चीन का दुनिया भर में परियोजनाओं का निर्माण करना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा-माइक पॉम्पियो
वॉशिंगटन: अमरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने चीन को लेकर बड़ा बयान दिया है। चीन दुनिया भर में बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी प्रॉजेक्ट पर काम कर रहा है। जोकि राष्ट्रीय सुरक्षा का महत्वपूर्ण तत्व है और मेजबान देशों के लिए आर्थिक प्रस्ताव से कम है। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने कहा कि बीजिंग दूसरे बेल्ट एडं रोड फोरम की मेजबानी के लिए कमर कस रहा है। वन बेल्ट एंड वन रोड को बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव कहा जाता है। चीन का दावा है कि ये एक मल्टी बिलियन डॉलर प्रोजक्ट है, जिसका फोकस एशिया, अफ्रीका, चीन और यूरोप के देशों के बीच संपर्क और सहयोग में सुधार लाने पर है।
'चीन अमेरिका और सहयोगियों के लिए खतरा'
माइक पॉम्पियो ने गुरुवार को वाशिंगटन में ऑडियंस को बताया कि चीन अमेरिका, उसके दोस्तों और सहयोगियों के लिए सुरक्षा खतरा है। पॉम्पियो ने नेशनस रिव्यू इंस्टिट्यूट के आइडिया समिट 2019 में रिच लॉरी से बात करते हुए कहा कि वे दक्षिण चीन सागर में इसलिए आगे नहीं बढ़ रहे हैं कि उन्हें नेविगेशन के लिए आजादी चाहिए। दुनिया भर में बंदरगाह बनाने के पीछे चीन का उद्देश्य अच्छा शिपबिल्डर बनना नहीं है, बल्कि उसके कई कदम संबंधित देशों के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि बेल्ट ऐंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के साथ भी ऐसा ही है।
भारत की सीपीईसी को लेकर चिंता
भारत
ने
बेल्ट
ऐंड
रोड
इनिशिएटिव
के
हिस्से
चीन-पाकिस्तान
आर्थिक
गलियारे
(सीपीईसी)
को
लेकर
लगातार
अपनी
चिंता
जताता
रहा
है।
ये
पाकिस्तान
अधिकृत
कश्मीर
जिसे
पीओके
कहा
जाता
है
वहां
से
होकर
गुजर
रहा
है।
3,000
किलोमीटर
के
CPEC
का
उद्देश्य
चीन
और
पाकिस्तान
को
रेल,
सड़क,
पाइपलाइन
और
ऑप्टिकल
फाइबर
केबल
नेटवर्क
से
जोड़ना
है।
भारत
ने
पड़ोसी
देशों
को
चीन
के
कर्ज
में
फंसने
से
आगाह
किया
है।
चीन
द्वारा
99
साल
की
लीज
पर
श्रीलंका
के
रणनीतिक
हंबनटोटा
बंदरगाह
का
अधिग्रहण
करने
के
बाद
भारी
कर्ज
को
लेकर
आशंका
बढ़
गई।
पॉम्पियो
ने
कहा
कि
दुनिया
इस
खतरे
को
लेकर
जागरुक
हो
रही
है।
'दक्षिण पूर्वी एशिया इस खतरे को लेकर जागरुक '
पोम्पिओ ने कहा कि मुझे लगता है कि विशेष रूप से एशिया तथा दक्षिण पूर्वी एशिया इस खतरे को लेकर जागरुक हो रहा है और मुझे आशा है कि विदेश मंत्रालय यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है वो इसे देखे और पहचाने ताकि चीन के लिए इन गतिविधियों में शामिल होना और अधिक कठिन हो जाए। पॉम्पियो की टिप्पणी तब आई है जब अगले महीने चीन अगले महीने दूसरा बेल्ट एडं रोड फोरम आयोजित कर रहा है। भारत ने साल 2017 में पहली बेल्ट एंड रोड फोरम का बॉयकॉट किया था क्योकिं बीजिंग पाकिस्तान सीपीईसी को लेकर आगे बढ़ रहा है। वहीं चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने इस महीने एक सालाना मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि अप्रैल में होने वाली बीआरएफ बैठक 2017 से अधिक अंतरराष्ट्रीय भागीदारी होगी।
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