ताइवान में चीन के पनडुब्बी हंटर एयरक्राफ्ट ने की घुसपैठ, हवाई फायरिंग होते ही भागे वापस
नई दिल्ली: चीन का सभी पड़ोसी देशों के साथ तनाव बढ़ता ही जा रहा है। एक ओर भारत के साथ लद्दाख में चीन का विवाद जारी है, तो वहीं दूसरी ओर चीन आए दिन ताइवान के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ करता रहता है। अब अमेरिका से ताइवान की निकटता देख चीन सैन्य कार्रवाई की योजना बना रहा है। जिस वजह से उसके पनडुब्बी हंटर Y-8 एयरक्राफ्ट ने ताइवान में घुसपैठ की। हालांकि इस बार फिर चीन का दांव उल्टा पड़ गया।
ताइवान के जेट्स ने की घेराबंदी
ताइवानी मीडिया के मुताबिक चीन ने अपने पनडुब्बी हंटर Y-8 एयरक्राफ्ट को ताइवान की सीमा में भेजा तो था, लेकिन ताइवान ने भी उसे अच्छा सबक सिखाया। वहां पर पहले से गश्त कर रहे ताइवान एयरफोर्स के जहाजों ने उसकी घेराबंदी कर ली। इसके बाद चेतावनी देते हुए उन्हें वापस जाने पर मजबूर कर दिया। ताइवान के विदेश मंत्री के मुताबिक उनका आखिरी सैनिक अपनी अंतिम सांस तक देश की रक्षा के लिए लड़ेगा।
हवाई फायरिंग भी की
मामले में ताइवान की वायुसेना ने बताया कि ये घटना दक्षिण-पश्चिम हवाई क्षेत्र में हुई थी। जैसे ही चीनी विमान डंगसा के विवादित द्वीप के करीब आए, वैसे ही ताइवानी लड़ाकू जेट्स ने हवाई फायर किया और उन्हें चेतावनी दी, जिसके बाद चीनी विमान वापस भाग गया। एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दो हफ्तों में 9 ऐसी घटनाएं हुई हैं, जब चीनी विमान ने ताइवान की हवाई सीमा का उल्लंघन किया है। हाल में जब अमेरिकी मंत्री ताइवान के दौरे पर थे, तब भी चीन ने घुसपैठ की थी।
ताइवान के पास 6000 से ज्यादा मिसाइलें
ताइवान के मुताबिक जब तक अमेरिकी मंत्री उनके देश में थे, तब तक 19 चीनी विमान उसकी सीमा में घुसे। जिसमें 2 J-16 फाइटर जेट्स, 2 J-10 फाइटर जेट्स, 2 J-11 फाइटर जेट्स, 2 H-6 न्यूक्लियर बॉम्बर्स और एक Y-8 एंटी-सबमरीन एयरक्राफ्ट शामिल है। हालांकि ताइवान के आधुनिक रडार तुरंत चीनी घुसपैठ का पता लगा देते हैं। वहीं दूसरी ओर ताइवान को डराने के लिए चीन लाइव फायर एक्सरसाइज कर रही है। ताइवान भी किसी मामले में चीन से कम नहीं है। एक रिपोर्ट के मुताबिक उसके पास भी 6000 से ज्यादा मिसाइलें हैं।
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