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चीन की चाल: पीओके की शक्‍सगम वैली में चीन की 36 किलोमीटर लंबी सड़क, क्‍या अब सिय‍ाचिन पर हैं चीन की नजरें?

चीन लगातार भारत से सटी सीमाओं और चीन-पाकिस्‍तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) के बहाने लगातार अपनी गतिविधियों में इजाफा कर रहा है। अब चीन ने पीओके में शक्‍सगम वैली में 36 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण करना शुरू कर दिया है। इस वैली को पाकिस्‍तान ने चीन को गिफ्ट किया था।

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बीजिंग। चीन लगातार भारत से सटी सीमाओं और चीन-पाकिस्‍तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) के बहाने लगातार अपनी गतिविधियों में इजाफा कर रहा है। अब चीन ने पीओके में शक्‍सगम वैली में 36 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण करना शुरू कर दिया है। इस वैली को पाकिस्‍तान ने चीन को गिफ्ट किया था। यहां पर सड़क की मदद से चीनी सेना को सियाचिन के करीब लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल (एलएसी) तक पहुंचने में आसानी हो सकेगी। चीन की ओर से जारी इस नए निर्माण कार्य को भारत की तरफ से उसे उकसाने की ताजी घटना के तौर पर देखा जा सकता है। न सिर्फ सड़क बल्कि चीन ने यहां पर सड़क और मिलिट्री पोस्‍ट भी बनानी शुरू कर दी है। शक्‍सगम घाटी, सियाचिन ग्‍लेशियर के उत्‍तर में स्थित है। वेबसाइट द प्रिंट ने कुछ सैटेलाइट इमेज के हवाले से यह जानकारी दी है।

आसानी से बॉर्डर पर आ सकेंगे चीनी सैनिक

आसानी से बॉर्डर पर आ सकेंगे चीनी सैनिक

पिछले छह माह के अंदर भारत और चीन कभी डोकलाम तो कभी अरुणाचल प्रदेश के तूतिंग में आमने-सामने आ चुके हैं। जिन नई पोस्‍ट्स और 36 किलोमीटर लंबी सड़क पर चीन काम कर रहा है, उसके बनने के बाद एलएसी पर चीन और ज्‍यादा सैनिक भेज सकेगा। इसके साथ ही यहां पर उसका पहुंचना और आसान हो जाएगा। शक्‍सगम घाटी पीओके का हिस्‍सा है और चीन के शिनजियांग प्रांत के तहत आता है और साथ ही सियाचिन के भी करीब है। पाकिस्‍तान ने साल 1963 में एक सीमा समझौते के तहत इसे चीन को सौंपा था। लेकिन भारत इसे मान्‍यता नहीं देता है और इस घाटी को जम्‍मू कश्‍मीर का ही हिस्‍सा मानता है।

क्‍या वाकई सियाचिन के लिए खतरा है चीन

क्‍या वाकई सियाचिन के लिए खतरा है चीन

हालांकि शक्‍सगम वैली में चीनी सेना का प्रोजेक्‍ट भारत के लिए सीधा खतरना नहीं है क्‍योंकि सियाचिन ग्‍लेशियर पर सेना बराबर तैनात है। हालांकि विशेषज्ञ मानते हैं कि पीएलए की ओर से जारी निर्माण कार्य को उकसाने वाला कदम माना जा सकता है। गूगल सैटेलाइट इमेज की ओर से पिछले वर्ष सिंतबर और अक्‍टूबर में आई तस्‍वीरों से साफ पता लगता है कि निर्माण कार्य साल 2017 में शुरू हुआ है। हो सकता है कि यह निर्माण कार्य डोकलाम विवाद के बाद शुरू हुआ हो। इसके अलावा अब चीन के बॉर्डर डिफेंस पर्सनल जो चीनी सेना का हिस्‍सा हैं, वे भी लगातार इस हिस्‍से में पेट्रेालिंग कर रहे हैं और पिछले कुछ माह से यहां पर निर्मित नई सड़क पर भी उनकी गश्‍त तेज हो गई है। अक्‍टूबर 2016 की सैटेलाइट इमेज को देखने से साफ पता चलता है कि शग्‍क्‍सगम वैली में न तो कोई सड़क है और न ही कोई पोस्‍ट थी।

भारत पूरी तरह से अलर्ट

भारत पूरी तरह से अलर्ट

आपको बता दें कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को बयान दिया है कि भारत लगातार डोकलाम की स्थिति पर नजर बनाए हुए है और किसी भी स्थिति से निबटने को तैयार है। रक्षा मंत्री ने कहा भारत अपनी सीमाओं को सुरक्षा के लिए चीन की ओर से आने वाली चुनौती का सामना कर सकता है। छले वर्ष जून में भारत और चीन की सेनाएं करीब 73 दिनों तक डोकलाम में आमने-सामने थीं। अगस्‍त में जाकर यह विवाद खत्‍म हुआ था लेकिन सेनाओं की तैनाती अभी बरकरार है। डोकलाम, भारत, चीन और भूटान के बीच स्थित है और सरकार हमेशा यह भरोसा देती आई है कि इस इलाके में हालात फिलहाल ठीक हैं। चीन ने यहां पर सड़क और हैलीपैड के अलावा बुनियादी ढांचा भी ठीक करने पर पूरा जोर लगा दिया है।

चीन को दी गई चेतावनी

चीन को दी गई चेतावनी

शनिवार को चीन में भारत के राजूदत गौतम बंबावले ने कहा कि अगर चीन भारतीय सीमा पर यथास्थिति में कोई बदलाव करने की कोशिश करता है तो फिर डोकलाम जैसे हालात पैदा हो सकते है। उन्होंने ये भी कहा कि सरहदी इलाकों में विवाद से बचने के लिए बेहतर ये होगा कि चीन किसी भी निर्माण से पहले भारत को बताए कि वो क्या करने जा रहा है। इस वर्ष की शुरुआत में भी बंबावले ने ग्लोबल टाइम्स को दिए इंटरव्यू में चीन को चेतावनी दी थी। उन्‍होंने कहा था कि डोकलाम विवाद भले ही खत्म हो चुका है, लेकिन यथास्थिति को बदला नहीं जाएगा। यानि, डोकलाम के आस पास अगर चीन की सेना खड़ी है, तो इसका जवाब देने के लिए इंडियन आर्मी भी बड़ी मुस्तैदी के साथ तैनात है।

हिंदी में यह भी पढ़ें-डोकलाम में किसी भी स्थिति से निबटने को तैयार भारतीय सेनाहिंदी में यह भी पढ़ें-डोकलाम में किसी भी स्थिति से निबटने को तैयार भारतीय सेना

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English summary
China building a 36-km long road in strategic J&K valley near Siachen.
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