न्यूक्लियर मिसाइल से लैस Stealth Bomber से बढ़ेगी चीन की ताकत, अमरीकी सैन्य ठिकानों तक रेंज
नई दिल्ली। दुनिया को अपनी ताकत दिखाने के लिए बेताब चीन अपनी एयरफोर्स को अंतरमहाद्वीपीय हमलों के लिए तैयार कर रहा है। चीन का नया स्टील्थ बमवर्षक लड़ाकू विमान H-20 ऐसी तकनीक से लैस होगा कि चीन अपने तट से काफी दूर स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमला कर सकता है। ब्रिटेन स्थित एक थिंक टैंक के मुताबिक ये बमवर्षक विमान परंपरागत मिसाइलों के साथ ही परमाणु मिसाइल ले जाने में भी सक्षम होंगे।
अंतरमहाद्वीपीय हमला करने में होगा सक्षम
लंबी दूरी का ये युद्धक विमान चीन के हाल के वर्षों में चीन का सबसे खुफिया और महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है जिस पर चीन में अभी काम जारी है। वहीं अमरिका के पेंटागन का मानना है कि चीन का ये नया बमवर्षक विमान 5000 मील की दूरी तक उड़ान भर सकता है। यानि कि इस विमान के की रेंज में अमेरिका का गुआम सैन्य ठिकाना हो सकता है। वहीं दूसरे सैन्य विशेषज्ञों का कहना है कि H-20 अमेरिका के हवाई सैन्य ठिकाने तक हमला कर सकेगा।
लंदन स्थिति एक संगठन रायल यूनाइटेड सर्विस ने दावा किया है कि H-20 के चीनी एयरफोर्स में शामिल होने से चीन वास्तव में अंतरमहाद्वीपीय हमला करने में सक्षम ताकत बन जाएगा। थिंक टैंक के मुताबिक परमाणु और परंपरागत मिसाइलों से लैस H-20 के शामिल होने से पीपल्स लिबरेशन आर्मी एयरफोर्स (PLLAF) की ताकत में कई गुना बढ़ोतरी होगी।
क्षेत्रीय ताकत के टैग से बाहर आ सकेगा चीन
रिपोर्ट में कहा गया है कि गुआम स्थित अतिरिक्त और विशिष्ट क्षमता से लैस अमेरिकी सैन्य ठिकाने से मुकाबले में या उसे रोकने के लिए अभी एक क्षेत्रीय ताकत के रूप में ही देखा जाता है। जबकि नये स्टील्थ फाइटर के शामिल होने से चीन वास्तव में एक अंतरद्वीपीय हमला करने की क्षमता रखने वाली शक्ति के रूप में स्वीकार किया जाएगा।
अमेरिका के रक्षा विभाग ने चीनी सेना की क्षमता को लेकर बनाई गई 2020 चाइनीज मिलिट्री पॉवर रिपोर्ट में कहा है कि H-20 की संभावित रेंज 8500 किलोमीटर (5820 मील) होगी। इसका अर्थ यह हुआ कि चीन का ये फाइटर आसानी ने अमेरिका के महत्वपूर्ण रणनीतिक सैन्य ठिकाने गुआम को निशाना बना सकता है। चीनी तट से गुआम की दूरी 2000 मील है। अन्य विशेषज्ञ तो यहां तक कहते हैं कि चीनी सेना ने H-20 से अमेरिका के हवाई सैन्य ठिकाने तक हमला करने को लक्ष्य बनाया है।
अमेरिका और रूस की बराबरी करेगा चीन
स्टील्थ फाइटर के एयरफोर्स में शामिल होने के बाद चीन भी अमेरिका और रूस की बराबरी वाले समूह में पहुंच जाएगा जो जमीन, पानी के साथ ही हवा से भी परमाणु मिसाइल लांच करने में सक्षम होंगे। पिछली रिपोर्टों में कहा गया है कि ये बमवर्षक इस साल तक तैयार हो सकता है। फाइटर को इस महीने 10 से 15 नवम्बर तक होने वाले जुहाई एयरशो में शामिल होने की संभावना थी।
सैन्य सूत्रों ने साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट को बताया था कि "जुहाई एयरशो दुनिया में चीन की छवि को मजबूत करने और कोरोना वायरस महामारी पर नियंत्रण में इसकी सफलता को बढ़ावा देने का मंच बनने की उम्मीद है। इससे बाहरी दुनिया को ये पता चलेगा कि इस महामारी ने चीन के रक्षा उद्योग पर कोई खास असर नहीं डाला है।" हालांकि हर दो साल में होने वाले जुहाई एयरशो को इस बार आगे के लिए बढ़ा दिया गया है। अभी तक इस एयरशो की आगे की तारीख नहीं बताई गई है। शो के आयोजकों ने इसे आगे बढ़ाने के लिए कोविड-19 महामारी को वजह बताया था।
साल 2000 में ही चीन ने शुरू किया था काम
चीन का नया स्टील्थ फाइटर H-20 अमेरिका के B-2 और B-21 युद्धक विमानों की तरह ही हैं। H-20 परमाणु और परंपरागत मिसाइलों से लैस होगा और इसमें 200 टन भार ले जाने की क्षमता होगी।
वहीं कुछ लोग इस पर सवाल खड़े कर रहे हैं कि अंतरमहाद्वीपीय मिसाइलों की तरह ही सभी बमवर्षकों का इस्तेमाल परमाणु हथियार ले जाने में किया जा सकता है। ऐसे में अगर चीन ये दावा करता है कि उसकी रक्षानीति पूरी तरह रक्षात्मक है तो उसे इस तरह के आक्रामक हथियार की क्या आवश्यकता है ?
विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर अमेरिका और F-35 विमान तैनात करता है तो शायद चीन अपने इस नए युद्धक विमान से और परदा हटाएगा। बता दें कि अमेरिका ने जापान और दक्षिण कोरिया को अभी तक 200 F-35 फाइटर जेट बेचे हैं।
माना जाता है कि चीन ने 2000 में ही H-20 के निर्माण पर काम शुरू कर दिया था। हालांकि इसके बारे में पहली बार अधिकारिक तौर पर 2016 में जानकारी दी गई थी।
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