चीन क्यों पोलर बीयर जितने वजन वाले सूअरों का प्रजनन कर रहा है?
बीजिंग। चीन के दक्षिणी क्षेत्र में स्थित एक खेत में एक सूअर रहता है। इसमें हैरानी की बात ये है कि इस सूअर का वजन पोलर बीयर के बराबर है। इस पशु का वजन 500 किलोग्राम है और ये बाकी झुंड का ही एक हिस्सा है। माना जा रहा है कि चीन में ये बड़े सूअरों को पैदा करने वाली नस्ल है।
यहां कई सूअरों को 10,000 युआन (1,399 डॉलर) से भी अधिक दाम में बेचा जा रहा है। जो कि ग्वांग्शी प्रांत की राजधानी नानिंग में औसत मासिक आय से तीन गुना अधिक है, जहां खेत के मालिक पैंग कांग रहते हैं। इन बड़े सूअरों का प्रजनन कर चीन में सूअर के मांस की कमी को पूरा किया जा रहा है। अब ये आइडिया पूरे देश में ही फैसला जा रहा है। बता दें चीन मीट के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा उपभोक्ता है।
पूर्वोत्तर प्रांत जिलिन में मांस की अधिक कीमत के कारण किसान सूअर का वजन 175 किलोग्राम से औसतन 200 किलोग्राम तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। जो कि 125 किलोग्राम के सामान्य वजन से काफी अधिक है। यहां के किसानों का कहना है कि ये लोग जितना हो सके सूअर को उतना बड़ा करने की कोशिश करते हैं।
खेतों तक ही सीमित नहीं है
ये प्रवृत्ति केवल छोटे खेतों तक ही सीमित नहीं है। चीन में प्रमुख प्रोटीन उत्पादकों जैसे वेंस फूडस्टफ्स ग्रुप कॉर्पोरेशन, देश के शीर्ष सूअर प्रजनक, कॉफ्को मीट होल्डिंग्स लिमिटेड और बीजिंग डाबिनॉन्ग टेक्नोलॉजी समूह कंपनी का कहना है कि वे अपने सूअरों के औसत वजन को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। कंसल्टिंग फर्म ब्रिक एग्रीकलचर समूह के वरिष्ठ विश्लेषक लिन गुओफा का कहना है कि बड़ी कंपनियां वजन को 14 फीसदी तक बढ़ाने पर ध्यान दे रही हैं।
30 फीसदी से अधिक मुनाफा
लिन ने कहा कि कुछ बड़े पैमाने पर बूचड़खानों में सूअरों का औसत वजन 140 किलोग्राम तक बढ़ गया है, जबकि सामान्य रूप से यह 110 किलोग्राम है। यह 30 फीसदी से अधिक मुनाफा बढ़ा सकता है। अफ्रीकी स्वाइन फीवर के कारण बड़ी संख्या में यहां सूअरों की मौत हो गई थी। जिससे इनके मांस की कीमत रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं। जिसके कारण सरकार ने किसानों से इनकी उत्पादकता बढ़ाने को कहा।
सूअरों की कमी हो गई है
चीन में सूअर के मांस की होलसेल कीमत भी 70 फीसदी तक बढ़ गई है। हालांकि चीन में 2020 तक सूअर की कमी रहने के आसार हैं। सरकार किसानों से इनकी उत्पादकता बढ़ाने को कहा रही है, ताकि अगले साल तक स्थिति सामान्य हो जाए। हालांकि किसान अब भी उस स्वाइन फीवर से डरे हुए हैं, जिसके कारण सूअरों की कमी हो गई है।
इतिहास के सबसे बड़े 'सीरियल किलर' का पता चला, अब तक कर चुका है इतने लोगों की हत्या