14 साल के बच्चों को अपना सेक्स चेंज करने का मिला हक, चिली ने पास किया कानून
सैंटियागो। चिली ने बुधवार को एक कानून पास किया है और इस कानून के तहत यहां पर 14 वर्ष के बच्चों को अपना सेक्स चेंज कराने और अपना नाम बदलने की कानूनी मंजूरी मिल गई है। चिली के चैंबर्स ऑफ डिप्टीज की ओर से बुधवार को जेंडर आईडेंटिटी लॉ को 95-46 वोट्स से पास कर दिया। इस कानून के तहत 18 वर्ष के युवाओं को मंजूरी मिल गई है कि वह अपना नाम बदल सकते हैं और साथ ही अपना सेक्स भी कानूनी तौर पर चेंज करा सकते हैं। वहीं 14 वर्ष के बच्चों को सेक्स और नाम बदलवाने के लिए अपने माता-पिता या फिर अभिभावक की जरूरत होगी।
बिल पर जारी था घमासान
चिली की सीनेट ने इस बिल को पिछले माह पास किया था। बुधवार को जो वोटिंग हुई है उसके लिए इस रुढ़िवादी देश में पांच वर्ष की तक लड़ाई लड़ी गई थी। चिली साउथ अमेरिक का एक ऐसा देश है जिसे काफी पुराने ख्यालों वाला माना जाता है। इस बिल पर काफी विवाद भी हुआ और कई बार यह पास होते-होते भी रह गया। लेकिन इस बार जब इस मुद्दे को पूर्व राष्ट्रपति मिशेल बैशलेट के कार्यकाल में लाया गया तो इसे मंजूरी मिली। विली के मूवमेंट फॉर होमोसेक्सुअल इंटीग्रेशन एंड लिबरेशन के मुखिया अल्वारो ट्रोनकोसो की मानें तो देश के लोग एक एतिहासिक बदलाव को देख रहे हैं जिसका जश्न भावनाओं और खुशी के साथ मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बिल की वजह से हजारों लोगों के जीवन में सुधार आएगा जिन्हें सम्मान और अधिकारों से कई वर्षों तक वंचित रखा गया था।
सांसदों का विरोध जारी
चिली के सामाजिक कार्यकर्ताओं के मुताबिक लोगों के उनके लिंग की वजह से मान्यता देने से इनकार करना भेदभाव का सबसे भयानक रूप है और इसकी वजह से कई तरह की सामाजिक, मनोविज्ञानी और कानूनी परेशानियां होती हैं। ,चिली में इस कानून के आने के बाद से 18 वर्ष या इससे ज्यादा की उम्र वाले सिंगिल लोग कानूनी तौर अपना नाम और लिंग सिविल रजिस्ट्री ऑफिस में एक फॉर्म भरकर बदलवा सकेंगे। जबकि शादीशुदा लोगों को ऐसा करने के लिए फैमिली कोर्ट में जाने की जरूरत होगी। 14 वर्ष से लेकर 18 वर्ष तक उम्र वाले युवा व्यस्क माता पिता में से किसी एक की या फिर अपने अभिभावक की मंजूरी लेकर फैमिली कोर्ट में सेक्स चेंज करवा सकेंगे। अगर उनके पास इनमें से कोई भी नहीं है तो वे जज की मदद ले सकेंगे। 14 वर्ष से कम उम्र वाले बच्चों के लिए इस कानून को मान्यता देने के रास्ते में सांसदों का विरोध रोड़ा बना हुआ है।