oneindia News

इस्लामाबाद। भारत और अमेरिका को यह शक था कि पाकिस्तान में अपने इकनॉमिक कोरिडोर के साथ-साथ पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीेएलए) के लिए एक मिलिट्री बेस भी बना लेगा, लेकिन चीन ने इस दावे का स्पष्ट रूप से खंडन किया है। चीन के महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट बीआरआई के तहत चाइना पाकिस्तान इकनॉमिक कोरिडोर (सीपीईसी) में बीजिंग 63 बिलियन डॉलर का निवेश कर रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत 2030 तक पोर्ट्स, हाइवे, रेलवे, एयरपोर्ट्स और पावर प्लांट के साथ साथ अन्य कई इन्फ्रास्ट्रक्चर बनकर खड़े होंगे। पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट पर सीपीईसी प्रोजेक्ट ने चीन और पाकिस्तान को ना सिर्फ इकनॉमिक लिहाज से बल्कि स्ट्रैटजिक वजह से भी एक-दूसरे को बहुत नजदीक लाने का काम किया है।

भारत CPEC आकर गलतफहमी दूर करें

भारत CPEC आकर गलतफहमी दूर करें

अमेरिकी वेबसाइट वीओए (वॉइस ऑफ अमेरिका) को दिए इंटरव्यू में पाकिस्तान में चीन के राजदूत याओ जिंग ने कहा, 'मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि बीआरई और सीपीईसी एक कमर्शियल डिवेलपमेंट प्रोजेक्ट है। यहां पर किसी भी प्रकार की मिलिट्री या स्ट्रैटजिक प्रोजेक्ट की योजना नहीं है।' साथ ही चीनी राजदूत ने इंटरव्यू में भारत और अमेरिका से आग्रह किया है कि वे एक बार सीपीईसी का दौरा जरूर करें और ग्राउंड लेवल पर हो रहे काम को देखें, जिससे आपकी गलतफहमियों को दूर हो जाएगी। गौरतलब है कि वॉशिंगटन और नई दिल्ली को शक है कि पाकिस्तान के ग्वादर पर चीन अपना एक 'हिडन मिलिट्री बेस' खड़ा कर रहा है।

CPEC पर 10,000 से ज्यादा चीनी वर्कर

CPEC पर 10,000 से ज्यादा चीनी वर्कर

चीन के राजदूत ने कहा कि सीपीईसी को अंतिम रूप देने और लॉन्च करने के 5 वर्षों के भीतर, कुल 43 प्रोजेक्ट में से 22 को पूरा किया जा चुका है। साथ करीब 19 बिलियन डॉलर के तहत अन्य प्रोजेक्ट काम हो रहा है। जिंग ने कहा कि इस प्रोजेक्ट ने अब तक 60,000 स्थानीय नौकरियां पैदा की हैं, पाकिस्तान को ऊर्जा संकट से उबारने का काम किया है। सीपीईसी पर फिलहाल 10,000 से ज्यादा चीनी वर्कर काम कर रहे हैं। जिंग ने दावा किया है कि अगने 5 से 7 सालों में सीपीईसी की वजह से करीब 5 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।

दोनों तरफ से हो रही है लैंग्वैंज एक्सचैंज

दोनों तरफ से हो रही है लैंग्वैंज एक्सचैंज

राजदूत जिंग का कहना है कि 8 चीनी विश्वविद्यालय पाकिस्तान की आधिकारिक उर्दू भाषा को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं, जबकि 12 पाकिस्तान-अध्ययन केंद्र दोनों देशों के बीच पारस्परिक समझ को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं। चीन में 22,000 पाकिस्तानी शिक्षा ले रहे हैं। पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि वर्तमान में लगभग 25,000 छात्र 19 विश्वविद्यालयों में चीनी भाषा सीख रहे हैं।

English summary
China: No Military Aim of Corridor Project With Pakistan
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X