दुनिया की सबसे बड़ी नेवी शक्ति बना चीन, अमेरिकन नेवी ने खुलासा करते हुए कहा खतरनाक, 20 साल की गुप्त प्लानिंग
अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए चीन विश्व की सबसे बड़ी नेवी ताकत बन गया है। अमेरिकन नेवी ने चीन की नेवी को लेकर बड़ा खुलासा किया है।
वाशिंगटन/बीजिंग: अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए चीन विश्व की सबसे बड़ी नेवी ताकत बन गया है। अमेरिकन न्यूजपेपर सीएनन की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए चीन की नेवी विश्व की सबसे बड़ी ताकत बन गई है। चीन के सबसे ताकतवर नेता और राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने चीन की नेवी को विश्व की सबसे बड़ी ताकत बनाने का प्रण लिया था और रिपोर्ट है कि समुन्द्र में चीन की सेना पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा ताकतवर सेना बन गई है।
अमेरिका Vs चीन की नेवी
यूएस ऑफिस ऑफ नेवल इंटेलीजेंस के मुताबिक 2020 में चीन की नेवी का आकार विश्व में सबसे बड़ा हो गया है। रिपोर्ट के मुताबिक 2020 तक समुन्द्र में चीन ने 360 से ज्यादा लड़ाकू जहाजों की तैनाती कर चुका है, जो चीन को विश्व की सबसे ताकतवर समुन्द्री ताकत बनाता है। जिसके बाद अब अमेरिकी नेवी अगले कुछ सालों में समुन्द्र में अपना नेवल क्राफ्ट की संख्या 297 से 355 के बीच करने की प्लानिंग में जुट गया है।
अमेरिकन नेवी की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2000 में चीन के पास सिर्फ 110 नेवी बैटल शिप था जबकि अमेरिका के पास 318 नेवी बैटल शिप था। मगर अब अमेरिका के पास सिर्फ 297 नेवी बैटल शिप है और चीन के पास 360 से ज्यादा नेवी बैटल शिप हो चुके हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2015 में ही चीन ने अमेरिका की बराबरी कर ली थी। नेवी को भीमकाय बनाने के बाद अब शी जिनपिंग अपनी थल सेना पीएलए को विश्व की सबसे बड़ी शक्ति बनाने में जुट गये हैं और इसीलिए चीन ने अपनी रक्षा बजट में बेतहाशा वृद्धि की है। यूएस नेवी की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2015 में चीन की सेना के पास 255 पानी में युद्ध करने वाले जहाज थे और 2020 में चीन के पास 360 युद्धक जहाज हैं जो अमेरिका से 60 ज्यादा हैं। वहीं चीन की सेना ने अगले 4 सालों में पानी में लड़ने वाले बैटल शिप्स की संख्या बढ़ाकर 400 पार करने का लक्ष्य रखा है।
यूएस नेवी की रिपोर्ट के मुताबिक 'समुन्द्र में सबसे बड़ी ताकत बनने के बाद अब पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चायना खुद को सबसे ज्यादा ताकतवर देश बनाने में लग गया है। जिसके लिए चीन मॉडर्न सरफेस लड़ाकू हथियार बनाने में जुट गया है। इसके तहत चीन सबमरीन, एयरक्राफ्ट कैरियर, फाइटर जेट्स, एंफीबियस लड़ाकू पानी का जहाज, बैलिस्टिक न्यूक्लियर हथियार सबमरीन, लार्ज कोस्ट कार्ड कटर्स और पोलर आइसब्रेकर्स बनाने में काफी तेजी से जुट चुका है। इनमें से कुछ एयरक्राफ्ट कैरियर और बैटल शिप अमेरिका की तुलना में काफी ज्यादा खतरनाक हैं और ऐसे एयरक्राफ्ट विश्व में अब तक बने ही नहीं हैं'।
अमेरिकन नेवी का ये खुलासा पूरी दुनिया के लिए खतरे की घंटी से कम नहीं है। क्योंकि, चीन जिस तरीके से रक्षा क्षेत्र में खर्च कर रहा है और उसकी विस्तारवादी नीति आने वाले वक्त में विश्व को युद्ध में धकेल सकती है। यूएस नेवल वार कॉलेज में चीन मेरीटाइम स्टडीज बढ़ाने वाले एंड्रयू इरिक्शन ने लिखा है कि चीन ने नेवल शिपयार्ड को सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि जो भी जहाज बनेगा वो सबसे अच्छा बनना चाहिए।
चीन के मुकाबले अमेरिका कहां है?
चीन ने जहां 2025 तक 400 से ज्यादा शिप्स समुन्द्र में उतारने का लक्ष्य रखा हुआ है वहीं अमेरिकन नेवी ने भी चीन को देखते हुए अपने लक्ष्य में बदलाव किया है। हालांकि, अमेरिका का लक्ष्य क्या है इसका खुलासा तो अमेरिकन नेवी ने नहीं किया है लेकिन माना जा रहा है अमेरिका का लक्ष्य 355 सबमरीन और पानी के जहाज तक हो सकता है।
हालांकि, अमेरिकन नेवी के पास इस वक्त 3 लाख 30 हजार जवान हैं वहीं चीन के पास फिलहाल 2 लाख 50 हजार नेवी जवान हैं। वहीं, अमेरिका के पास 9 हजार से ज्यादा वर्टिकल मिसाइल्स हैं लेकिन चीन के पास अभी सिर्फ एक हजार वर्टिकल मिसाइल्स हैं। वहीं, अमेरिका के पास न्यूक्लियर क्षमता से लैश 50 बोट्स हैं जबकि चीन के पास न्यूक्लियर पावर से संपन्न सिर्फ 7 बोट्स हैं। लेकिन, अमेरिकन नेवी के लिए चिंता की बात ये है कि चीन काफी तेजी से अपनी क्षमता में विस्तार कर रहा है और बहुत जल्द वो हथियारों के मामले में भी अमेरिका को पीछे छोड़ देगा।
भारत के ब्रह्मोस मिसाइल एक्सपोर्ट प्लान को अमेरिका देने वाला है बड़ा झटका !