लैटिन अमेरिकी देश चिली ने समलैंगिक विवाह को दी वैद्यता, बना कानून
वैलपराइसो, 07 दिसंबर: लैटिन अमेरिकी देश चिली की कांग्रेस ने मंगलवार को समलैंगिक विवाह को वैध बनाने वाले एक लंबे समय से प्रतीक्षित विधेयक को मंजूरी दे दी। इसी के साथ चिली उन कैथोलिक देशों की सूची में शामिल हो गया जिन्होंने इस तरह के कानूनों को कानूनी वैद्यता दी है। इस कानून को अमली जामा पहनाने में राष्ट्रपति सेबेस्टियन पिनेरा का पूर्ण समर्थन था। जो इस बिल पर हस्ताक्षर कर कानून की शक्ल देंगे।
इस कानून को मान्यता मिलने के बाद विवाहित समान-लिंग वाले जोड़े बच्चे गोद लेने में भी सक्षम हो जाएंगे। बिल को कांग्रेस के ऊपरी सदन यानि सीनेट ने मंगलवार को मंजूरी दे दी थी। इसके तुरंत बाद निचले चैंबर ऑफ डेप्युटी द्वारा भी 82-20 वोटों के बहुमत के साथ बिल पर अंतिम मुहर लग गई। अब तक केवल लैटिन अमेरिका के कोस्टा रिका, इक्वाडोर, कोलंबिया, ब्राजील, उरुग्वे और अर्जेंटीना और मैक्सिको के 32 में से 14 राज्यों में समलैंगिक जोड़े शादी कर सकते थे।
चिली ने 2015 में समान-लिंग नागरिक संघों को वैध कर दिया। देश समलैंगिक विवाह के वैधीकरण का बेसब्री से इंतजार कर रहा था। तत्कालीन राष्ट्रपति मिशेल बाचेलेट ने 2017 में कांग्रेस को ये बिल भेजा था। इसके बाद मिशेल के उत्तराधिकारी पिनेरा ने चुनावों में समलैंगिक विवाह और समलैंगिक दम्पतियों द्वारा बच्चों को गोद लेने का समर्थन करने का भी वादा किया है। जिसके बाद उन्हें भारी समर्थन मिला था।
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इस बिल का चिली के सत्तारूढ़ दक्षिणपंथी ग्रुप के सबसे रूढ़िवादी ब्लॉक ने लगातार विरोध किया था, लेकिन विपक्ष-प्रभुत्व वाली कांग्रेस ने हर चरण में इस बिल का समर्थन किया और इस बिल को कानून बनाने में मदद की।