शिंजो एबे और मोदी की हुई मुलाकात तो चीन के पेट में हुआ दर्द
बीजिंग।
जापान
और
चीन
दोनों
के
रिश्तों
के
बारे
में
पूरी
दुनिया
को
मालूम
है
और
दोनों
ही
एक-दूसरे
को
आमने-सामने
देख
नहीं
सकते
हैं।
ऐसे
में
जब
भारत
के
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
और
जापान
के
प्रधानमंत्री
शिंजो
एबे
के
बीच
मुलाकात
पर
चीन
के
सिर
में
दर्द
होना
लाजिमी
है।
चीन ने अब जापान पर आरोप लगा दिया है कि जापान भारत और चीन के बीच खाई पैदा करने का काम कर रहा है।
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स की मानें तो ब्रिक्स के बढ़ने और चीन-भारत सहयोग में विस्तार होने से भारत और जापान के रिश्ते अनिश्चितता का सामना कर रहे हैं।
'ग्लोबल टाइम्स' में छपे एक आर्टिकल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जापान यात्रा के बारे में लिखा गया है कि ब्रिक्स देश (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) अपना खुद का विकास बैंक खोलने के लिए सहमत हुए हैं। इससे चीन-भारत रणनीतिक सहयोग एक नए ऐतिहासिक काल में बढ़ रहा है।'
चीन की रुलिंग कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा संचालित अखबार के अनुसार, ‘बीजिंग की सुधरती समुद्री रणनीतियां और चीन-भारत सामरिक रिश्तों में विकास से निसंदेह जापान के रणनीतिक संसाधनों, माध्यमों और बाजारों पर दूरगामी असर पड़ेगा। इसलिए चीन और भारत को बांटना एबे के लिए सबसे बड़ा विषय बन गया है।'
ग्लोबल टाइम्स में यह आर्टिकल ऐसे समय आया है जब नरेंद्र मोदी पांच दिनों की जापान यात्रा पर हैं। आर्टिकल के मुताबिक टोक्यो और नई दिल्ली को अपने सुरक्षा सहयोग को बढ़ाते हुए क्षेत्र में चीन, जापान और अमेरिका के सह-अस्तित्व पर विचार करना चाहिए।
जब एबे ने इस साल की शुरुआत में भारत यात्रा की थी तो दोनों राष्ट्रीय सुरक्षा समितियों के बीच सहयोग बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था। इस बार वह वायु और समुद्र में अपनी साझेदारी को बढ़ाने के लिए कूटनीति और रक्षा की संभवत: ‘दो और दो' की प्रणाली शुरू करेंगे।
ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक एबे ने भारत यात्रा के दौरान भारत को आधिकारिक विकास सहायता बढ़ाकर 210 अरब येन (2.02 अरब डॉलर) की थी। अखबार ने कहा कि टोक्यो भारत के बड़े बाजार और बुनियादी परियोजनाओं को बहुत महत्व देता है।
हालांकि मोदी जापानी कंपनियों से निर्माण उद्योग में मदद के लिए निवेश आकषिर्त करने के इच्छुक हैं. इसके अनुसार, कुल मिलाकर मौजूदा अंतरराष्ट्रीय राजनीति के परिप्रेक्ष्य में जापान-भारत के रिश्तों के विकास में अनेक अनिश्चयकारी तत्व भी हैं।'