Special Report: दुनिया को युद्ध में धकेलने की ड्रैगन की तैयारी! चीन ने रक्षा बजट में बेतहाशा वृद्धि क्यों की?
चीन ने रक्षा बजट में बेहिसाब वृद्ध कर बता दिया है कि वो भविष्य में होने वाले महायुद्ध की तैयारी में जुट गया है। आखिर चीन का डर क्या है और उसका प्लान 2035 और प्लान 2049 क्या है, आईये जानते हैं
बीजिंग/नई दिल्ली: कोरोना वायरस को जन्म देने वाला और विश्व के ज्यादातर देशों को अपना दुश्मन बना चुके चीन के डर का आलम ये है कि उसने अपनी सुरक्षा के लिए रक्षा बजट में बेहिसाब वृद्धि की है। माना जा रहा है कि भारत और अमेरिका से लगातार हो रहे खराब संबंध और ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, साउथ कोरिया और जापान जैसे देशों से मनमुटाव ने चीन को डरा दिया है। वहीं, चीन का रक्षा बजट बढ़ाना और प्लान 2049 और प्लान 2035 बताता है कि भविष्य की लड़ाई के ड्रैगन अपने आप को तैयार करने में जुटा हुआ है।
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चीन का बेहिसाब रक्षा बजट
साल 2021 के लिए रक्षा बजट की घोषणा करते हुए चीन ने 6.8 प्रतिशत की वृद्धि करने का ऐलान किया है और अब चीन का रक्षा बजट 209 अरब डॉलर का हो गया है। भारत का रक्षा बजट 65 अरब डॉलर का है। यानि भारत की तुलना में चीन का रक्षा बजट करीब 3 गुना हो गया है। चीन ने अपनी रक्षा बजट में उस वक्त इजाफा किया है जब पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है और दुनिया के हर देश स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी के लिए पैसे खर्च कर रहे हैं। 2020 में चीन का रक्षा बजट 179 बिलियन डॉलर था। बजट में बढ़ोतरी करते हुए चीन ने कहा है कि अपनी सुरक्षा करने के लिए चीन ने रक्षा बजट को बढ़ाना जरूरी समझा है और चीन को अधिकार है कि वो अपनी रक्षा बजट में इजाफा करे और किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए खुद को तैयार करे।
रक्षा बजट में बढ़ोतरी करने के बाद चीन का कहना है कि चायनीज मिलिट्री को मॉडर्न करने के लिए बजट को बढ़ाना जरूरी था। चीनी हथियार बेड़े में शामिल ज्यादातर हथियार बेहद पुराने हो गये हैं लिहाजा उन्हें बदलना जरूरी हो गया है वहीं, चीन मिलिट्री हथियारों में नये और आधुनिक हथियारों को शामिल करेगा। चीन ने कहा है कि वो नया एयरक्राफ्ट कैरियर तैयार करने के साथ J-20 स्टील्थ फाइटर जेट का मास प्रोडक्शन पर ध्यान देगा। दरअसल, लद्दाख में भारत से मार खाने के बाद चीम को समझ आ गया था कि उसकी सेना बेहद कमजोर है और अगर उसे भारत से मुकाबला करना है तो उसे अपनी सेना की ताकत में इजाफा करना होगा।
चीन का मिशन 2035
दरअसल, चीने के राष्ट्रपति ने अपनी सेना के सामने मिशन 2035 का लक्ष्य रखा हुआ है जिसके तहत चीन अपनी सेना को पूरी तरह से मॉडर्न कर देना चाहता है। चीनी राष्ट्रपति के लिए ये मिशन बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है और उसी दिशा में चीन लगातार काम भी कर रहा है। 2027 में पिपुल्स लिब्रेशन आर्मी की 100वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी और चीन चाहता है कि उस वक्त तक वो चीनी आर्मी को डेवलपमेंट करने का गोल पूरा कर ले और 2035 तक चीन अपनी नेशनल डिफेंस और आर्म्ड फोर्स को पूरी तरह से मॉडर्न कर लेना चाहता है लिहाजा चीन अपनी रक्षा बजट में बेतहाशा वृद्ध करने लगा है।
रक्षा बजट की वृद्धि को लेकर चीनी एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिकी चीन को अपना सबसे बड़ा प्रतिद्वंदी मानता है और उसी की झलक चीन के रक्षा बजट में देखने को मिली है। दरअसल, माना जा रहा है कि एक तरफ ग्लोबल महामारी के दौरान जब विश्व के हर शक्तिशाली देशों की अर्थव्यवस्था में गिरावट आई है, चीन उस दौरान मौके का फायदा उठाना चाहता है। साथ ही चीन अपनी रक्षा बजट में भारी-भरकम बढ़ोतरी कर पड़ोसी देशों पर प्रेशर और बढ़ाना चाहता है। वहीं, विस्तारवादी नीति के लिए कुख्यात चीन कहता है कि उसकी संप्रभुता के ऊपर खतरा है, इसीलिए वो अपनी बजट में बढ़ोतरी कर रहा है लेकिन भारतीय विशेषज्ञों का मानना है कि चीन अपनी मिलिट्री को इतना मजबूत करना चाहता है कि कोई दूसरा देश उसपर हमला करने के बारे में सोच भी नहीं पाए।
