चीन में बदला जनसंख्या नियंत्रण कानून, अब तीन बच्चे पैदा करने की मिली आजादी, बूढ़ी आबादी से बचने के लिए फैसला
चीन ने वन चाइल्ड पॉलिसी में ढील देते हुए अब लोगों को तीन बच्चे पैदा करने की आजादी दे दी है। चीन की सरकार ने बूढ़ी होती आबादी को देखते हुए तीन बच्चे पैदा करने की छूट दी है।
बीजिंग, मई 31: अपनी बूढ़ी होती आबादी और जनसंख्या को बढ़ाने के लिए चीन ने बहुत बड़ा फैसला लेते हुए जनसंख्या नियंत्रण कानून को बदल दिया है। अब चीन में तीन बच्चे पैदा करने की इजाजत मिल गई है। चीन की सरकार ने अपनी जनता को अब तीन बच्चे पैदा करने के लिए कहा है। यानि, चीन में परिवार नियोजन को लेकर जो कानून था, उसमें चीन की सरकार ने संशोधन कर दिया है। नये संशोधन के मुताबिक चीन में लोग अब तीन बच्चे पैदा करने के लिए स्वतंत्र होंगे।
तीन बच्चे पैदा करने की इजाजत
चीन की कम्यूनिस्ट सरकार ने जंनसंख्या पर लगाए गये नियंत्रण को लेकर छूट दे दी है। हालांकि, अब नये कानून के मुताबिक अब तीन से ज्यादा बच्चे पैदा नहीं कर सकते है। अपनी बूढ़ी आबादी को रोकने के लिए चीन ने जनसंख्या नियंत्रण कानून में छूट दी है। चीन की सरकारी मीडिया के मुताबिक चीन की सरकार ने जनसंख्या में सुधार करने के लि ये कदम उठाया है। राष्ट्रपती शी जिनपिंग की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद जनसंख्या नियंत्रण को लेकर ये फैसला लिया गया है। बैठक के बाद चीन की सरकारी मीडिया ने अपने बयान में कहा है कि बढ़ती उम्र की समस्या से छुटकारा पाने के लिए चीन की सरकार ने ये फैसला लिया है। चीनी राष्ट्रपति की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद कहा गया कि 'बच्चे पैदा करने से जुड़ी नीतियों में सुधार किया जाएगा'। वहीं, बैठक में ये भी फैसला लिया गया है कि कर्मचारियों के रिटायरमेंट पॉलिसी को भी बढ़ाया जाएगा। वहीं, चीन में पारिवारिक मूल्य में बढ़ावा देने के लिए सरकार की तरफ से अलग अलग कार्यक्रम चलाए जाएंगे। आपको बता दें कि चीन में 1979 में वन चाइल्ड पॉलिसी कानून बनाया गया था। जिसका मकसद चीन में जनसंख्या विस्फोट पर लगाम लगाना था। लेकिन, चीन का यह कानून चीन के गले की फांस बन गया है। आलम ये है कि 10 साल के बाद चीन में सैनिकों की भारी कमी होनी शुरू हो जाएगी और रणनीतिक तौर पर ये चीन के लिए बहुत बड़ा झटका होगा।
Recommended Video
मुख्य चीन की आबादी 1.41 अरब
समाचार एजेंसी स्पुतनिक की रिपोर्ट के मुताबिक छठवें राष्ट्रीय जनगणना के मुताबिक चीन की आबादी बढ़कर एक अरब 41 करोड़ हो चुकी है। रिपोर्ट के मुताबिक 2010 की तुलना में चीन की आबादी में सिर्फ 5.38 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। यानि 2010 की तुलना में चीन की आबादी में करीब 7 करोड़ 20 लाख का इजाफा हुआ है। चीन की राष्ट्रीय जनगणना की रिपोर्ट के मुताबिक मुख्य चीन की आबादी में औसतन हर साल 0.53 प्रतिशत का ही इजाफा होता आया है। समाचार एजेंसी स्पुतनिक की रिपोर्ट के मुताबिक छठवें राष्ट्रीय जनगणना के मुताबिक चीन की आबादी बढ़कर एक अरब 41 करोड़ हो चुकी है। रिपोर्ट के मुताबिक 2010 की तुलना में चीन की आबादी में सिर्फ 5.38 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। यानि 2010 की तुलना में चीन की आबादी में करीब 7 करोड़ 20 लाख का इजाफा हुआ है। चीन की राष्ट्रीय जनगणना की रिपोर्ट के मुताबिक मुख्य चीन की आबादी में औसतन हर साल 0.53 प्रतिशत का ही इजाफा होता आया है।
चीन में जन्मदर में आई कमी
रिपोर्ट के मुताबिक चीन में राष्ट्रीय जन्मदर में अभी भी कमी दर्ज की जा रही है। जबकि चीन में पिछले कुछ सालों से राष्ट्रीय जन्मदर बढ़ाने की काफी कोशिश की जा रही है, फिर भी सरकार को सफलता नहीं मिली है। 2017 से लगातार चीन के राष्ट्रीय जन्मदर में कमी दर्ज की गई है। साउथ चायना पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक चीन में काफी बड़ी आबादी तेजी से बुढ़ापे की तरफ जा रही है, जिससे चीन की जनसंख्या में विविधता काफी तेजी से कम होती जा रही है जो चिंता की बात है। चीन की जनसंख्या दर में वृद्धि कई सालों से काफी कम रही है, जिसे सही करने के लिए सरकार ने वन चाइल्ड पॉलिसी को भी हटा दिया है और लोगों को दो बच्चों को जन्म देने के लिए प्रोत्साहित किया जा है लेकिन अभी तक कामयाबी नहीं मिली है। चीन की सरकार ने जन्मदर बढ़ाने के लिए कई तरह के कार्यक्रम चलाए हैं, लेकिन सफलता नहीं मिल रही है। वहीं, पिछले साल आई एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन की नई आबादी शादी से विश्वास खोती जा रही है और उनकी बच्चे पैदा करने में भी दिलचस्पी काफी कम हो रही है, इसे चीन में काफी चिंता के तौर पर देखा जा रहा है
भारत और अमेरिका से मुकाबला
पिछले महीने चीन की सेन्ट्रल बैंक की रिपोर्ट में भारत और अमेरिका को खास तौर पर ध्यान में रखा गया है और माना जा रहा है कि सेन्ट्रल बैंक ने ये रिपोर्ट भारत और अमेरिका से भविष्य में होने वाले संभावित मुकाबले को लेकर ही तैयार की है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और चीन की आबादी में अब काफी कम अंतर बचा है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन की अर्थव्यवस्था का विकास भारत के मुकाबले कई सालों तक तेजी से होने की संभावना जताई गई है, लेकिन इस रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि देर से ही सही लेकिन भारत को अपनी जवान आबादी का फायदा मिलना शुरू हो जाएगा। वहीं, इस रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि कुछ सालों में चीन अर्थव्यवस्था के लिहाज से अपनी बूढ़ी आबादी के साथ अमेरिका का मुकाबला करने लायक ही नहीं रह जाएगा।
नफ्ताली बेनेट बन सकते हैं इजरायल के नये प्रधानमंत्री, जानिए भारत को लेकर क्या है उनकी राय ?