Chandrayaan 2: अब चीन भी हुआ भारतीय वैज्ञानिकों का मुरीद, कहा-उम्मीद ना छोड़े इंडिया
Recommended Video
बीजिंग। चीन के लोगों ने भी भारत के दूसरे चंद्र मिशन से जुड़े वैज्ञानिकों की काफी सराहना की है और उसकी ओर से इसरो के लिए काफी सकारात्मक रिएक्शन आए हैं, उन्होंने भारत के वैज्ञानिकों की तारीफ करते हुए उम्मीद ना छोड़ने की बात कही है, चीनी मीडिया में सोमवार को भारत के चंद्रयान मिशन 2 को लेकर काफी कुछ कहा गया, उन्होंने भारत के अथक प्रयास की प्रशंसा करते हुए, उम्मीद न छोड़ने और ब्रह्मांड में खोज जारी रखने को कहा है।
चीनी मीडिया ने की भारत के वैज्ञानिकों की तारीफ
चीन में बहुत से लोगों ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट 'साइना वीबो' पर भारतीय वैज्ञानिकों से उम्मीद न छोड़ने को कहा, लोगों ने लिखा है कि अंतरिक्ष की खोज में सभी मनुष्य शामिल हैं, इससे फर्क नहीं पड़ता कि किस देश को सफलता मिली, इसे हमारी प्रशंसा मिलनी चाहिए और जो अस्थायी रूप से विफल हुए हैं, उनका भी हौसला बढ़ाया जाना चाहिए, तो कुछ लोगों ने लिखा कि भारतीय वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष खोज के लिए महान प्रयास और त्याग किया है, जिसके लिए वो तारीफ के पात्र हैं।
यह पढ़ें: जानिए क्यों कन्याकुमारी के इस गांव का हर बच्चा बनना चाहता है 'डॉ.सिवन'?
लैंडर विक्रम पूरी तरह से सुरक्षित
आपको बता दें कि सोमवार को इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) ने जानकारी दी थी कि लैंडर विक्रम पूरी तरह से सुरक्षित है। इसरो चीफ के सिवन ने बताया कि चंद्रयान-2 का लैंडर मिल गया है लेकिन अभी तक इससे कोई भी कॉन्टैक्ट नहीं सका है। सिवन ने यह भी बताया था कि ऑर्बिटर ने लैंडर की थर्मल इमेज भी क्लिक की है। सिवन के इस जानकारी के मुताबिक लोगों की उम्मीदें फिर से जिंदा हो गई हैं।
चंद्र देवता के लिए पूजा
भारत के मून लैंडर विक्रम की सलामती के लिए तमिलनाडु के तंजावुर जिले में स्थित चंद्रनार मंदिर में विशेष प्रार्थना की गई। मंदिर के एक अधिकारी ने बताया कि इसरो के मून लैंडर विक्रम से दोबारा संचार लिंक के लिए भगवान चंद्रमा की पूजा की गई। भगवान चंद्रमा का आशीर्वाद पाने के लिए मंदिर में विशेष 'अभिषेकम' कराया गया।
वैज्ञानिकों के अंदर खुशी की लहर
लैंडर विक्रम के लोकेशन का पता चल जाने की वजह से एक बार फिर से इसरो वैज्ञानिकों के अंदर खुशी की लहर देखी जा रही है, उनके अंदर उम्मीदें जगी हैं, वैज्ञानिकों के मुताबिक उनके पास विक्रम से संपर्क साधने के लिए 12 दिन हैं।
'लूनर डे'
अब आप सोचेंगे कि ये 12 दिन कैसे और क्यों, तो आपको बता दें कि दरअसल अभी 'लूनर डे' चल रहा है, एक लूनर डे धरती के 14 दिनों के बराबर होता है, जिसमें से केवल 2 दिन बीत चुके हैं यानी अगले 12 दिनों तक चांद पर दिन रहेगा, जो कि धरती पर संपर्क करने के लिए काफी मुनासिब वक्त है, जबकि इसके बाद चांद पर रात हो जाएगी जिससे धरती पर वहां संपर्क करने आसान नहीं होगा।
यह पढ़ें:Chandrayaan 2: जानिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) से जुड़ी ये खास बातें