चीन ने कोरोना वायरस की तीसरी वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल को दी मंजूरी
बीजिंग। दुनियाभर में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच चीन समेत कई देश वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं। इसी बीच चीन ने नैदानिक (क्लिनिकल) परीक्षण के दूसरे चरण के लिए कोरोना वायरस वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। चीन में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 12 नए मामले सामने आए हैं जिससे देश में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 82,816 हो गई। चीन ने तीन वैक्सीनों को परीक्षण के लिए मंजूरी दी है जिसमें चीनी सेना, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा विकसित की गई वैक्सीन भी शामिल है।
96 व्यक्तियों पर हुआ परीक्षण
न्यूज एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक चीन के नेशनल फार्मास्युटिकल ग्रुप (सिनोफार्म) और वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (डब्ल्यूआईवी) के तहत बनाई गई वैक्सीन का नैदानिक परीक्षण शुरू कर दिया गया है। दवा बनाने वाली चीनी कंपनी सिनोफार्म ने कहा कि तीन आयु वर्ग के कुल 96 व्यक्तियों ने 23 अप्रैल तक नैदानिक परीक्षण के पहले चरण में वैक्सीन दी गई। वैक्सीन ने अब तक अच्छे सुरक्षा परिणाम दिखाए हैं। हालांकि जिन लोगों पर वैक्सीन का ट्रायल किया है उन सभी को फिलहाल देखरेख में रखा गया है।
वैक्सीन नैदानिक परीक्षण के तीसरे चरण से गुजरेगी
यह परीक्षण मध्य चीन के हेनान प्रांत में आयोजित किया गया था। नैदानिक परीक्षण का दूसरा चरण टीकाकरण प्रक्रिया पर आधारित होगा। वैक्सीन नैदानिक परीक्षण के तीसरे चरण से भी गुजरेगी और टीके की सुरक्षा और प्रभाव पर निष्कर्ष पर पहुंचने में एक साल का समय लग सकता है। चीन ने नैदानिक परीक्षणों के लिए तीन COVID-19 वैक्सीन उम्मीदवारों को मंजूरी दी है। इंस्टीट्यूट ऑफ मिलिट्री साइंसेज के तहत इंस्टीट्यूट ऑफ मिलिट्री मेडिसिन द्वारा विकसित एक एडेनोवायरस वेक्टर वैक्सीन, नैदानिक परीक्षण में प्रवेश करने के लिए पहली बार अनुमोदित किया गया था।
देश में 12 नए पुष्टि किए गए COVID-19 मामले सामने आए
नैदानिक परीक्षण का पहला चरण मार्च के अंत में पूरा हो गया था, और दूसरा चरण 12 अप्रैल को शुरू हुआ। इस बीच, चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग, (एनएचसी) ने शनिवार को कहा कि देश में 12 नए पुष्टि किए गए COVID-19 मामले सामने आए। इस टीके का चीन में स्थित विदेशियों पर भी परीक्षण किया जाएगा। चीनी मिलिट्री साइंस अकादमी के शोधकर्ता चेन ने कहा कि इस वैक्सीन का इस्तेमाल कोरोना से प्रभावित अन्य देशों में किया जाएगा।
एक अन्य कंपनी ने बंदर पर किया वैक्सीन का परीक्षण
चीन की राजधानी बीजिंग में मौजूद दवा निर्माता कंपनी साइनोवैक बायोटेक ने कोरोना वायरस वैक्सीन को तैयार करने का दावा किया है। उनकी तरफ से कहा गया, वैक्सीन की दो डोज 8 बंदरों को गई थीं। 3 हफ्ते बाद उन्होंने बंदरों के स्वास्थ्य की जांच की तो नतीजे हैरान करने वाले थे। इसके बाद पुष्टि के लिए बंदरों के फेफड़ों में ट्यूब के जरिए वैक्सीन के रूप में कोरोना वायरस डाला गया। 3 हफ्ते बाद जांच में किसी बंदर में कोरोना संक्रमण नहीं मिला।
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