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Special Report: दुनिया के लिए ‘बर्बादी का बम’ बन गये शी जिनपिंग, चीन बना रहा है 'महायुद्ध' का प्लान

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपनी तानाशाही रवैये की वजह से दुनिया के लिए बड़ा खतरा बन चुके हैं। शी जिनपिंग की नीतियों ने विश्व को युद्ध के मुहाने पर खड़ा कर दिया है।

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बीजिंग/नई दिल्ली: दुनिया में बर्बादी का अध्याय लिखने की तरफ चीन बहुत तेजी से बढ़ चला है। खतरनाक स्तर पर सैन्य शक्ति में इजाफा और अपनी ताकत से छोटे देशों को डराकर उनके इलाकों को छीनना और दूसरे देशों को धमकाना और अपनी ही जनता का दमन करने का जो सिलसिला चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने जो शुरू किया है वो विश्व को बर्बादी के कगार पर ढकेल रहा है।

शी जिनपिंग लाएंगे विनाश

शी जिनपिंग लाएंगे विनाश

शी जिनपिंग के सिर पर सत्ता में बने रहने का पागलपन इस कदर सवार है कि वो चीन की मिलिट्री शक्ति को लगातार विशालकाय स्तर पर बढ़ावा दे रहे हैं। पिपुल्स लिब्रेशन ऑफ आर्मी को अत्याधुनिक करने के लिए घातक हथियारों को बढ़ावा दिया जा रहा है और पीएलए को चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी (CCP) के प्रति और ज्यादा बफादार बना दिया गया है। एक तरफ राष्ट्रपति शी जिनपिंग चीन की जनता से हर वक्त संघर्ष करने की अपील करते रहते हैं तो दूसरी तरफ सी जिनपिंग चीनी समाज और 1.4 बिलियन नागरिकों की विचारधारा और उसकी सोच पर कब्जा करने की कोशिश में भी रहते हैं। चीनी नागरिकों को शी जिनपिंग ने वैचारिक स्तर पर शून्य कर दिया है। स्थिति ये बन गई है कि चीन के छोटे पड़ोसी देशों के मन में डर बना रहता है तो वेस्टर्न देश...खासकर अमेरिका को हर वक्त युद्ध का खतरा दिखता रहता है।

शी जिनपिंग के शासनकाल में चीन की सेना ने 'ग्रे जोन'युद्ध की शुरूआत की है। जिसमें चीनी सेना अपनी ताकत से छोटे देशों का मुंह बंद कर दे रही है और छोटी छोटी झड़प करने लगी है ताकि छोटे देशों पर दबाव बनाया जा सके। चीनी सेना के 'ग्रे जोन'युद्ध तरीके का मतलब उन देशों को डराना है। पिछले साल भारत के साथ भी चीन ने इसी तरह से लड़ाई की थी जहां उसका दांव उल्टा पड़ गया और चीन के 45 से ज्यादा सैनिक मारे गये थे।

PLA का प्लान 2049

PLA का प्लान 2049

चीनी खतरे से बार बार विश्व को आगाह करने वाले और वर्जीनिया के प्रोजेक्ट 2049 इंस्टीट्यूट के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रख्यात चिंतक चाड सब्रगिया ने 'The Five Year Scam: Assessing PLA Reforms , Readiness and Political Inod Pacific Contingencies'को संबोधित करते हुए कहा कि 'पीएलए आज की लड़ाई की तैयारी कर ही नहीं रहा है। पीएलए पूरी ताकत के साथ भविष्य में होने वाली लड़ाई के लिए खुद को तैयार कर रहा है। चीनी सेना अपने आप को उस लड़ाई के लिए तैयार कर रही है जैसी लड़ाई आजतक किसी भी देश ने नहीं लड़ी है और जिसके बारे में आजतक सोचा भी नहीं गया है। डिप्टी असिस्टेंट सेक्रेटरी ऑफ डिफेंस फॉर चायना पद भी काम करने वाले चाड सब्रगिया कहते हैं कि भविष्य में लड़ाई किस रूप में लड़ी जाएगी और PLA उसमें कैसे हिस्सा किस तरह से लेगी, चीन इसकी तैयारी में अभी से जुटा हुआ है। चीन मिलिट्री को मजबूत करने के लिए साइंटिफिकिली इन्वेस्ट करने में जुटा हुआ है। पीएलए का मानना है कि युद्ध को लड़ने और जीतने का तरीका अब पूरी तरह से बदल चुका है। पीएलए भविष्य के युद्ध के बारे में अभी से बात कर रहा है और मिलिट्री को इंटेलीजेंट बनाने के साथ साथ उसे हर तरह की लड़ाई को लेकर तैयार कर रहा है। पीएलए का मानना है कि तलवार से तलवार टकराकर लड़ी जाने वाली लड़ाई का जमाना बीत चुका है और अब एक निश्चित सिस्टम के साथ लड़ाई लड़ी जाएगी। इसके लिए पीएलए अत्याधुनिक इनवेस्टमेंट अपनी सेना के लिए कर रहा है। चीन मिलिट्री को मजबूत करने के लिए काफी ज्यादा इन्वेस्टमेंट कर रहा है। हालांकि चीन का डिफेंस बजट अमेरिका के करीब नहीं है मगर फिर भी चीन ने चिंता बढ़ाकर रख दी है।

