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Chandrayaan 2: जिस जगह लैंड हुआ विक्रम, वह है बेहद ही खतरनाक इलाका-ESA

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लंदन। चंद्रयान-2 का लैंडर विक्रम इसरो के प्लान के मुताबिक सॉफ्ट लैंडिंग नहीं कर सका और चांद से महज 2.1 किमी की दूरी पर इसका स्पेस एजेंसी से संपर्क टूट गया, हालांकि अब ऑर्बिटर की मदद से विक्रम की लोकेशन का पता लग चुका है और उससे संपर्क साधने की पूरी कोशिश की जा रही है लेकिन इसी बीच यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ईएसए) की एक रिपोर्ट में चौंकाने वाली बात सामने आई है, रिपोर्ट के मुताबिक जिस जगह विक्रम की लोकेशन ट्रैक की गई है, वो एक बेहद ही जटिल और खतरनाक इलाका है।

यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ईएसए) की एक रिपोर्ट

यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ईएसए) की एक रिपोर्ट

दरअसल यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने खुद अपने 'लूनर लैंडर मिशन' के लिए ये रिपोर्ट तैयार की थी लेकिन पैसों की कमी के पीछे ये मिशन तो पूरा नहीं हो पाया लेकिन उसकी रिपोर्ट से कई अहम जानकारियां निकलकर सामने आई हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक 'लूनर लैंडर मिशन' को साल 2018 में लैंड होना था लेकिन उसे बीच में बंद करना पड़ा, लेकिन इस मिशन के लिए ईएसएस ने लैंडिग के दौरान चांद के दक्षिणी ध्रुव में होने वाले संभावित खतरों पर एक रिपोर्ट तैयार की थी, जिसके मुताबिक चांद का साउथ एरिया काफी जटिल है।

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धरती से अलग है चांद का नजारा

धरती से अलग है चांद का नजारा

चांद की सतह धरती की सतह से एकदम अलग है, यहां बहुत उबड़-खाबड़ रास्ते हैं, यहां पर चार्ज्ड पार्टिकल्स और रेडिएशन चांद की धूल से मिलते हैं, जिससे यंत्र के मशीनें खराब हो सकती हैं, चांद की धूल के बारे में ज्यादा जानकारी ना होने की वजह से इस इलाके के बारे में सही अनुमान लगा पाना मुश्किल है।

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'लैंडर विक्रम' पूरी तरह से सुरक्षित

'लैंडर विक्रम' पूरी तरह से सुरक्षित

वैसे आपको बता दें कि सोमवार को इंडियन स्‍पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) ने जानकारी दी थी कि लैंडर विक्रम पूरी तरह से सुरक्षित है। इसरो चीफ के सिवन ने बताया कि चंद्रयान-2 का लैंडर मिल गया है लेकिन अभी तक इससे कोई भी कॉन्‍टैक्‍ट नहीं सका है। सिवन ने यह भी बताया था कि ऑर्बिटर ने लैंडर की थर्मल इमेज भी क्लिक की है। सिवन के इस जानकारी के मुताबिक लोगों की उम्मीदें फिर से जिंदा हो गई हैं।

चंद्र देवता के लिए पूजा

चंद्र देवता के लिए पूजा

भारत के मून लैंडर विक्रम की सलामती के लिए तमिलनाडु के तंजावुर जिले में स्थित चंद्रनार मंदिर में विशेष प्रार्थना की गई। मंदिर के एक अधिकारी ने बताया कि इसरो के मून लैंडर विक्रम से दोबारा संचार लिंक के लिए भगवान चंद्रमा की पूजा की गई। भगवान चंद्रमा का आशीर्वाद पाने के लिए मंदिर में विशेष 'अभिषेकम' कराया गया।

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English summary
The European Space Agency (ESA) was planning an unmanned mission to the south pole region of the Moon — almost like Chandrayaan-2 with a targeted landing date sometime in 2018.
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