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'ड्रैगन' ने समझौता तोड़ा! ताइवान ने कहा, कार्रवाई करने को मजबूर कर रहा चीन

चीन अपनी विस्तारवादी सोच के लिए जाना जाता है। वह लोकतांत्रिक रूप से शासित द्वीप को बीजिंग का हिस्सा मानता है। चीउ ने ताइवान की संसद में कहा कि अगर चीन रेड लाइन पार करने की कोशिश करेगा तो वे भी चुप नहीं बैठेंगे।

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ताइपे, 6 अक्टूबर : अमेरिकी सीनेटर नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद से चीन और ताइवान के बीच तनातनी (China Taiwan Conflict) और ज्यादा बढ़ गई है। ताइपे का आरोप है कि बीजिंग ने ताइवान जलडमरूमध्य में एक अनौपचारिक मध्य रेखा को पार किया है। इससे ताइवान चीन से काफी नाराज हो गया है। उसने चीन को धमकी देते हुए कहा है कि अगर बीजिंग ने रेड लाइन पार करने की कोशिश करता है तो उन्हें मजबूर होकर चीन के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी।

नैन्सी ने आग में घी डालने का काम किया!

नैन्सी ने आग में घी डालने का काम किया!

नैन्सी पेलोसी के ताइवान दौरे ने चीन के गुस्से की आग में घी डालने का काम किया। हालात लगातार बिगड़ते ही जा रहे हैं। इन सबके बीच ताइवान के रक्षा मंत्री चिउ कुओ-चेंग (Defence Minister Chiu Kuo-cheng) ने चीन पर बड़ा आरोप लगा दिया है। उनका कहना है कि बीजिंग ने ताइवान जलजमरूमध्य में एक अनौपचारिक मध्य रेखा को पार करने की कोशिश की है।

चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है

चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है

चीन अपनी विस्तारवादी सोच के लिए जाना जाता है। वह लोकतांत्रिक रूप से शासित द्वीप को बीजिंग का हिस्सा मानता है। चीउ ने ताइवान की संसद में कहा कि अगर चीन रेड लाइन पार करने की कोशिश करेगा तो वे भी चुप नहीं बैठेंगे, बदले में जवाबी कार्रवाई करेंगे। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि ताइवान की रेड लाइन क्या थी। उन्होंने बताया कि ताइवान के क्षेत्र में ड्रोन और चीनी विमानों को देखा गया है। चीन नहीं जानता की मध्य रेखा को रेड लाइन कहा जाता है। बता दें कि, इस क्षेत्र में अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी का दौरा चीन को रास नहीं आया और उसने अगस्त के महीन में ताइपे पर अपना गुस्सा दिखाते हुए सैन्य अभ्यास के नाम पर मिसाइलों से फायरिंग और बमबारी की।

ताइवान के आसपास गतिविधियां कम हुईं

ताइवान के आसपास गतिविधियां कम हुईं

अगस्त के बाद से वर्तमान की स्थिति को देखे तो चीन ने ताइवान के आसपास गतिविधियां कम कर दी हैं। हालांकि, चीन मौका देखकर मध्य रेखा को पार कर लेता है। बता दें कि मध्य रेखा दोनों पक्षों के बीच सालों से अनौपचारिक तौर पर एक रेड लाइन का काम कर रहा है। रक्षा मंत्री चिउ कुओ-चेंग ने संसद समिति की बैठक में कहा, मध्य रेखा सभी के लिए एक मौन समझौता माना जाता था। वह मौन समझौता खत्म कर दिया गया है।

चीन नहीं मानता

चीन नहीं मानता

साल 1954 में एक अमेरिकी जनरल ने कम्युनिस्ट चीन और अमेरिका समर्थित ताइवान के बीच के तनातनी की आशंका को देखते हुए चीन और ताइवान के बीच एक लाइन का निर्माण किया था,जिसे ताइवान जलडमरूमध्य कहा जाता है। चीन ने कभी भी आधिकारिक तौर पर उस रेखा को मान्यता नहीं दी। हालांकि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने इसका काफी सम्मान किया था।

विवादित दक्षिण चीन सागर पर ड्रैगन का दावा

विवादित दक्षिण चीन सागर पर ड्रैगन का दावा

ताइवान जलडमरूमध्य 180 किलोमीटर चौड़ी नहर है जो चीन और ताइवान को अलग करती है, जिसे चीन अपने मुख्य भूभाग का हिस्सा बताता है। दूसरी तरफ अमेरिकी सैन्य विमान और युद्धपोत समय-समय पर ताइवान जलडमरूमध्य और विवादित दक्षिण चीन सागर के उस इलाके में नौवहन की स्वतंत्रता को दर्शाने के लिये संचालन करते रहते हैं जिस पर चीन अपने क्षेत्र के तौर पर दावा करता रहता है। वहीं, फिलीपीन, वियतनाम, मलेशिया, वियतनाम, ब्रूनेई और ताइवान दक्षिण चीन सागर को लेकर चीन के दावों का विरोध करते हैं।

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English summary
China has destroyed a tacit agreement on military movements in the Taiwan Strait by crossing an unofficial "median line" running down the waterway, Defence Minister Chiu Kuo-cheng said on Wednesday.
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