श्रीलंका में चीन ने दिया भारत को झटका, इंडियन नेवी ने दिया ये जवाब
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए इंडियन नेवी के चीफ वायस एडमिरल जी अशोक कुमार ने कहा है कि भारतीय नौसेना भारत की समुद्री सीमा की रक्षा के लिए ना सिर्फ पूरी तरह से सतर्क है, बल्कि पूरी तरह से तैयार भी है।
नई
दिल्ली,
जून
19:
इंडियन
नेवी
ने
पहली
बार
माना
है
कि
श्रीलंका
में
चीन
की
बढ़ती
सक्रियता
भारत
के
लिए
एक
बड़ा
खतरा
बन
सकता
है
और
इंडियन
नेवी
को
चीन
की
हर
हरकत
पर
कड़ी
निगरानी
रखनी
पड़ेगी।
चीन
को
लगातार
श्रीलंका
में
नये
नये
बंदरगाह
मिल
रहे
हैं,
जिसको
लेकर
इंडियन
नेवी
के
एक
शीर्ष
अधिकारी
ने
कहा
है
कि
चीन
की
बढ़ती
मौजूदगी
भारत
के
लिए
खतरनाक
है।
भारत के लिए खतरनाक चीन
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए इंडियन नेवी के चीफ वायस एडमिरल जी अशोक कुमार ने कहा है कि 'भारतीय नौसेना भारत की समुद्री सीमा की रक्षा के लिए ना सिर्फ पूरी तरह से सतर्क है, बल्कि पूरी तरह से तैयार भी है, और ऐसा कोई रास्ता नहीं है, जिससे हमें कोई चौंकाने की हिम्मत रखता हो।' इंटरव्यू के दौरान जी अशोक कुमार ने कहा कि 'यदि आप विश्लेषण करना चाहते हैं कि यह (चीन) खतरा है या नहीं, तो यह एक बहुत ही कठिन प्रश्न है। लेकिन बात यह है कि जब कोई व्यक्ति इस इस क्षेत्र से बाहर को होता है, तो वहां यहां के बारे में काफी ज्यादा दिलचस्पी दिखाना शुरू कर देता है, भले ही उसके पास ऐसा करने के लिए कोई तर्कसंकत वजह भी क्यों ना हो। सवाल ये है कि क्या उनका ऊर्जा सोर्स इस क्षेत्र से गुजरता है, तो जवाब है हां, और क्या वो हमारे लिए खतरा पैदा कर सकते हैं तो जवाब है हां, हो सकता है। लेकिन, हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि हमें उनपर तीखी नजर रखनी होगी और हम रख रहे हैं।
क्या नौसेना नजर रखती है?
समाचार एजेंसी एएनआई ने इंडियन नेवी के शीर्ष अधिकारियों में से एक जी. अशोक कुमार से सवाल पूछा कि क्या भारतीय नौसेना इस तरह की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखती है? तो उन्होंने कहा कि हां, पूरे क्षेत्र पर। उन्होंने कहा कि चीन बड़ी तेजी के साथ श्रीलंका में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहा है और पिछले दिनों श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में भी चीन ने एक और बंदरगाह प्राप्त कर लिया है, इससे पहले चीन हंबनटोटा बंदरगाह पर पहले ही नियंत्रण हासिल कर चुका है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या अब चीन, भारत को समुद्री मार्ग में भी चुनौती दे सकता है? खासकर हिन्द महासागर में ? इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि '26/11 मुंबई हमले के बाद भारत ने समुद्रों की निगरानी काफी सख्त कर दी है और भारत ने तटीय सुरक्षा नेटवर्क की भी स्थापना करने जैसा कदम उठाया था। हमने अपनी निगरानी क्षमता को काफी बढ़ा लिया है'
समुद्र में भारत भी बादशाह
इंडियन नेवी के वायस एडमिरल जी अशोक कुमार ने कहा कि समुद्री क्षेत्र में भारत भी काफी ताकतवर है और इस बात की संभावना काफी कम है कि हमें कोई चौंका सके। पिछले 10 सालों में हमने काफी ज्यादा तरक्की की है और आज हम काफी ज्यादा मजबूती के साथ तैयार हैं। उन्होंने कहा कि इंडियन नेवी अपनी पूरी क्षमता के साथ आगे बढ़ती है और आने वाले वक्त में हमारी ताकत और ज्यादा बढ़ने वाली है। आपको बता दें कि इंडियन नेवी विश्व में तीसरी सबसे बड़ी नेवी बन चुकी है और हमसे ज्यादा ताकत सिर्फ अमेरिका और चीन के पास ही है। पिछले कुछ सालों से चीन लगातार हिंद महासागर में अपनी दखल बढ़ाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन भारत ने पूरी ताकत के साथ चीन को रोक रखा है।
हिंद महासागर में प्रोजेक्ट 75-इंडिया
प्रोजेक्ट 75-इंडिया भारतीय नौसेना की महत्वाकांक्षी परियोजना है जिसके तहत नौसेना छह पारंपरिक डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों का निर्माण करना चाहती है। इन पनडुब्बियों को भविष्य में युद्ध की योजनाओं को ध्यान में रखते हुए बनाया जाना है और यह मुंबई के मझगाव डॉकयार्ड्स लिमिटेड में निर्माणाधीन स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों से भी बड़ी होंगी। नौसेना की आवश्यकताओं के अनुसार इन स्टील्थ पनडुब्बियों को भारी-भरकम मारक क्षमता से लैस किया जाएगा। यह कम से कम 12 लैंड अटैक क्रूज़ मिसाइल (एलएसीएम) के साथ-साथ एंटी-शिप क्रूज़ मिसाइल (एएससीएम) से लैस होंगी। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि नौसेना ने कहा है कि पनडुब्बियों को समुद्र में 18 हैवीवेट टॉरपीडो ले जाने और लॉन्च करने में सक्षम होना चाहिए। स्कॉर्पीन की तुलना में इन स्टील्थ पनडुब्बियों की अगली पंक्ति में आवश्यक मारक क्षमता कई गुना ज्यादा है।
चीन के लिए भारत की तैयारी
इस परियोजना को 1999 में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) से मंजूरी मिल गई थी और आवश्यक स्वीकृति 2007 में दी गई थी। भारतीय नौसेना के पास वर्तमान में 12 पनडुब्बियां हैं। इसके अलावा भारतीय नौसेनिक बेड़े में दो परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत और आईएनएस चक्र भी हैं। जहां भारतीय नौसेना के पास 140 से अधिक पनडुब्बियां और समुद्र की सतह पर चलने वाले युद्धपोत हैं, वहीं पाकिस्तानी नौसेना के पास लगभग 20 हैं। लेकिन अब भारतीय नौसेना का लक्ष्य पाकिस्तान से नहीं बल्कि चीन से निपटने की तैयारी करने में लगी है जिसने पिछले कुछ समय से हिंद महासागर में चीन ने अपनी गतिविधि बढ़ाई है। हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी जहाजों की बढ़ती उपस्थिति को देखते हुए अपने पनडुब्बी संचालन और नौसेना के बेड़े को उन्नत करना भारतीय नौसेना की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल हो चुका है।
म्यांमार सैन्य शासन को बहुत बड़ा झटका, UN में बड़ा प्रस्ताव पास, भारत रहा गैर-हाजिर