जब चांद से कुछ कदम दूर रह गया था इजरायल, जानिए कैसे?
बेंगलुरु। चांद से महज 2.1 किलोमीटर दूर पहुंचकर लैंडर 'विक्रम' का भारतीय स्पेस स्टेशन से संपर्क टूट गया। शुरुआत के अपने सभी चरणों को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद ठीक लैंडिंग से पहले लैंडर तय मार्ग से भटक गया। जिसके बाद इसरो के सेंटर में सन्नाटा छा गया, चंद्रयान-2 मिशन के लिए उत्सुक पीएम मोदी भी इसरो सेंटर पहुंचे थे लेकिन अचानक संपर्क टूटने के बाद पूरे हॉल के अंदर मायूसी छा गई।
इजरायल के साथ भी हो चुका है ऐसा
लेकिन ऐसा नहीं है कि ये सब कुछ भारत के ही साथ हुआ है, इससे पहले ऐसा ही कुछ इजरायल के साथ भी हो चुका है, दरअसल इसी साल के अप्रैल में इजरायल ने भी अपना स्पेसक्राफ्ट 'बेरेशीट' चांद पर भेजा था, लेकिन यह स्पेसक्राफ्ट लैंड करते वक्त क्रैश हो गया था।
पहला प्राइवेट फंड स्पेसक्राफ्ट
यह इजरायल का पहला प्राइवेट फंड स्पेसक्राफ्ट था, इसे एक नॉन प्रॉफिट कंपनी ने लॉन्च किया था, यह दुनिया का पहला निजी चंद्र अभियान था।
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लैंडर 'विक्रम' का इसरो से संपर्क टूट गया...
फिलहाल चांद की सतह पर पहुंचने से करीब 2.1 किलोमीटर पहले ही लैंडर 'विक्रम' का इसरो से संपर्क टूट गया, हालांकि अभी भी विक्रम और प्रज्ञान से संपर्क की उम्मीदें बाकी हैं लेकिन यह किसी चमत्कार से कम नहीं होगा।
देश को इसरो के वैज्ञानिकों पर गर्व है-पीएम
इसरो में मौजूद पीएम मोदी ने इस कठिन घड़ी में वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाया और कहा कि देश को इसरो के वैज्ञानिकों पर गर्व है। पीएम ने इसरो के वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कहा कि आपने बहुत अच्छा काम किया है। जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, हमें अपनी यात्रा जारी रखनी है।
ये कोई छोटा अचीवमेंट नहीं है: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि ये कोई छोटा अचीवमेंट नहीं है, देश आप पर गर्व करता है। उन्होंने कहा कि फिर से कम्युनिकेशन शुरू हुआ तो अब भी उम्मीद बची है। उन्होंने कहा कि मेरी तरफ से इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई, आप लोगों ने विज्ञान और मानव जाति की बहुत बड़ी सेवा की है। पीएम ने कहा कि आप हिम्मत के साथ चलें, मैं और पूरा देश आपके साथ है।