चीन: डोकलाम हमारा ऐतिहासिक हिस्सा, दोनों देश शांति से सीमा विवाद सुलझाएं
बीजिंग। पिछले साल डोकलाम में लंबे समय तक चले गतिरोध के बाद, सोमवार को चीन ने कहा है कि दोनों ही देशों को एक साथ आकर सीमा विवाद को सुलझाने की जरूरत है। चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि सीमा पर चल रहे गतिरोध को सुलझाने के भारत और चीन को 'शांति से रास्ता' ढूंढना चाहिए। हालांकि, चीन ने एक बार फिर डोकलाम को अपना ऐतिहासिक पार्ट बताते हुए कहा कि सीमा पर हमने हमेशा संप्रभुता को कायम रखा है।
डोकलाम चीन के अधिकार क्षेत्र में
डोकलाम में कंस्ट्रक्शन के बार में चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनियांग ने 1890 में यूके और चीन के बीच हुए समझौते का हवाला देते हुए कहा कि भारत और चीन की बाउंड्री पर सिक्किम क्षेत्र को लेकर एक एतिहासिक समझौता हो चुका है और यह समझौता चीन के प्रभावशाली अधिकार क्षेत्र में आता है। उन्होंने कहा, 'मैं जोर देकर कहना चाहूंगी कि यह इलाका चीन की संप्रभुता में आता है, इसलिए डोकलाम में हम बिल्डिंग बना रहे हैं। चीन ने हमेशा सीमा पर संप्रभुता को कायम रखा है, जिसमें डोकलाम भी शामिल है।'
डोकलाम को लेकर इंडियन मीडिया उत्सुक
डोकलाम में इंडियन मीडिया रिपोर्ट्स को लेकर चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि इस क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर और कंस्ट्रक्शन को लेकर इंडियन मीडिया ने कवर किया है। उन्होंने कहा कि इंडियन मीडिया डोकलाम को लेकर बहुत उत्सुक है। डोकलाम में कंस्ट्रक्शन निर्माण को उचित ठहराते हुए चीन ने इससे पहले कहा था कि सीमा पर अपने ट्रूप्स के लिए इंफ्रांस्ट्रक्चर को खड़ा कर रहे हैं। बता दें कि दोनों ही देश 73 दिनों तक डोकलाम क्षेत्र में एक-दूसरे के सामने खड़ी थी।
दोनों देशों को विकास के लिए अवसर ढूंढना चाहिए
चुनियांग ने आगे कहा कि दोनों ही देशों को विकास के लिए अवसर ढूंढना चाहिए। उन्होंने आगे कहा, 'हम भारत के साथ एक कोऑपरेशन पार्टनर की तरह बर्ताव करेंगे। हम आशा करते हैं कि भारत के लोगों के साथ जुड़ने और आपसी विश्वास को बढ़ाने की कोशिश करेंगे, जिससे द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूती मिलने में मदद मिलेगी।'