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चीन ने अमेरिका की नाक में किया दम, एक नहीं, बल्कि दो-दो बार हाइपरसोनिक मिसाइल का किया परीक्षण

चीन ने एक नहीं, बल्कि दो-दो बार हाइपरसोनिक मिसाइलों का परीक्षण किया है, जिसने अमेरिका को स्तब्ध करके रख दिया है।

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वॉशिंगटन, अक्टूबर 21: चीन को रोकने के लिए एक तरफ अमेरिका अलग अलग गुटों का निर्माण कर रहा है, दूसरी तरफ चीन ने अमेरिका की नाक में दम कर रखा है और अब खुलासा हुआ है कि चीन ने एक नहीं, बल्कि दो बार हाइपरसोनिक मिसाइलों का परीक्षण किया है, जिसने अमेरिका को सकते में डाल दिया है। फाइनेंशियल टाइम्स (एफटी) अखबार ने रिपोर्ट किया है कि चीन ने जुलाई और अगस्त में नए हाइपरसोनिक हथियारों के एक नहीं, बल्कि दो परीक्षण किए, जिससे संयुक्त राज्य अमेरिका में सनसनी फैला कर रख दी है।

दो बार हाइपरसोनिक मिसाइल परीक्षण

दो बार हाइपरसोनिक मिसाइल परीक्षण

लंदन स्थित फाइनेंशियल टाइम्स ने गुरुवार को सनसनीखेज रिपोर्ट जारी करते हुए खुलासा किया है कि, बीजिंग ने 27 जुलाई को पहली बार हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया था, जो पृथ्वी के चारों ओर एक चक्कर लगाने के बाद अपने निशाना लगाया था, जो 2 मील पहले ही गिर गया। मामले से परिचित लोगों के मुताबिक, चीन का न्यूक्लियर हाइपरसोनिक ग्लाइड वाहन पृथ्वी की निचली कक्षा में एक चक्कर लगाने के बाद अपने टार्गेट को हिट करने के लिए आगे बढ़ा, लेकिन मिसाइल निशाने को भेद नहीं पाया। इस मामले में फाइनेंशियल टाइम्स ने पांच जानकारों के हवाले से रिपोर्ट दी है, जिसमें कई बड़े खुलासे किए हैं। पिछले हफ्ते जब फाइनेंशियल टाइम्स ने पहली बार रिपोर्ट दी थी, तो चीन ने कहा था कि, उसने किसी मिसाइल का परीक्षण नहीं, बल्कि स्पेसक्राफ्ट का परीक्षण किया था।

जुलाई और अगस्त में परीक्षण

जुलाई और अगस्त में परीक्षण

फाइनेंशियल टाइम्स ने कहा है कि, चीन ने पहली बार 27 जुलाई को हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया था, जबकि उसके दो हफ्ते के बाद 13 अगस्त को चीन ने दूसरा हाइपरसोनिक परीक्षण किया, रिपोर्ट में दो लोगों को मामले से परिचित होने का हवाला दिया गया है। अखबार ने शुरू में सप्ताहांत में प्रकाशित एक स्टोरी में बताया था कि पहला परीक्षण जुलाई के अंत के बजाय अगस्त में किया गया था। फाइनेंशियल टाइम्स की लेटेस्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि, मिसाइल परीक्षण ने चीनी सैन्य परीक्षण की जानकारी मिलने बाद अमेरिकी खुफिया अधिकारी और अमेरिकी सैन्य अधिकारी स्तब्ध हैं, क्योंकि उनके पास अभी तक ऐसे हथियार नहीं हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि, अमेरिकी वैज्ञानिक हाइपरसोनिक हथियार की क्षमता को "समझने के लिए संघर्ष कर रहे थे", "जो वर्तमान में अमेरिका के पास नहीं है"।

अमेरिका समेत दुनिया में सनसनी

अमेरिका समेत दुनिया में सनसनी

एफटी की प्रारंभिक रिपोर्ट के जवाब में, चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि उसने केवल एक स्पेसक्राफ्ट लॉन्च किया था और इसका परीक्षण 16 जुलाई को किया गया था। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने सोमवार को कहा था, "हमने स्पेसक्राफ्ट का परीक्षण किया था, जो आने वाले वक्त में पूरी दुनिया के लिए कल्याणकारी होगा।" चीन के सरकारी न्यूज चैनल सीजीटीएन से बात करते हुए झाओ लिजियन ने कहा कि, स्पेसक्राफ्ट के उपयोग की लागत को कम करने के लिए परीक्षण "आवश्यक" था, और मनुष्यों को "शांतिपूर्ण उद्देश्यों" के लिए अंतरिक्ष का उपयोग करने के लिए एक सुविधाजनक और सस्ता तरीका प्रदान करना था।

काफी ज्यादा चिंतित है अमेरिका

काफी ज्यादा चिंतित है अमेरिका

इस सप्ताह की शुरुआत में एक बयान में अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि, राष्ट्रपति जो बाइडेन का प्रशासन चीन की परमाणु हथियार क्षमता और "नोवल डिलिवरी सिस्टम" में लेटेस्ट डेवलपमेंट को लेकर काफी चिंतित है। बुधवार को बाइडेन के साथ यात्रा करने वाले पत्रकारों ने भी उनसे पूछा थाॉ, कि क्या वह रिपोर्ट से चिंतित हैं, तो उन्होंने जवाब दिया, "हां"। अनुमान और विश्लेषण के अनुसार, हाइपरसोनिक हथियार ऊपरी वायुमंडल में 6,200 किलोमीटर प्रति घंटे (3,853 मील प्रति घंटे) की गति से यात्रा करते हैं, जो ध्वनि की गति से पांच गुना से भी ज्यादा है। आवाज की रफ्तार करीब 1,235 किमी / घंटा (767 मील प्रति घंटे) होती है। और हाइपरसोनिक हथियार रडार की पकड़ में भी नहीं आते हैं।

बदल गया दुनिया का गेम

बदल गया दुनिया का गेम

सोमवार को अमेरिकी सीनेटर एंगस किंग ने नए हथियार को "रणनीतिक गेम-चेंजर्स के रूप में बताया है, जिसमें उन्होंने इसे रणनीतिक क्षमता हासिल करने के लिए खतरनाक क्षमता हासिल करने की बात कही है। अमेरिका के एक सीनेटर, "चीन या रूस द्वारा विकसित किए जा रहे इन हथियारों के परिणाम विनाशकारी हो सकतेहैं।" यह भी कहा जाता है कि अमेरिका अपनी खुद की हाइपरसोनिक हथियार तकनीक विकसित करने के लिए भी रेस में है। रिपोर्टों के अनुसार, लॉकहीड मार्टिन और रेथियॉन टेक्नोलॉजीज जैसे अमेरिकी सैन्य ठेकेदार मिसाइलों के विकास में शामिल हैं।

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English summary
China has not once, but twice tested hypersonic missiles, which has stunned America.
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