कॉन्फ्रेंस के दौरान समाचार एजेंसी ANI ने प्रोजेक्ट 2049 इंस्टीट्यूट को लेकर सवाल पूछा कि क्या अगली लड़ाई ताइवान को लेकर होने वाली है या फिर साउथ चायना सी युद्ध का नया मैदान बनेगा, इस सवाल का जबाव देते हुए प्रोजेक्ट 2049 इंस्टीट्यूट के एग्जक्यूटिव डायरेक्टर मार्क स्टोक्स कहते हैं कि 'हां, मिलिट्री में काफी ज्यादा इनवेस्टमेंट करना इसकी तरह नीयत दिखाता है। हालांकि, ये भी ध्यान देने की बात है कि PLA चीन की पॉलिटिकल पार्टी चीन कम्यूनिस्ट पार्टी की सेना है, पीएलए पॉलिटिकल-मिलिट्री स्टेब्लिशमेंट है, जिसका मतलब ये हुआ है कि पीएलए की कमान चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी के हाथ में ही रहेगी।'

शी जिनपिंग की तानाशाही

शी जिनपिंग की तानाशाही

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के तहत अपने साथ विरोधियों को खत्म करवा दिया है। अब चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी के अंदर शायद ही कोई नेता है, जिसमें शी जिनपिंग के खिलाफ आवाज उठाने की ताकत हो। शी जिनपिंग का चीन के सभी प्रोविंस पर पूर्ण अधिकार है। इसी ताकत की वजह से उन्होंने खुद को मरते दम तक के लिए चीन का राष्ट्रपति घोषित कर रखा है। चीन के ऊपर चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी का पूर्ण नियंत्रण है और सी जिनपिंग चीन के नागरिकों के ऊपर भी सख्त नियंत्रण रखते हैं। चीन का हर आदमी चीनी कन्यूनिस्ट पार्टी की निगरानी में रहता है। चीन में चप्पे-चप्पे पर सिक्योरिटी कैमरे लगे हुए हैं जिसमें चीन की सड़कों पर चलने वाली एक एक गाड़ियों का रिकॉर्ड रखा जाता है। चीन के हर शख्स का चेहरा हर वक्त सिक्योरिटी कैमरे में स्कैन होता रहता है। पब्लिक सिक्योरिटी मिनिस्टर्स और स्टेस सिक्योरिटी फोर्स किसी भी वक्त, देश के किसी भी नागरिक को, बगैर कोई जबाव दिए हिरासत में ले सकती है, गिरफ्तार कर सकती है या फिर उसे खत्म करवा सकती है।

इन सिक्योरिटी फोर्सेस को अब पूरी आजादी के साथ हांगकांग में काम करने की छूट दे दी गई है और अब हांगकांग के जेल में हजारों की संख्या में हांगकांग की आजादी चाहने वाले कार्यकर्ता ठूंसे जा रहे हैं। तमाम विरोधियों को गिरफ्तार किया जा रहा है। हांगकांग की सत्ता और कोर्ट पर चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी का कब्जा हो चुका है। और चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी अब हांगकांग के लोगों से उनका धार्मिक अधिकार और उनकी स्थानीय परंपराओं पर भी लगाम लगाना शुरू कर चुकी है। शिनजियांग में लाखों मुसलमानों पर जिस तरह का जुल्म हो रहा है, उसे पूरी दुनिया देख ही रही है। चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी ने देश के सभी न्यूजपेपर्स, रेडियो और टीवी चैनल्स को अपना गुलाम बनाकर रखा हुआ है और इन सभी पर सिर्फ और सिर्फ राष्ट्रपति शी जिनपिंग के प्रोपेगेंडा का प्रचार किया जाता है। चीन की वास्तविक स्थिति से मीडिया को दूर ही रहना होता है। वहीं, चीन के नागरिकों तक किसी दूसरे देश का न्यूजपेपर या बेवसाइट पहुंच नहीं सकता है। चीन ने फायरवाल सिस्टम को इतना मजबूत कर रखा है कि चीन के नागरिक किसी दूसरे देश का न्यूज नहीं पढ़ सकते हैं। चीन के नागरिक वही देखते हैं जो उन्हे दिखाया जाता है। वही सुनते हैं जो उन्हें सुनने की इजाजत होती है और लोग वही बोल सकते हैं जिससे उनकी सीमा रेखा का उल्लंघन ना हो।

यानि, चीन के राष्ट्रपति पूरी तरह तानाशाह हो चुके हैं और चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी में उनके खिलाफ बोलने वाला कोई है नहीं। जनता के पास हिम्मत नहीं है ऐसे में ये तानाशाह अब पूरी दुनिया के लिए कभी भी फूट पड़ने वाला बम बन गया है। लिहाजा, चीन के खिलाफ जल्द से जल्द दुनिया को सख्त कदम उठाने की जरूरत है, ताकि इस बम को फूटने से रोका जा सके।

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English summary
Chinese President Xi Jinping has become a major threat to the world because of his dictatorial attitude. Xi Jinping's policies have put the world on the cusp of war.
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