चीन का दावा- जापान में बनी फ्लू की ये दवाई कोरोना के इलाज में है प्रभावी
नई दिल्ली। दुनियाभर में महामारी का रूप ले चुका कोरोना वायरस अब तक हजारों लोगों की जान ले चुका है। इसी बीच बुधवार को जापानी मीडिया ने दावा किया कि, चीन में चिकित्सा अधिकारियों का कहना है कि इन्फ्लूएंजा के इलाज के लिए जापान में इस्तेमाल होने वाली एक दवा कोरोनोवायरस रोगियों पर प्रभावी साबित हुई है। चीन के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एक अधिकारी झांग शिनमिन ने कहा कि फुजीफिल्म की एक सहायक कंपनी द्वारा विकसित 'फेवीपिरावीर' नाम की दवाई का वुहान और शेनझेंन में 340 रोगियों में इस दवा के टेस्ट के उत्साहजनक परिणाम देखने को मिले हैं।
फेवीपिरावीर दवाई कर रही मरीजों पर असर
झांग ने मंगलवार को कहा कि, यह दवा उच्च स्तर की सुरक्षा है और उपचार में स्पष्ट रूप से प्रभावी है। सार्वजनिक प्रसारक एनएचके ने कहा कि जिन मरीजों को शेनज़ेन में दवा दी गई थी, वे पॉजिटिव होने के चार दिनों के बाद वायरस से प्रभाव से निगेटिव हो गए। जबकि इस दवा का जिन मरीजों को डोज नहीं दिया गया उन्हें ठीक होने में 11 दिनों का समय लगा। इसके अलावा, एक्स-रे ने लगभग 91% रोगियों में फेफड़ों की स्थिति में सुधार की पुष्टि की, जिनका फेवीपिरावीर से इलाज किया गया था।
इस खबर के बाद कंपनी के शेयर में दिखा उछाल
इस दवा को विकसित करने वाली फुजीफिल्म टोयामा केमिकल ने चीन के इस दावे पर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है। बुधवार को झांग की टिप्पणियों के बाद इस फर्म में शेयर 14.7% की बढ़त देखने को मिली। कंपनी के शेयर 5,207 येन पर बंद हुए, जो 5,238 येन के उच्च स्तर पर गए। जापान में डॉक्टर कोरोनो वायरस रोगियों पर अध्ययन में एक ही दवा का उपयोग हल्के से मध्यम लक्षणों पर कर रहे हैं, उम्मीद है कि यह रोगियों में वायरस को बढ़ने से रोकेगा।
जापान ने दवा को लेकर कही ये अहम बात
लेकिन एक जापानी स्वास्थ्य मंत्रालय के स्रोत ने सुझाव दिया कि दवा अधिक गंभीर लक्षणों वाले लोगों में प्रभावी है। हम एवीगन को 70 से 80 लोगों को दे चुके हैं, लेकिन यह उस स्थिति में अच्छी तरह काम नहीं करता है जब वायरस पहले से ही दोगुने हो गया हों। बता दें कि, 2016 में, जापान सरकार ने गिनी में इबोला वायरस के प्रकोप का मुकाबला करने के लिए आपातकालीन सहायता के रूप में फ़ेविपिरावीर की आपूर्ति की। फेविपिरावीर को कोरोना रोगियों पर उपयोग के लिए सरकार की मंजूरी की आवश्यकता होगी, क्योंकि यह मूल रूप से फ्लू का इलाज की दवाई है। एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया दवा को मई के शुरू में मंजूरी दी जा सकती है। लेकिन अगर क्लीनिकल रिसर्च के परिणामों में देरी हो रही है, तो अनुमोदन में भी देरी हो सकती है।
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