चीन की नई चाल: चाबहार बंदरगाह के पास पाकिस्तान में बनाएगा अपना मिलिट्री बेस?
वॉशिंगटन। अमेरिका की ओर से बंद की गई सुरक्षा साहयता के बाद पाकिस्तान बौखला गया है। अमेरिका को सबक सिखाने के लिए पाकिस्तान चीन के साथ अपने आर्थिक और सामरिक संबंधों को नई उंचाई देने में जुट गया है। वॉशिंगटन टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक, चीन ईरान के चाबहार बंदरगाह के नजदीक स्थित पाकिस्तान के एक सैन्य ठिकाने को अधिग्रहण करने जा रहा है। यह जगह पाकिस्तान के ग्वादर जिले में आती है।
पाक कर चुका खारिज
हालांकि पाकिस्तान की तरफ से इस तरह की खबरों को पूरी तरह खारिज किया जा चुका है। चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरीडोर (CPEC) के विकास को बाधित करने के मकसद से ऐसी 'प्रोपगेंडा खबरें' फैलाई जा रही हैं। आपको बता दें कि बलूचिस्तान प्रांत में सामरिक महत्व के ग्वादर बंदरगाह के पास चीन एक सैन्य अड्डा बना रहा है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स की एक खबर में कहा गया है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 1 जनवरी को ट्वीट कर पाकिस्तान पर आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई न करने के आरोप के बाद पाकिस्तान और चीन के बीच संबंधों में और मजबूती आई है।
चीन की करंसी को मान्यता
खबरें ऐसी भी आ रही है कि पाकिस्तान ने द्विपक्षीय व्यापार में चीन की करंसी को मान्यता दे दी है। ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट में वॉशिंगटन टाइम्स की एक खबर का हावाला देते लिखा गया है कि चीन पाकिस्तान में अपना दूसरे विदेशी सैन्य बेस बनाने की तैयारी कर रहा है। यह जगह ईरान के चाबहार पोर्ट के पास मौजूद होगी। चीन इससे पहले श्रीलंका के हंबानटोटा पोर्ट को भी 99 साल के लिए लीज पर ले रखा है।
चीन की नजर हिंदमहासागर में समुद्री रास्तों पर
इस सैन्य बेस के जरिए चीन, हिंदमहासागर में समुद्री रास्तों पर अपनी पकड़ को और मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। ये सैन्य ठिकाना जिवानी में बनाया जा सकता है जहां सीमा से लगते ओमन की खाड़ी में ईरान का चाबहार बंदरगाह है। जो ब्लूचिस्तान प्रांत के ग्वादर से बेहद करीब है। चाबहार बंदरगाह को ईरान, भारत और अफगानिस्तान द्वारा संयुक्त रूप से विकसित जा रहा है। जो कि भारत और अफगानिस्तान के बीच के व्यापार को सुगम बनाएगा।