मसूद अजहर पर फैसले की घड़ी से पहले चीन ने तीन तर्कों के बाद फिर पलटा अपना फैसला!
बीजिंग। एक मई को यूनाइटेड नेशंस (यूएन) की प्रतिबंध समिति की एक अहम मीटिंग होनी है। इस मीटिंग में मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने वाले मुद्दे पर अहम फैसला लिया जाना है। लेकिन इससे पहले ही चीन ने फिर से अपना पैंतरा बदल लिया है। जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर अहम फैसले से पहले चीन ने यह तो कहा कि मुद्दे पर सकारात्मक प्रगति हो रही है लेकिन यह कहकर भारत का बीपी फिर से बढ़ा दिया है कि मुद्दे का हल बातचीत से निकलेगा। इस पूरे मुद्दे पर चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से एक बयान जारी किया गया है।
टेक्निकल होल्ड हटाने की थी खबरें
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की ओर से मंगलवार को कहा गया है कि 'यह समस्या पूरी तरह से सुलझ सकती है।' यह टिप्पणी उन्होंने उस सवाल के जवाब में की है जिसके तहत उनसे भारतीय मीडिया में टेक्निकल होल्ड की खबरों के बारे में पूछा गया था। ऐसी खबरें थी कि चीन एक मई को मसूद अजहर पर लगा टेक्निकल होल्ड हटा सकता है। चीन अभी तक सुबूतों की कमी और आम सहमति न बनने का हवाला देकर अजहर के बैन पर अड़ंगा लगाता आया है।
फिर किया सलाह-मशविरा करने का जिक्र
14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद अजहर को लेकर फिर से सवाल उठने लगे हैं। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। हमले की जिम्मेदारी जैश ने ही ली थी।चीन के विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे को निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए लिए तीन अहम प्वाइंट्स का जिक्र किया। पहले प्वाइंट में चीन ने कहा कि ब्लैकलिस्टिंग राजनीतिक सलाह मशविरे हो और दूसरा प्रतिबंध समिति के मानकों पर हों। प्रवक्ता की ओर से कहा गया है कि इस मुद्दे पर उचित राजनीतिक सलाह -मशविरे की प्रक्रिया जारी है।
कहा सुलझ सकती है समस्या
साथ ही समिति के मानकों के आधार पर ही यह परामर्श लिया जा रहा है। जो तीसरा तर्क चीन की ओर से दिया गया है उसके तहत विदेश मंत्रालय ने कहा है कि चीन सभी पक्षों की ओर से किए गए साझा प्रयासों पर यकीन रखता है। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि यह समस्या सही तरह से सुलझ सकती है।
अमेरिका और दूसरे देश नाराज
अभी तक चीन की ओर से कहा जा रहा था कि वह अजहर के मुद्दे पर एक समझदारी भरे रवैये का प्रदर्शन करेगा। चीन चार बार ब्लैकलिस्टिंग को बाधित कर चुका है। चीन के इस नए बर्ताव ने अमेरिका और उसके साथी देशों को आग-बबूला कर दिया है। अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन की ओर से अजहर को आतंकी घोषित करने वाला प्रस्ताव यूएन में पेश किया गया था।