पाकिस्तान के बचाव में फिर उतरा चीन, बोला-आतंक के खिलाफ पाक की कोशिशों का सम्मान करें देश
बीजिंग।आंतकवाद की जन्मस्थली माना जाने वाले पाकिस्तान का चीन ने एक बार फिर से बचाव किया है। चीन ने कहा कि, आतंकवाद सभी देशों के लिए एक चुनौती है और पाकिस्तान ने इसके खिलाफ लड़ते हुए बलिदान दिए हैं। दरअसल, अगले महीने एफएटीएफ की बैठक होनी है। इसमें पाकिस्तान के ब्लैक लिस्ट होने पर फैसला होना है। पाकिस्तान को फाइनेंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ब्लैक लिस्ट से बचने के लिए चीन बचाव की मुद्रा में आ गया है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि, आतंकवाद सभी देशों के सामने एक आम चुनौती है। पाकिस्तान ने आतंकवाद से लड़ने में जबरदस्त प्रयास और बलिदान दिया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को उसका सम्मान करना चाहिए। चीन ने सभी प्रकार के आतंकवाद का विरोध किया है। हम किसी भी देश को आतंकवाद के लिए जिम्मेदार ठहराने का विरोध करते हैं। आतंकवाद और कोरोना मानव जाति के दुश्मन हैं। हमें लगता है कि पाकिस्तान, अमेरिका का दुश्मन नहीं है।
चीन का यह बयान ऐसे समय पर सामने आया है जब यूएस-इंडिया काउंटर-टेररिज्म जॉइंट वर्किंग ग्रुप और डेसिगनेशंस डायलॉग में अमेरिका और भारत ने पाकिस्तान से यह सुनिश्चित करने को कहा कि उसके नियंत्रण वाले किसी भी क्षेत्र का आतंकवादी हमलों के लिए उपयोग न किया जाए। भारत और अमेरिका ने बृहस्पतिवार को कहा था कि पाकिस्तान को आतंकवादी संगठनों के खिलाफ तत्काल, सतत और अपरिवर्तनीय कार्रवाई करने की आवश्यकता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उसके नियंत्रण वाले किसी भी क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों में नहीं हो।
दोनों देशों ने इस्लामाबाद से मुम्बई हमले और पठानकोट वायु सेना अड्डे पर हुए हमले सहित अन्य आतंकवादी हमलों के दोषियों के खिलाफ त्वरित कानूनी कार्रवाई की भी मांग की। दरअसल एफएटीएफ ने आतंकवाद को वित्तीय पोषण रोकने और मनी-लॉन्डरिंग के खिलाफ कदम उठाने को लेकर 27 बिंदुओं का ऐक्शन प्लान बनाया था। इसी के तहत इमरान सरकार कई बिल पारित करा रही है। उधर, विपक्ष ने इमरान सरकार के इस प्रयासों को जोरदार झटका दिया है। विपक्ष ने संसद के उच्च सदन में इमरान सरकार के दो विधेयकों को पारित ही नहीं होने दिया।
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