कोरोना वायरस: वुहान की लैब में चीन ने बनाया था कोरोना वायरस, दुनिया भुगत रही अंजाम!
वुहान। पूरी दुनिया चीन से निकले खतरनाक कोरोना वायरस से डरी हुई है। चीन में अब तक 132 लोगों की जान चली गई है। वुहान से यह वायरस निकला है और इस शहर को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। कोई नहीं समझ पा रहा है कि आखिर इस वायरस की वजह क्या है? वहीं अब कुछ विशेषज्ञों की मानें तो वायरस की वजह चीन का सीक्रेट बॉयोलॉजिक वेपप प्रोग्राम है। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि वुहान में स्थित पी4 लैब से यह वायरस निकला जहां पर बायोलॉजिकल वेपेन बनाए जा रहे थे। चीन का दांव उलटा पड़ गया और उसके वैज्ञानिकों की गलती पूरी दुनिया भुगत रही है।
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सरकार मानेगी अपनी गलती!
सेंट्रल चीन का शहर वुहान, हुबेई प्रांत में आता है और यहां पर मशहूर सी-फूड मार्केट है। इसी जगह पर पहली बार इस वायरस के पहले लक्षण देखे गए। पी4 लैब इस सी-फूड मार्केट से करीब 32 किलोमीटर दूर है। चीनी सरकार के सूत्रों की मानें तो चीनी की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी अब अपनी गलती को दुनिया के सामने स्वीकारने को तैयार है। सरकार सार्वजनिक तौर पर इस बात को मानने की रणनीति बना रही कि कोरोना वायरस वुहान की लैब में तैयार हुआ है और दुर्घटनावश लीक हो गया। चीनी सरकार की तरफ से आधिकारिक तौर पर वायरस को 'मानवीय गलती' के तौर पर घोषणा की जाएगी।
लैब में तैयार हुआ वायरस
शुरुआत में चीनी सरकारी तंत्र ने जंगली जानवरों जैसे चमगादड़ और सांप को वायरस की वजह बताया था। कई तरह के वीडियो शेयर किए गए थे जिसमें लोगों को इन जानवरों का मांस खाते हुए दिखाया गया था। जनवरी 2018 में वुहान में बायो-सेफ्टी लेवल फोर (बीएसएल-4) लैब का निर्माण किया गया था। इसका मकसद नई बीमारियों को रोकना था । लैब में सार्स और इस प्रकार के दूसरे वायरस को शुद्ध करके सुरक्षित रखा गया था। इजरायल के बायोलॉजिकल वॉरफेयर विशेषज्ञ डैनी शोहाम ने अब सरकार पर सवाल खड़े कर दिए हैं। डैनी, इजरायल के एक पूर्व मिलिट्री इंटेलीजेंस ऑफिसर हैं और उन्होंने चीन के बायोलॉजिक वॉरफेयर पर अध्ययन किया है। डैनी ने कहा है कि इस वायरस को चीन की पी4 लैब में ही तैयार किया गया है।
उप-राष्ट्रपति बोले फरवरी में खत्म हो जाएगा
कुछ विशेषज्ञ सवाल उठा रहे हैं कि क्या चीन ने जानबूझकर इस वायरस को लीक किया है? वुहान में न्यूमोनिया का जब पहला केस नजर आया तो उससे पहले चीन के उपराष्ट्रपति वांग किशान के संदिग्ध बर्ताव को भी विशेषज्ञों ने गौर किया है।किशान चुपचाप वुहान पहुंचे थे और उसी समय वायरस का पहला केस नजर आया था। सूत्रों की मानें तो किशान ने अपने करीबियों को बताया था कि फरवरी माह के अंत में वायरस का प्रकोप खत्म हो जाएगा।
WHO की मदद लेने से भी इनकार
अब हालात बेकाबू हो रहे हैं और यह अनियंत्रित हो चुका है। फ्रांस, जर्मनी, भारत और अमेरिका समेत दुनिया के 13 देश इसका शिकार हो गए हैं। चीनी सरकार की तरफ से अभी तक इस वायरस को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए हैं। बल्कि उसने सेना को शहरों और गांवों में तैनात कर दिया है ताकि अपनी जगहों को छोड़ कर न जा सकें। सरकार ने वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्लूएचओ) की तरफ से हर प्रकार की मदद, अनुदान और उसकी तरफ से होने वाली मॉनिटरिंग को भी मानने से इनकार कर दिया है।