Doklam Issue: फिर चीन-भारत में ठनी, सेना की मौजूदगी पर दिया ये बयान
चीन के विदेश मंत्री ने कहा कि डोंगलांग (डोकाला) क्षेत्र हमेशा से ही चीन का रहा है और यह पूरी तरह से चीन के प्रभावक्षेत्र में आता है।
बीजिंग। डोकलाम में जिस तरह से चीन की सेना अभी भी मौजूद है उसपर चीन ने सफाई देते हुए कहा कि उसकी सेना यहां पर पेट्रोलिंग कर रही है और उसकी सेना अपने संप्रभुता की रक्षा के लिए ऐसा कर रही है। आपको बता दें कि इस इलाके पर भूटान भी अपना दावा करता है। चीन के विदेश मंत्री ने कहा कि डोंगलांग (डोकाला) क्षेत्र हमेशा से ही चीन का रहा है और यह पूरी तरह से चीन के प्रभावक्षेत्र में आता है।
यहां कोई विवाद नहीं
जब चीन के विदेश मंत्रालय से पूछा गया कि चीन की पीएलए यहां इस इलाके में मौजूद है तो उन्होंने कहा कि यहां कोई भी विवाद नहीं है, चीन की सेना यहां सीमावर्ती क्षेत्र में पेट्रोलिंग कर रही हैं, वह अपनी संप्रभुता के तहत जिम्मेदारी को निभा रही है और सीमा की सुरक्षा में तैनात हैं, यह सीमा ऐतिहासिक तौर पर चीन से संबद्ध है।
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सेना की मौजूदगी गलत नहीं
चीन के विदेश मंत्रालय ने अपने लिखित बयान में कहा है कि इस इलाके में पीएलए का मौजूद होना कतई गलत नहीं है। आपको बता दें कि भारत और चीन के बीच डोकलाम को लेकर 16 जून से विवाद शुरू हुआ था, जोकि 73 दिनों तक चला था। दोनों देशों के बीच आपसी समझौते के बाद यह विवाद 28 अगस्त को खत्म हो गया था।
भारत ने जताई चिंता
वहीं हाल के घटनाक्रम पर भारत का कहना है कि उसने इस बाबत चीन को जानकारी दे दी है। गुरुवार को आईएएफ चीफ मार्शल बीएस धनोवा ने कहा था कि चीन की सेना मौजूदा समय में चुंबी घाटी में मौजूद है, जोकि डोकलाम क्षेत्र में ही आता है, उन्होंने कहा था कि शांतिपूर्ण समझौता दोनों ही देशों के हित में है। वहीं विदेश सचिव एस जयशंकर के भूटान यात्रा पर चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि हालांकि चीन और भूटान के बीच अभी तक कूटनीतिक रिश्ते नहीं बने हैं, लेकिन दोनों देशों के बीच दोस्ताना संबंध है। चीन का कहना है कि उसने भूटान की आजादी और संप्रभुता का हमेशा से सम्मान किया है।
विदेश सचिव की भूटान यात्रा पर भी साधा निशाना
अपने बयान में चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि हमें उम्मीद है अन्य देश बी चीन की आजादी और संप्रभुता का सम्मान करेंगे और भूटान के साथ सामान्य द्वीपक्षीय संबंध बनाएंगे, साथ ही हमें उम्मीद है कि इस क्षेत्र में शांति, भरोसा और स्थिरता को बनाए रखने के लिए सभी देश प्रयास करेंगे।
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