चीन ने कहा CPEC के जरिए पाकिस्तान में नहीं फाइटर जेट तैयार करने का इरादा नहीं, अमेरिकी रिपोर्ट को किया खारिज
बीजिंग। चीन ने अमेरिकी मीडिया की एक रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि चीन, चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरीडोर (सीपीईसी) के तहत पाकिस्तान में फाइटर जेट्स और मिलिट्री हार्डवयर तैयार करने का सीक्रेट प्लान बना चुका है। सीपीईसी 60 बिलियन डॉलर का प्रोजेक्ट है और बलूचिस्तान के ग्वादर पोर्ट को चीन के शिनजियांग प्रांत से जोड़ता है। यह प्रोजेक्ट चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के फ्लैगशिप बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (बीआरआई) के तहत आने वाला प्रोजेक्ट है।
इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने का दावा
अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि पाकिस्तान की एयरफोर्स और चीनी अधिकारी एक सीक्रेट प्रपोजल पर काम कर रहे हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया था, 'चीनी अधिकारी बार-बार कह चुके हैं कि बीआरआई पूरी तरह से आर्थिक प्रोजेक्ट है और इसका मकसद शांतिपूर्ण प्रयासों को आगे बढ़ाना है।लेकिन पाकिस्तान के लिए चीन ने पहली बार बीआरआई प्रोजेक्ट को सैन्य महत्वकांक्षा से जोड़ दिया है।' रिपोर्ट के मुताबिक दोनों देशों की ओर से इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए पहल की जा रही है और पाक इसमें चीन की मदद कर रहा है।
चीन ने दावे को किया खारिज
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट पर चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से जवाब दिया गया है। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा है, 'हमारी जानकारी के मुताबिक यह मीडिया रिपोर्ट पूरी तरह से गलत है।' चुनयिंग ने यह मीडिया ब्रीफिंग के दौरान उस समय कही जब उनसे सीपीईसी की ज्वॉइन्ट को-ऑर्डिनेशन कमेटी (जेसीसी) की मीटिंग से जुड़ा एक सवाल किया गयसा था। कहा जा रहा है कि इसी मीटिंग में दोनों देशों ने कई क्षेत्रों में औद्योगिक सहयोग को बढ़ाने से जुड़ा एक समझौता साइन किया है ताकि स्पेशल इकोनॉमिक जोन के लिए निवेश को आकर्षित किया जा सके।
पाकिस्तान को चाहिए चीन से सैन्य सहायता
हुआ ने कहा कि सीपीईसी दीर्घकालिक हितों के लिए आपसी सहयोग को ध्यान में रखने वाला एक अहम ढांचा है। चीन और पाकिस्तान एकसाथ मिलकर जे-17 थंडर फाइटर जेट का निर्माण कर रहे हैं। यह एक सिंगल मल्टी रोल कॉम्बेट एयरक्राफ्ट है। कई फाइटर जेट्स और दूसरे जरूरी मिलिट्री हार्डवेयर के लिए पाकिस्तान की नजरें चीन पर हैं। इनमें एक स्टील्थ जेट भी शामिल है जो पाक, चीन से खरीदना चाहता है।