चीन दुनिया की पहली अर्थव्यवस्था है, जो कोरोना काल में भी तेजी से बढ़ रही है
नई दिल्ली- चीन दुनिया की पहली बड़ी अर्थव्यवस्था है, जिसने कोरोना वायरस महामारी के बाद भी तेजी से छलांग लगानी शुरू कर दी है। जब से वहां कोरोना वायरस-लॉकडाउन के बाद पाबंदियां खत्म हुई हैं और फैक्ट्रियां और दुकानें खुली हैं, वहां की अर्थव्यवस्था ने पिछले तिमाही में बहुत ही मजबूती के साथ 3.2 फीसदी की आश्चर्यजनक बढ़ोतरी दर्ज की है। सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि चीन की अर्थव्यवस्था ने इतनी छलांग अप्रैल से जून की तिमाही में तब लगाई है, जब उसकी पिछली तिमाही में चीन का प्रदर्शन 1960 के दशक के बाद सबसे खराब दर्ज किया गया था और उसे 6.8 फीसदी की हानि झेलनी पड़ी थी।
कोरोना काल में भी बढ़ रही है चीन की अर्थव्यवस्था
जेपी मॉर्गन एसेट मैनेजमेंट के मार्सेल्ला चो ने एक रिपोर्ट में कहा है, 'आने वाली तिमाहियों में हम लगातार बेहतरी की उम्मीद करते हैं।' बता दें कि कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत चीन से ही पिछले साल दिसंबर से हुई और उसने सबसे पहले अपने यहां लॉकडाउन की शुरुआत की। लेकिन, जब सत्ताधारी चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी ने यह घोषणा कर दी कि बीमारी पर काबू पा लिया है तो उसने मार्च से लॉकडाउन पर से पाबंदियां हटानी शुरू कर दीं। वहां के नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स ने एक बयान में कहा है कि , '2020 की पहली छमाही में राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था घटने से बढ़ने की ओर शिफ्ट हो चुकी है।' अर्थशास्त्रियों ने उम्मीद जताई है कि दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले चीन की अर्थव्यवस्था के तेजी से रिकवर होने की संभावना है।
कई सेक्टर में सामान्य हुआ कामकाज
चीन में मैन्युफैक्चरिंग और दूसरे उद्योगों में कामकाज पूरी तरह से सामान्य स्थिति में लौट चुका है। वैसे इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड ने इस वर्ष के लिए चीन के आर्थिक विकास दर 1% रहने का अनुमान जताया है। चीन के लिहाज से तो यह 1960 की दशक के बाद से सबसे खराब अनुमान है। लेकिन, अमेरिका के फंड पर 8% के दबाव और दुनिया की अर्थव्यवस्था में 4.9% की गिरावट की तुलना में इसे काफी बेहतर माना जा रहा है। गुरुवार से चीन में देसी पर्यटन में भी ढिलाई शुरू कर दी गई है और टूरिस्ट साइट्स को रोजाना की क्षमता के 50% विजिटर्स के साथ मंजूरी देने को कहा गया है। जबकि, अंतरप्रांतीय टूरिज्म के लिए यह सीमा 30 फीसदी रखी गई है। पिछली तिमाही में चीन में फैक्ट्री आउटपुट में 4 फीसदी का इजाफा देखा गया है, जबकि उसकी पिछली तिमाही में इस सेक्टर ने 8.4 फीसदी का दबाव झेला था। यह फैक्ट्रियां दुनिया के लिए स्मार्टफोन, जूते, खिलौने और दूसरे सामान बनाती हैं।
अमेरिका से आयात में इजाफा
हालांकि, चीन में इस दौरान रिटेल सेक्टर को जरूर 3.9% का झटका लगा है, लेकिन इससे पिछली तिमाही में इस सेक्टर को 19 फीसदी दबाव झेलना पड़ा था, क्योंकि लोग अपने घरों में बंद थे। इसी तरह पिछली तिमाही में ऑनलाइन रिटेल में भी 14.3% का इजाफा हुआ है। चीन ही ऐसा मुल्क है, जिसने आशचर्यजनक रूप से इस संकट के वक्त में भी एक्सपोर्ट में 0.4% का इजाफा दर्ज किया है। वैसे इस दौरान चीन में आयात में भी 3 फीसदी का इजाफा हुआ है। सबसे बड़ी बात है कि अमेरिका से जारी विवाद के बावजूद चीन में अमेरिकी आयात में 10.6 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है।