चीन के पास सीमाई विवादों को भड़काने का एक पैटर्न, दुनिया को इसकी अनुमति नहीं देनी चाहिए: अमेरिका
नई दिल्ली। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने बुधवार को एक बार फिर चीन को आड़ेहाथ लेते हुए बड़ा बयान दिया है। माइक पोम्पिओ ने कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही है हाल ही में भूटान के साथ उसका सीमा विवाद सामने आया है। इसके अलावा माइक पोम्पिओ ने अपने बयान में हांगकांग का मुद्दा भी उठाया है। उन्होंने कहा, हांगकांग ने अब तक केवल इसलिए प्रगति की क्योंकि वहां सोचने और अभिव्यक्ति की आजादी थी। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने हांगकांग में लोकतंत्र का गला घोंट दिया है।
माइक पोम्पिओ ने अपने बयान में चीन को घेरते हुए कहा, चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी का भूटान, हिमालय के पर्वत, वियतनाम में पानी से लेकर सेनकाकू आइलैंड तक सीमा का विवाद है। बीजिंग का सीमाई विवाद खड़ा करने का पैटर्न है। दुनिया को इस धौंस को नहीं सहना चाहिए। अमेरिकी विदेश मंत्री ने आगे कहा, टिकटॉक के संबंध में हम विचार कर रहे हैं हम यह सुनिश्चित करने के बारे में निरंतर मूल्यांकन में लगे हुए हैं कि अमेरिकी नागरिकों की गोपनीयता और उनकी जानकारी की रक्षा किया जाए।
भारत-चीन सीमा विवाद पर माइक पोम्पिओ ने कहा, मैंने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ इस बारे में कई बार बात की है। चीनी ने अविश्वसनीय रूप से आक्रामक कार्रवाई की और भारतीयों ने उस पर प्रतिक्रिया देने की पूरी कोशिश की। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के इस बढ़ते संशोधनवादी प्रयासों को राष्ट्रपति ट्रम्प ने अविश्वसनीय रूप से गंभीरता से लिया है। चीन का कोई ऐसा पड़ोसी नहीं है जो यह कह सके कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी सीमा की संप्रभुता का सम्मान करती है। दुनिया ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के असली रंग देखे हैं और मैं पहले से कहीं ज्यादा आश्वस्त हूं कि दुनिया के आजाद लोग इस खतरे को समझेंगे। दुनिया पर जनरल सेकी शी जिनपिंग का प्रभाव स्वतंत्र और लोकतंत्र के लिए बहुत अच्छा नहीं है।
यह भी पढ़ें: छोटे से भूटान ने विस्तारवादी चीन को Demarche थमाया, बेवजह सीमा-विवाद पैदा करने पर हड़काया