चीन ने अपने 'दोस्त' पाकिस्तान को दिया धोखा! POK में बिजली परियोजना के कार्य को रोका, देश में छा जाएगा अंधेरा
प्लांट का संचालन करने वाली Authority WAPDA ने भी इस बात की पुष्टि की है कि सुरंग में बाधा आने के कारण सुरक्षा कारणें से इसे बंद करना पड़ा है।
इस्लामाबाद/बीजिंग, 12 सितंबर : भीषण बाढ़, ईंधन और घोर आर्थिक संकट झेल रहे पाकिस्तान को उसके सबसे अच्छे दोस्त चीन ने करारा झटका दे दिया है। खबर है कि,चीन ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में स्थित 969 मेगावाट के नीलम-झेलम हाइड्रोपावर प्रॉजेक्ट के मरम्मत के काम को बंद कर दिया है। इससे शहबाज शरीफ सरकार की मुश्किलें और भी ज्यादा बढ़ गई है।
पाकिस्तान और चीन में दरार
पाकिस्तान इतिहास के सबसे बड़े बाढ़ संकट से जूझ रहा है। अवाम को खाने के लिए भोजन नहीं मिल रहा है। इन सबके बीच ईंधन की कमी से जूझ रहे देश में बिजली की भी किल्लत हो गई है। इस वक्त पाकिस्तान चारों तरफ से घोर मुश्किलों का सामना कर रहा है। ऐसे वक्त में जब उसे अपने सबसे अच्छे दोस्त चीन की जरूरत थी, बीजिंग ने उससे दूरी बना ली है। जानकारी के मुताबिक, इस साल जुलाई महीने से ही चीन ने पाक अधिकृत कश्मीर में स्थित 969 मेगावाट के नीलम-झेलम प्रॉजेक्ट के मरम्मत के काम को बंद कर दिया है।
चीन ने पनबिजली परियोजना के काम को रोका
इसकी बड़ी वजह बताते हुए चीन के इंजीनियरों, कर्मचारियों का कहना है कि, स्थानीय लोग पनबिजली परियोजना के खिलाफ लगातार विरोध कर रहे थे। चीन आरोप लगाया कि, ऐसी हालत में उनके इंजीनियरों और कर्मचारियों की सुरक्षा प्रदान करने में पाकिस्तान की पुलिस असफल रही ,जिसके कारण चीन को ये बड़ा फैसला लेना पड़ा। इधर, चीन की धोखेबाजी के कारण इस्लामाबाद और बीजिंग के बीच बड़ी दरार पैदा हो गई है। बता दें कि, संयंत्र पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में मुजफ्फराबाद के पास स्थित है और चीनी इंजीनियर एक महत्वपूर्ण सुरंग को खोलने के लिए काम कर रहे थे। यह बिजली परियोजना 508 अरब रुपये की है और 3 साल तक काम करने के बाद अचानक से इसे बंद कर दिया गया।
दोनों पक्षों के अधिकारियों के बीच मतभेद
बिजली परियोजना के अचानक बंद होने से चीन और पाकिस्तान के अधिकारियों के बीच गंभीर मतभेद पैदा हो गए हैं। करीब 3.5 किमी लंबी इस सुरंग से प्लांट से पानी को नदी में पहुंचाया जाता है। इस सुरंग में गंभीर गड़बड़ी आ गई है। इससे पूरे प्लांट को पूरी तरह से बंद करना पड़ा है। प्लांट के बंद होने से पाकिस्तान में बिजली का गंभीर संकट पैदा हो गया है। बताया जा रहा है कि टेल्रेस सुरंग में बड़ी दरार आने की वजह से अधिकारियों को परियोजना को बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। जल और विद्युत विकास प्राधिकरण (वापडा), जो जलविद्युत स्टेशनों को संचालित करता है, ने बाद में यह भी पुष्टि की कि परियोजना की 'टेल्रेस सुरंग को अवरुद्ध कर दिया गया है और इसके परिणामस्वरूप, सुरक्षा कारणों से पावर स्टेशन बंद कर दिया गया है'।
समय पर पैसा नहीं दे रहा पाकिस्तान
प्लांट का संचालन करने वाली Authority WAPDA ने भी इस बात की पुष्टि की है कि सुरंग में बाधा आने के कारण सुरक्षा कारणें से इसे बंद करना पड़ा है। पाकिस्तानी अधिकारी परियोजना में चूक और खराब संचालन के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं, चीन की पाकिस्तान से शिकायत है कि काम के पैसे देने में देरी कर रहा है और इसी वजह से सुरंग को ठीक करने का काम प्रभावित हो रहा है। साथ ही चीनी कर्मचारियों, इंजीनियरों को स्थानीय लोगों द्वारा हमले का डर भी सता रहा है। इसके साथ ही, संयंत्र की विफलता ने पाकिस्तानी परियोजनाओं पर काम कर रहे चीनी नागरिकों की सुरक्षा का मुद्दा भी खड़ा हो गया है।
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