ओलंपिक से पहले चीन ने पार कर दी सारी हदें, अब प्राइवेट पार्ट से कोरोना टेस्ट के लिए लेगा सैंपल्स
बीजिंग ओलंपिक से पहले चीन ने एक बार फिर विवादास्पद अनल स्वैब टेस्टिंग शुरू कर दी है, जिसपर कई देशों ने चिंता जताई है।
बीजिंग, जनवरी 22: बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक से ठीक दो हफ्ते पहले चीन ने ओमिक्रॉन वेरिएंट को फैलने से रोकने के लिए अब प्राइवेट पार्ट से नमूने लेने के नियम को फिर से लागू कर दिया है। बीजिंग ओलंपिक से पहले चीन अब गुदा द्वार से स्वाब परीक्षण करेगा। चीनी समाचार पत्र द बीजिंग न्यूज के अनुसार, बीजिंग में एक अपार्टमेंट में कम से कम 27 लोगों के नमूने गुदा द्वार से लिए गये हैं और ये परीक्षण काफी विवादास्पद माना जाता है। लेकिन, भला इन सबसे चीन को क्या फर्क पड़ता है।
कोरोना का विवादास्पद परीक्षण
चीनी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, 26 साल की एक महिला को ओमिक्रॉन संक्रमित के करीबी संपर्क में आने के बाद सबसे पहले उसका गुदाद्वार से कोरोना सैंपल्स लिए गये और फिर 26 अलग लोगों के सैंपल्स गुदाद्वार से लिए गये हैं। आपको बता दें कि, गुदाद्वार से कोरोना सैंपल्स लेना काफी ज्यादा विवादित है और इससे पहले भी चीन में ही इस तरह से परीक्षण किए गये हैं। इस परीक्षण के तहत पहले मलाशय में एक टेस्टिंग किट को कम से कम 5 सेंटीमीटर तक डाला जाता है और उसे कई बार घुमाया जाता है। प्रयोगशाला में जांच करने से पहले स्वाब को हटा दिया जाता है। लेकिन, चीन में पहले भी इस तरह से कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं और इस प्रक्रिया को एक बार फिर से लागू कर दिया गया है।
बीजिंग में ओमिक्रॉन
चायनीज समाचार पत्रों के मुताबिक, राजधानी बीजिंग में 4 फरवरी से शीतकालीन ओलंपिक खेलों का आयोजन किया जाना है और कोविड के बीच ओलंपिक खेलों की मेजबानी कर चीन दुनिया को अपनी ताकत दिखाना चाहता है, लेकिन अपना वर्चस्व दिखाने के लिए चीन ने अपने ही नागरिकों की जिंदगी जहन्नुम जैसा बना चुका है। राजधानी बीजिंग का संपर्क देश के तमाम हिस्सों से पूरी तरह से काट दिया गया है और राजधानी के लोग भी करीब करीब लॉकडाउन जैसे हालात में ही रह रहे हैं। इससे पहले चीन कनाडा पर भी एक पार्सल में कोविड वायरस को चीन भेजने का आरोप लगा चुका है।
ओलंपिक टिकटों की बिक्री रद्द
चीन ने इस हफ्ते की शुरूआत में आम जनता के लिए ओलंपिक टिकटों की बिक्री रद्द कर दी है और अब सिर्फ सलेक्टेड लोग ही स्टेडियम में आ सकेंगे। ओलंपिक ओपनिंग सेरेमनी से भी आम लोगों को दूर कर दिया गया है। राजधानी बीजिंग के हैडियन जिले के एक आवासीय क्षत्र में कोविड मामलों की पुष्टि होने के बाद पूरे इलाके में सख्ततम लॉकडाउन लगा हुआ है और किसी भी हालत में लोगों को घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं है। वहीं, चीनी मीडिया में कहा गया है कि, अब हर किसी का टेस्ट गुदा स्वाब से ही किया जाएगा। चीन में 2020 के बाद मलद्वार से नमूने लेकर कोविड परीक्षण किया गया है। पिछली बार 9 साल के बच्चे का इस तरह से टेस्ट किया गया था और वो पॉजिटिव पाया गया था, उसके बाद से ही चीन के प्रशासन में ये टेस्टिंग टेक्निक काफी प्रचलित हो चुका है।
पिछले साल हुआ था विवाद
हालांकि, पिछले साल मार्च में गुदाद्वार से नमूने लेने को लेकर तब भारी विवाद हो गया था, जब विदेशी यात्रियों के लिए इस तरह से परीक्षण करना शुरू किया गया था। लेकिन, भारी विवाद के बाद इस प्रक्रिया को रोक दिया गया। लेकिन, अब एक बार फिर से इसे लागू कर दिया गया है। बीजिंग महामारी नियंत्रण विभाग के एक अधिकारी ने चीन की सरकारी मीडिया को बताया कि, राजधानी में आने वाले हर अंतर्राष्ट्रीय लोगों के लिए गुदा द्वार से नमूने लेने का नियम बनाया गया है और इसके आदेश दिए जा सकते हैं, लेकिन ये अनिवार्य नहीं होगा। वहीं, शंघाई और हाई रिस्क एरिया में आने-जाने वाले ऐसे यात्री, जिनके कम से कम पांच नमूने कोविड पॉजिटिव पाए जा चुके हैं, उनके नमूने गुदा द्वार से लिए जाएगा।
कई देशों ने जताई चिंता
चीन के इस परीक्षण तकनीक को लेकर अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया और जर्मनी जैसे देशों ने चिंता जताई है। लेकिन, चीन ने फिलहाल इस दावे से इनकार कर दिया है, कि ये टेस्ट अमेरिकी राजनयिकों के लिए भी जरूरी है। चीनी डॉक्टरों ने चीन की राज्य मीडिया को बताया है कि, इस तरह के परीक्षण कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए है, क्योंकि, मलद्वार से जो नमूने लिए जाते हैं, वहां पर कोविड वायरस ज्यादा वक्त तक मौजूद रहता है और काफी आसानी से वो पकड़ में आ जाता है।
चीन की ज़ीरो कोविड पॉलिसी
आपको बता दें कि, चीन की सरकार ने देश में 'ज़ीरो कोविड पॉलिसी' का नियम बना रखा है, जिसके तहत कोरोना का एक भी मरीज मिलने पर पूरे शहर में सख्त लॉकडाउन लगाना शामिल है और हर एक शख्स का कोविड टेस्ट किया जाता है। अभी भी चीन के कई शहरों में लॉकडाइन लगा हुआ है। शीआन शहर में पिछले कई दिनों से विश्व का सबसे सख्त लॉकडाउन लगा हुआ है और शहर के लोगों को घर से बाहर निकलने की भी इजाजत नहीं है। वहीं, चीन में उन अधिकारियों को भी नौकरी से बाहर निकाल दिया है, जिनकी लापरवाही देखी गई है।
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