लद्दाख के नजदीक भूमिगत कमांड सेंटर बना रहा है चीन, सामने आई सैटेलाइट तस्वीरें
नई दिल्ली। मई में पूर्वी लद्दाख में भारत के साथ गतिरोध शुरू होने के बाद से चीन लगातार अपनी सैन्य तैयारियों को उन्नत कर रहा है। पूर्वी तुर्किस्तान के कब्जे वाले शिनजियांग में स्थित हॉटन एयरबेस की नई सैटेलाइट तस्वीरें सामने आई हैं। इन नई तस्वीरों में बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। हॉटन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयरफोर्स (PLAAF) के प्रमुख फाइटर एयरबेस में से एक है। बताया जा रहा है कि, चीन ने हॉटन में एक अंडरग्राउंड कमांड तैयार कर ली है।
लद्दाख गतिरोध के बाद लगातार चीन बढ़ा रहा है सैन्य ताकत
डिया टूडे की खबर के मुताबिक, सामने आई सैटेलाइट तस्वीरों में दिख रहा है कि, हॉटन एयरबेस पर भूमिगत स्वचालित कमांड और नियंत्रण केंद्र का निर्माण होता दिख रहा है। बता दें कि, हॉटन पूर्वी लद्दाख में चीन का सबसे नजदीकी एयरबेस है। एयरबेस में पहली बार वाई -20 रणनीतिक परिवहन विमान देखा गया है। जो अतिरिक्त सैनिकों की संभावित तैनाती का संकेत देता है। काराकोरम दर्रा के उत्तर-पूर्व में 250 किमी की दूरी पर स्थित, हॉटन एयरबेस भारतीय बलों के लिए एक गंभीर खतरा पैदा कर सकता है, खासकर पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो के आसपास।
PLA रॉकेट फोर्स की हो सकती है तैनाती
हॉटन के उपर के सैटेलाइट फोटो बताते हैं कि इस वर्ष अक्टूबर में इस हवाई क्षेत्र में गतिविधि बढ़ गई थी। हालांकि, जून में रनवे पर शुरू हुआ निर्माण कार्य धीमा हो गया है, परिचालन कार्य लगातार बढ़ रहा है। किसी भी स्थिति के लिए हॉटन एयरबेस को तैयार करने के लिए चीनी सेना ने भूमिगत निर्माण शुरू कर दिया है। अतरिक्त निर्माण कार्य संभवत: PLA रॉकेट फोर्स (PLARF) के लिए किया जा रहा है।
हवाई हमले का नहीं होगा असर
एयरबेस पर 15 मीटर x 6 मी आकार के तीन गहराई से दबे हुए दिख रहे हैं। बताया जा रहा है कि, ये ढांचे पीएलएएएएफ और पीएलएआरएफ के संभावित मुख्यालय और संचालन कक्ष हो सकते हैं। ये एक कमांड कंट्रोल और इंटेलिजेंस सेंटर (C2I) हो सकता है। जिसे PLAAF और PLARF के C4I ग्रिड के साथ जल्द ही जुड़े जाने की संभावना है। ये ढांचे मजबूत स्टील के बने हैं। इस पर उपर से किए गए किसी भी हमले का असर नहीं होगा। इन पर सिर्फ अर्थ पेनेटिरिंग बॉम्ब का ही असर हो सकता है।
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