PLA का प्लान 2049
चीनी खतरे से बार बार विश्व को आगाह करने वाले और वर्जीनिया के प्रोजेक्ट 2049 इंस्टीट्यूट के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रख्यात चिंतक चाड सब्रगिया ने 'The Five Year Scam: Assessing PLA Reforms , Readiness and Political Inod Pacific Contingencies'को संबोधित करते हुए कहा कि 'पीएलए आज की लड़ाई की तैयारी कर ही नहीं रहा है। पीएलए पूरी ताकत के साथ भविष्य में होने वाली लड़ाई के लिए खुद को तैयार कर रहा है। चीनी सेना अपने आप को उस लड़ाई के लिए तैयार कर रही है जैसी लड़ाई आजतक किसी भी देश ने नहीं लड़ी है और जिसके बारे में आजतक सोचा भी नहीं गया है। डिप्टी असिस्टेंट सेक्रेटरी ऑफ डिफेंस फॉर चायना पद भी काम करने वाले चाड सब्रगिया कहते हैं कि भविष्य में लड़ाई किस रूप में लड़ी जाएगी और PLA उसमें कैसे हिस्सा किस तरह से लेगी, चीन इसकी तैयारी में अभी से जुटा हुआ है।
चीन मिलिट्री को मजबूत करने के लिए साइंटिफिकिली इन्वेस्ट करने में जुटा हुआ है। पीएलए का मानना है कि युद्ध को लड़ने और जीतने का तरीका अब पूरी तरह से बदल चुका है। पीएलए भविष्य के युद्ध के बारे में अभी से बात कर रहा है और मिलिट्री को इंटेलीजेंट बनाने के साथ साथ उसे हर तरह की लड़ाई को लेकर तैयार कर रहा है। पीएलए का मानना है कि तलवार से तलवार टकराकर लड़ी जाने वाली लड़ाई का जमाना बीत चुका है और अब एक निश्चित सिस्टम के साथ लड़ाई लड़ी जाएगी। इसके लिए पीएलए अत्याधुनिक इनवेस्टमेंट अपनी सेना के लिए कर रहा है। चीन मिलिट्री को मजबूत करने के लिए काफी ज्यादा इन्वेस्टमेंट कर रहा है। हालांकि चीन का डिफेंस बजट अमेरिका के करीब नहीं है मगर फिर भी चीन ने चिंता बढ़ाकर रख दी है।
चीन का डर
सेना को मजबूत करने के पीछे सीधा सीधा चीन का डर है। दरअसल, पिछले साल भारतीय जवानों से उलझने की हिमाकत करने के दौरान चीन को मुंह की खानी पड़ी थी। चीन के 45 से ज्यादा जवान भारतीय सेना से संघर्ष के दौरान मारे गये थे और चीन के अंदर से आवाज उठने लगी थी कि चीन की सेना इतनी कमजोर क्यों है। चीनी एक्सपर्ट्स ने कहा था कि चीन की सेना भारतीय सैनिकों से मुकाबला करने को तैयार नहीं है और चीनी सेना को लड़ाई का अनुभव भी नहीं है। चीन सरकार के सामने भारतीय सैनिकों से हार मिलने के बाद रिपोर्ट भी सौंपी गई थी। चीनी सेना के नॉदर्न कमांड हेड ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग को सौंपी रिपोर्ट में कहा था कि चीन की सेना में खौफ का माहौल बन गया था और वो भारतीय सैनिकों के सामने आने से डर रहे थे। जिसके बाद शी जिनपिंग ने फौरन चीनी सेना को मजबूत करने के आदेश दे दिए थे। चीनी सेना को लड़ाई सिखाने के लिए चीन एक कृत्रिम युद्ध का मैदान भी बनाने जा रहा है।
दूसरी तरफ अमेरिका और चीन के संबंध लगातार बिगड़ते जा रहे हैं और QUAD ने भी चीन को डराकर रखा है। QUAD देशों की मीटिंग जल्द ही होने वाली है जिसमें चीन को रोकने के लिए खास प्लान बनाया जाएगा। QUAD में अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया हैं और ऑस्ट्रेलियन प्रधानमंत्री ने क्वाड देशों की जल्द मीटिंग होने की भी पुष्टि कर दी है। माना जा रहा है कि चीन को क्वाड से काफी डर है और चीन जानता है कि क्वाड का शक्तिशाली होना उसके लिए सबसे खतरनाक है।
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