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हांगकांग को निगलने के कगार पर ड्रैगन, चुनावी प्रक्रिया में किया बदलाव, अब चीन समर्थक ही चुने जाएंगे

हांगकांग की आजादी को अब चीन ने पूरी तरह छीन लिया है। चीन ने अब हांगकांग की चुनावी प्रक्रिया को बदल दिया है।

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बीजिंग: चीन ने हांगकांग को निकलने की तरफ एक और कदम बढ़ा दिया है। लोकतंत्र समर्थक सैकड़ों लोगों को नेशनल सिक्योरिटी कानून के तहत गिरफ्तार कर उन्हें जेल में बंद करने के बाद चीन ने हांगकांग के इलेक्टोरेल सिस्टम को पूरी तरह से बदल दिया है। यानि, चीन ने हांगकांग की आजादी को पूरी तरह से खत्म करने की पूरी व्यवस्था कर दी है।

HONG KONG

हांगकांग को निगल लेगा ड्रैगन

हांगकांग में अब तक लोकतांत्रिक व्यवस्था थी और चुनावी प्रक्रिया के तहत लोग चुने जा रहे थे। मगर जिस चीन का लोकतंत्र से कभी कोई वास्ता नहीं रहा है वो भला हांगकांग के लोकतंत्र को कैसे और कब तक बर्दाश्त करता। चीन ने भी हांगकांग की आजादी को अब करीब करीब खत्म कर दिया है। चीन ने हांगकांग में चुनावी व्यवस्था को बदलने का ऐलान कर दिया है। चीन ने 'हांगकांग में हांगकांग के नेता' और 'हांगकांग की स्वायतत्ता' को खत्म करने का ऐलान कर दिया है। बीजिंग द्वारा जारी किए गये वार्षिक पॉलिटिकल सिस्टम में इन शब्दों को हटा दिया गया है। यानि, एक देश दो सिस्टम को अब चीन ने खत्म कर दिया है। इसके साथ ही हांगकांग की स्वायत्तता भी हमेशा के लिए खत्म हो चुकी है।
हांगकांग फ्री प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक 'हांगकांग के फंडामेंटल कंसेप्ट में ये तीन बदलाव कर दिए गये हैं वहीं हांगकांग के संविधान को भी चीन के एनुअल रिपोर्ट से हटा दिया गया है। इनके साथ ही हांगकांग के लिए चीन की तरफ से नया प्लान पेश किया गया है, जिसके तहत हांगकांग की चुनावी पद्धति को भी बदलने का फैसला कर दिया गया है'

हांगकांग में बदला चुनावी व्यवस्था

चीन के वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि अब हांगकांग में पहले की तरह चुनाव नहीं होंगे बल्कि चुनावी व्यवस्था को बदलने का फैसला किया गया है। नेशनल पिपल्स कांग्रेस की स्थायी समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि 'चुनाव समिति लेजिस्लेटिव काउंसिल ऑफ हांगकांग यानि लेगको के पास सभी उम्मीदवारों के चयन का अधिकार होगा। इसके साथ ही मौजूदा चुनाव समिति के आकार, अधिकार, संरचना और उसके गठन पद्धति में भी बदलाव किया जाएगा'। यानि, हांगकांग में चुनावी प्रक्रिया पूरी तरह से बदल जाएगी। साथ ही चुनाव कौन लड़ेगा इसका फैसला भी अब चीन करेगा। जाहिर है अगर चुनाव कौन लड़ेगा इसका फैसला चीन करेगा तो चीन जिस उम्मीदवार को चाहेगा वही जीतेगा। यानि, चीन का समर्थन करने वाले उम्मीदवार ही अब चीन में जीत हासिल कर पाएंगे। चीन ने कहा है कि अब देशभक्त लोग ही सत्ता में बने रह पाएंगे। यानि, हांगकांग में चीन का विरोध करने वाले लोगों को चीन का विरोधी माना जाएगा और उन लोगों के खिलाफ कठोर नेशनल सिक्योरिटी कानून के तहत मुकदमा चलाया जाएगा जो हांगकांग में रहकर चीन का विरोध करने की इजाजत नहीं देता है।

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English summary
The independence of Hong Kong is now completely taken over by China. China has now changed Hong Kong's electoral process.
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