चीन ने तीन लाख सैनिकों को सेना से हटाया, मॉर्डनाइजेशन और भ्रष्टाचार के खिलाफ जिनपिंग का बड़ा कदम
चीन की सेनाओं को दुनिया की दूसरी सबसे ताकतवर सेना माना जाता है। गुरुवार को चीनी मिलिट्री की ओर से ऐलान किया गया है कि वह अपने ट्रूप्स में कटौती करेगी। चीनी मिलिट्री की ओर से तीन लाख सैनिकों की कटौती करने का ऐलान किया गया है।
बीजिंग। चीन की सेनाओं को दुनिया की दूसरी सबसे ताकतवर सेना माना जाता है। गुरुवार को चीनी मिलिट्री की ओर से ऐलान किया गया है कि वह अपने ट्रूप्स में कटौती करेगी। चीनी मिलिट्री की ओर से तीन लाख सैनिकों की कटौती करने का ऐलान किया गया है। मिलिट्री की ओर से कहा गया है कि ऐसा मिलिट्री में सुधारों की वजह से किया जा रहा है। आपको बता दें कि जब से शी जिनपिंग ने पिछले दिनों चीनी राष्ट्रपति के तौर पर दोबारा सत्ता संभाली है तब से ही सेनाओं में लगातार सुधार किया जा रहा है। साथ ही सेना से जुड़े कई फैसलों को सार्वजनिक किया जा रहा है।
सैनिकों की कटौती का लक्ष्य पूरा
चीनी मिलिट्री की ओर से कहा गया है कि सैनिकों में कटौती करने का मकसद मिलिट्री की लड़ने की ताकत में और इजाफा करना और इसकी गुणवत्ता में सुधार करना है। चीनी मिलिट्री की क्षमता अब दो मिलियन सैनिकों की है। चीन के रक्षा प्रवक्ता कर्नल रेन ग्यूओकियांग ने मीडिया को बताया, 'हमने तीन लाख सैनिकों की कटौती करने का लक्ष्य तय किया था और अब हमने उसे हासिल कर लिया है।' सीपीसी की मानें तो आने वाले समय में सेनाओं में और सुधार किए जाएंगे। उन्होंने इस फैसले को चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) का अहम फैसला करार दिया है। साल 2015 में चीन में हुई मिलिट्री परेड में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सैनिकों की संख्या में तीन लाख की कटौती का ऐलान किया गया था। पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) की क्षमता साल 1980 तक 4.5 मिलियन थी। साल 1985 में इसे तीन मिलियन किया गया और बाद में इसे 2.3 मिलियन कर दिया गया।
जनरल को मिली भ्रष्टाचार की सजा
पीएलए की ओर से पिछले वर्ष भी कहा गया था कि वह मिलिट्री मॉर्डनाइजेशन प्रोग्राम के तहत अपने ग्राउंड ट्रूप्स में एक मिलियन से कुछ की कटौती करेगा। चीन ने मिलिट्री मॉर्डनाइजेशन प्रोग्राम के तहत नेवी को एक बड़ा रोल दिया हुआ है और नेवी को इस रोल के तहत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन का प्रभाव और बढ़ाना है। वैसे चीन की ओर से ट्रूप्स की संख्या में कटौती शी जिनपिंग की ओर से भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम का भी हिस्सा है। इस मुहिम में शी ने अब तक 3,000 से ज्यादा सैनिकों को सजा दी है जिसमें 50 टॉप जनरल भी शामिल हैं।
बजट में भी तीन गुना का इजाफा
हाल ही में चीन ने साल 2018 के लिए अपने रक्षा बजट का ऐलान किया है और यह बजट भारत की तुलना में चीन का रक्षा बजट तीन गुना ज्यादा है। चीन ने पिछले वर्ष की तुलना में अपने रक्षा बजट में 8.1 प्रतिशत का इजाफा किया है। चीन ने रक्षा खर्च के लिए 175 बिलियन डॉलर की रकम तय की है और यह भारत के रक्षा बजट से करीब तीन गुना ज्यादा है। चीन ने पिछले वर्ष अपने रक्षा बजट को बढ़ाकर 150.5 अरब डॉलर कर दिया था जो कि भारत के लगभग 52.5 अरब डॉलर के ताजा रक्षा बजट का तीन गुना है।अमेरिका के बाद चीन अब दुनिया का दूसरा देश है जो रक्षा पर सबसे ज्यादा खर्च करता है। रक्षा बजट के लिहाज से अमेरिका दुनिया का पहला ऐसा देश है जो सबसे ज्यादा खर्च करता है।
भारत से सटे बॉर्डर पर तैनात होगी पीएलए
इसके अलावा जिनपिंग ने एक रि-स्ट्रक्चरिंग प्लान भी तैयार किया है जिसमें कई कमांड्स और रॉकेट फोर्स के अलावा एक स्ट्रैटेजिक फोर्स का भी प्लान है जो मिसाइल लॉन्च के लिए होगी। हाल ही में जिनपिंग ने एक नई रिफॉर्म पॉलिसी का ऐलान कर दिया है। चीन की इस नई पॉलिसी के तहत चीन की सेना को पूरी तरह से भारत से सटे बॉर्डर पर तैनात कर दिया जाएगा। चीन ने ऐलान कर दिया है कि वह सीमा पर तैनात फ्रंटियर डिफेंस पुलिस फोर्स को भारत और दूसरे देशों से सटे बॉर्डर्स से हटा देगा।
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