चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग ने दी धमकी, बोले ताइवान को मिलाने के लिए करेंगे सेना का प्रयोग
बीजिंग। चीन ने ताइवान पर फिर से आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बुधवार को कहा कि उसके पास ताइवान को अपने नियंत्रण में लाने के लिए सेना के प्रयोग का अधिकार है। लेकिन सिर्फ शांति प्रयासों के जरिए ही इसे एक किया जाना चाहिए। चीनी राष्ट्रपति की मानें तो , चीन के नियंत्रण में आने के बाद यहां का भविष्य उज्जवल है। चीन, हमेशा ताइवान को अपना हिस्सा बताता है और वन चाइना पॉलिसी में ताइवान सबसे ऊपर है। चीन के लिए ताइवान काफी संवेदनशील मसला है और वह इसे अपनी सीमा मानता है।
जिनपिंग करें लोकतंत्र का सम्मान
जिनपिंग ने बीजिंग के ग्रेट हॉल ऑफ पीपुल में ताइवान पर बनी नीति के 40 वर्ष पूरा होने पर एक भाषण दिया और उसी भाषण में उन्होंने ताइवान पर अपने आक्रामक रुख का प्रदर्शन किया।साल 2016 में ताइवान की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी की साइ इंग वेन ताइवान की राष्ट्रपति बनीं थीं और तब से ही चीन लगातार दबाव बना रहा है। साइ ने जिनपिंग के इस दावे को मानने से इनकार कर दिया है। साथ ही उन्होंने जिनपिंग से अपील की है कि वह लोकतंत्र का सम्मान करें। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने यहां तक कह डाला है कि ताइवान को आखिरकार फिर चीन के साथ मिलाया जाएगा। जिनपिंग की मानें तो इस काम में अड़ंगा डालने वाले बाहरी तत्वों से चीन निबटेन की ताकत रखता है। चीन और ताइवान एक-दूसरे की संप्रभुता को मान्यता नहीं देते। ताइवान ऐसा द्वीप है जो साल 1950 से ही आजाद रहा है, लेकिन चीन उसे अपना विद्रोही राज्य कहता है। उसका मानना है कि ताइवान को चीन में शामिल होना चाहिए, इसके लिए चाहे सेना का ही प्रयोग ही क्यों न करना पड़े।