चीन ने भारत पर लगाया घुसपैठ और शांति भंग करने का आरोप, कैलाश मानसरोवर यात्रा का रास्ता बंद
बीजिंग। चीन ने भारत पर आरोप लगाया है कि उसने चीन के अधिकार वाले क्षेत्र में हो रहे निर्माण कार्य को रोककर उसकी संप्रभुता का उल्लंघन किया है। चीन के रक्षा मंत्रालय की ओर से एक बयान जारी किया है। सिक्किम में निर्माण कार्य वाली घटना के अलावा नाथुला के रास्ते कैलाश मानसरोवर जाने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए भी चीन ने बॉर्डर का गेट खोलने से मना कर दिया था। चीन ने इसके पीछे सुरक्षा कारणों का हवाला दिया था।
भारत ने किया भड़काने का काम
चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता रेन ग्यूकियांग ने कहा है कि हाल ही में चीन ने डोंगलांग क्षेत्र में सड़क का निर्माण कार्य शुरू किया लेकिन इसे भारतीय सेना ने एलएसी पार करके रोक दिया था। ग्यूकियांग ने कहा, 'सिक्किम में चीन और भारत की सीमा एतिहासिक तौर पर चिन्हित की जा चुकी है। भारत की आजादी के बाद से भारत की सरकार ने लगातार इस बात की लिखित पुष्टि की है कि दोनों देशों को सिक्किम सीमा से कोई एतराज नहीं है।' उन्होंने कहा कि चीन के लिए इस सड़क का निर्माण पूरी तरह से संप्रभुता के तहत अपनी ही सीमा में किया जा रहा था। भारत का इसमें हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है। इससे पहले चीन की ओर से भारत को इस मुद्दे पर जानकारी दी गई थी। चीन की तरफ से आए बयान में कहा गया है कि इस परिप्रेक्ष्य में भारत की सेना ने अपनी परेशानियों को बढ़ाने का काम किया है। दोनों देशों के नेताओं के बीच आपसी समझ के साथ इस पर समझौता किया गया है।
जून के पहले हफ्ते की घटना
चीन ने एक तरह से धमकाते हुए कहा है कि भारत ने ऐसा करके शांति और स्थिरता को खत्म करने का काम किया है। चीन का कहना है कि उसे इस बात की उम्मीद है कि भारत अब सीमा पर तनाव बढ़ाने और इसे और जटिल करने वाले कदम नहीं उठाएगा। बल्कि उसके साथ मिलकर द्विपक्षीय संबंधों में विकास का काम करेगा। यह घटना जून के पहले हफ्ते में सिक्किम पर डोका ला जनरल इलाके में स्थित लालटेन पोस्ट पर हुई थी। साथ ही चीन ने कहा कि सीमा पर विवाद के कारण उसने कैलाश मानसरोवर जाने वाले भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए नाथू ला दर्रा बंद कर दिया है। चीन ने सुरक्षा कारणों से नाथू ला दर्रा के जरिए चीन में भारतीय श्रद्धालुओं के प्रवेश करने की व्यवस्था पर रोक लगा दी है। चीन ने कूटनीतिक माध्यमों के जरिए अपने फैसले के बारे में भारत को सूचित कर दिया है। नाथू ला दर्रा समुद्र से 4,545 मीटर की उंचाई पर है और यह तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र, शिगात्से विभाग में यादोंग काउंटी और सिक्किम के बीच स्थित है।